Giorgio Armani's Will: जियार्जियो अरमानी की मौत के बाद 11.8 अरब डॉलर की वसीयत का खुलासा, जानें किसे क्या मिला
Giorgio Armani's Will: इतालवी डिजाइनर जियार्जियो अरमानी का 91 वर्ष की आयु में 4 सितंबर को निधन हो गया। उन्होंने बीते पांच दशकों में कई मिलियन यूरो का फैशन साम्राज्य खड़ा किया था। अरमाकी की मौत के बाद उनके वसीयत से जुड़ी जानकारी सामने आई है, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

विस्तार
फैशन जगत के दिग्गज जियोर्जियो अरमानी का 4 सितंबर को 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन के बाद शुक्रवार को उनके 11.8 अरब डॉलर के लग्जरी समूह की वसीयत सार्वजनिक की गई। अरमानी ने अपनी वसीयत में एक बड़े लक्जरी समूह से अपनी कंपनी में हिस्सेदारी लेने का अनुरोध किया है। इन संभावित खरीदारों के रूप में एलवीएमएच, एस्सिलोरलक्सोटिका या लोरियल का जिक्र किया गया है। अरमानी ने अपनी वसीयत में और क्या-क्या कहा है आइए जानते हैं विस्तार से।

इतालवी डिजाइनर जियार्जियो अरमानी का 91 वर्ष की आयु में 4 सितंबर को निधन हो गया। उन्होंने बीते पांच दशकों में कई मिलियन यूरो का फैशन साम्राज्य खड़ा किया था और उसपर सख्त नियंत्रण बनाए रखा। उनके विशाल साम्राज्य में हाउते कॉउचर से लेकर होटल तक शामिल थे।
15% हिस्सेदारी प्रमुख फैशन हाउस को बेचने की जताई गई है इच्छा
एक इतालवी प्रेस की ओर से प्रकाशित अपनी वसीयत में अरमानी ने इच्छा जताई है कि जिस फाउंडेशन को कंपनी विरासत में मिलेगी। उसे 15 प्रतिशत हिस्सेदारी एक प्रमुख फैशन हाउस को बेच देनी चाहिए। उन्होंने फ्रांसीसी लक्जरी दिग्गज एलवीएमएच, सौंदर्य प्रसाधन समूह लोरियल और आईवियर कंपनी एस्सिलोरलक्सोटिका का जिक्र अपने पसंदीदा खरीदारों के रूप में किया है। हालांकि अरमानी ने कहा है कि इसी स्तर की कोई अन्य कंपनी भी उन्हें स्वीकार्य होगी।

लोरियल, जो 1988 से अरमानी परफ्यूम और सौंदर्य प्रसाधन बेच रहा है ने शुक्रवार को कहा कि वह इस बात से "अत्यंत प्रसन्न और गौरवान्वित" है कि अरमानी ने समूह को एक संभावित हितधारक माना है। लोरियल ने कहा है कि वह इस संभावना पर सावधानीपूर्वक विचार करेगा। वसीयत के अनुसार नया शेयरधारक गुरुवार को वसीयत खुलने के तीन से पांच साल के भीतर समूह में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद सकेगा। ऐसा नहीं होने की स्थिति में अरमानी ने अनुरोध किया है कि उनकी कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध कर दी जाए। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि अरमानी फाउंडेशन के पास 30.1 प्रतिशत शेयर बने रहे।
अरमानी की कार्यसमिति ने कहा- फाउंडेशन का बना प्रभाव रहेगा
एक बयान में जियोर्जियो अरमानी की कार्यकारी समिति ने जोर देकर कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, फाउंडेशन अपना मजबूत प्रभाव बनाए रखेगा। इसमें कहा गया, "फाउंडेशन... कभी भी 30 प्रतिशत से कम पूंजी नहीं रखेगा। इससे वह संस्थापक के सिद्धांतों के अनुपालन का स्थायी गारंटर बन जाएगा।" फोर्ब्स पत्रिका के आकलन के अनुसार जियार्जियो अरमानी की कुल संपत्ति 11.8 बिलियन डॉलर है।
अरमानी के करीब लियो डेल ऑर्को और भातीजे-भतीजी को क्या मिलेगा?
मिलान स्थित इस डिजाइनर की कोई संतान नहीं थी और उन्होंने अपनी पूरी कंपनी अपनी फाउंडेशन को दे दी। इसका प्रबंधन उनके सबसे करीबी व्यक्ति लियो डेल ऑर्को और उनके भतीजे-भतीजी करेंगे। वसीयत के अनुसार, फाउंडेशन के पास कंपनी के 10 प्रतिशत शेयर होंगे और शेष शेयर बिना उपयोग के अधिकार के साथ होगे। फाउंडेशन के पास 30 प्रतिशत मतदान अधिकार होंगे। 40 प्रतिशत डेल'ऑर्को को और 15-15 प्रतिशत उनकी भतीजी सिल्वाना अरमानी और भतीजे एंड्रिया कैमेराना को आवंटित किए जाएंगे।
इसमें कहा गया है, "वसीयत में स्पष्ट किया गया है कि सभी लघु और मध्यम अवधि के रणनीतिक निर्णय डेल'ऑर्को और उनके परिवार के हाथों में होंगे, जिन्हें फाउंडेशन का समर्थन प्राप्त होगा।" वसीयत में कहा गया है कि संभावित साझेदार एक ऐसी कंपनी होगी जो "मान्यता प्राप्त हो और अरमानी की ओर से निर्मित ब्रांड में वास्तव में रुचि रखती हो।"
डिजाइनर का रियल एस्टेट साम्राज्य उनकी बहन रोसन्ना और उनकी भतीजी और भतीजे को विरासत में मिला। लेकिन डेल ऑर्को ने फ्रांस में सेंट ट्रोपेज, स्विट्जरलैंड में सेंट मोरित्ज और एंटीगुआ व पैन्टेलेरिया द्वीपों पर स्थित संपत्तियों का उपयोग बरकरार रखा है। अरमानी की कई महीनों तक बीमार रहने के बाद 4 सितंबर को मौत हो गई। उनके अवशेषों को पियासेंजा के निकट रिवाल्टा के पारिवारिक मकबरे में उनके परिवार के साथ दफनाया गया है। इसी शहर में डिजाइनर का जन्म हुआ था।