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Chowna Mein: 'बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के खिलाफ मिले वैकल्पिक...', केंद्र से अरुणाचल प्रदेश की मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 21 Dec 2024 06:52 PM IST
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सार
अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चाउना मीन ने राजस्थान में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बजट पूर्व परामर्श बैठक में भाग लेते हुए, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) जैसे संगठनों से बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के महत्व को रेखांकित किया।

चाउना मीन, अरुणाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम
- फोटो : ANI
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विस्तार
अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चाउना मीन ने वित्तीय सहायता और तकनीकी विशेषज्ञता दोनों के लाभों का इस्तेमाल के लिए केंद्र से राज्य के लिए वैकल्पिक वित्तपोषण तंत्र की मांग की है। चाउना मीन ने नेफा युग से राज्य की जीर्ण-शीर्ण अर्ध-स्थायी संरचनाओं को मजबूत आरसीसी भवनों से बदलने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला और इसके लिए एक विशेष वित्तीय पैकेज का प्रस्ताव दिया।
'चीन की आपत्तियों के कारण प्रदेश को नुकसान'
राजस्थान के जैसलमेर में शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बजट पूर्व परामर्श बैठक में भाग लेते हुए, चाउना मीन, जिनके पास वित्त विभाग भी है, ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) जैसे संगठनों से बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के महत्व को रेखांकित किया। चीन की आपत्तियों के कारण अरुणाचल प्रदेश इन संगठनों से धन प्राप्त करने में असमर्थ रहा है।
केंद्र के निरंतर सहयोग के लिए जताया आभार
वहीं केंद्र के निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए, चाउना मीन ने पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) जैसी पहलों की सराहना की, जिससे अरुणाचल प्रदेश महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी लाने में सक्षम हुआ है। उन्होंने राज्य में विकास प्रक्रिया को और तेज करने के लिए एसएएससीआई (भाग-I) के तहत बढ़े हुए आवंटन का भी अनुरोध किया।
वित्तीय चुनौतियों की ओर आकर्षित किया ध्यान
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कार्बन सिंक राज्य होने के नाते अरुणाचल प्रदेश पर्यावरणीय स्थिरता में अपनी भूमिका के लिए प्रोत्साहन तंत्र की प्रतीक्षा कर रहा है। चाउना मीन ने राज्य के चुनौतीपूर्ण भूभाग से उत्पन्न वित्तीय चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया, जहां विकास की लागत अन्य क्षेत्रों की तुलना में 2.5 गुना अधिक है। इस असमानता को दूर करने के लिए, उन्होंने राज्यों को संसाधन आवंटित करते समय 'लागत विकलांगता सूचकांक' को ध्यान में रखने का सुझाव दिया। इस बैठक में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी शामिल हुए, जिसमें राज्यों को केंद्रीय बजट 2025-26 से पहले अपनी प्राथमिकताओं और चुनौतियों को प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया।

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'चीन की आपत्तियों के कारण प्रदेश को नुकसान'
राजस्थान के जैसलमेर में शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बजट पूर्व परामर्श बैठक में भाग लेते हुए, चाउना मीन, जिनके पास वित्त विभाग भी है, ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) जैसे संगठनों से बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के महत्व को रेखांकित किया। चीन की आपत्तियों के कारण अरुणाचल प्रदेश इन संगठनों से धन प्राप्त करने में असमर्थ रहा है।
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केंद्र के निरंतर सहयोग के लिए जताया आभार
वहीं केंद्र के निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए, चाउना मीन ने पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) जैसी पहलों की सराहना की, जिससे अरुणाचल प्रदेश महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी लाने में सक्षम हुआ है। उन्होंने राज्य में विकास प्रक्रिया को और तेज करने के लिए एसएएससीआई (भाग-I) के तहत बढ़े हुए आवंटन का भी अनुरोध किया।
वित्तीय चुनौतियों की ओर आकर्षित किया ध्यान
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कार्बन सिंक राज्य होने के नाते अरुणाचल प्रदेश पर्यावरणीय स्थिरता में अपनी भूमिका के लिए प्रोत्साहन तंत्र की प्रतीक्षा कर रहा है। चाउना मीन ने राज्य के चुनौतीपूर्ण भूभाग से उत्पन्न वित्तीय चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया, जहां विकास की लागत अन्य क्षेत्रों की तुलना में 2.5 गुना अधिक है। इस असमानता को दूर करने के लिए, उन्होंने राज्यों को संसाधन आवंटित करते समय 'लागत विकलांगता सूचकांक' को ध्यान में रखने का सुझाव दिया। इस बैठक में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी शामिल हुए, जिसमें राज्यों को केंद्रीय बजट 2025-26 से पहले अपनी प्राथमिकताओं और चुनौतियों को प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया।