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GST: दवा निर्माता व चिकित्सा उपकरण उद्योग जीएसटी दर में कटौती का लाभ आम लोगों तक पहुंचाएं, एनपीपीए के निर्देश

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Sat, 13 Sep 2025 01:24 PM IST
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सार

GST: राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने दवा निर्माताओं को कहा कि वे विपणन कंपनियों, डीलरों, खुदरा विक्रेताओं, राज्य औषधि नियंत्रकों और सरकार को संशोधित मूल्य सूची या पूरक मूल्य सूची जारी करें। इसमें संशोधित जीएसटी दरों और संशोधित एमआरपी का भी विवरण हो। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं। 

NPPA asks drug makers, medical device industry to pass on GST rate cut benefit to consumers
दवाएं - फोटो : Freepik
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विस्तार
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राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण यानी एनपीपीए ने दवा कंपनियों और चिकित्सा उपकरण निर्माताओं से कहा है कि वे 22 सितंबर से जीएसटी दरों में होने वाली कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को दें। प्राधिकरण ने एक आदेश में कहा, "जीएसटी दरों में कमी का लाभ 22 सितंबर, 2025 से उपभोक्ताओं/मरीजों को दिया जाएगा। दवाएं/फॉर्मूलेशन बेचने वाली सभी निर्माता/विपणन कंपनियां 22 सितंबर से दवाओं/फॉर्मूलेशन (चिकित्सा उपकरणों सहित) के एमआरपी को उसी अनुसार संशोधित करेंगी।"

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राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने कहा कि दवा निर्माता विपणन कंपनियों, डीलरों, खुदरा विक्रेताओं, राज्य औषधि नियंत्रकों और सरकार को संशोधित मूल्य सूची या पूरक मूल्य सूची जारी करेंगी। इसमें संशोधित जीएसटी दरों और संशोधित एमआरपी का विवरण होगा। 
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आदेश में कहा गया है कि निर्माता और विपणन कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया सहित संचार के सभी संभावित चैनलों के माध्यम से डीलरों, खुदरा विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को जीएसटी दरों में कटौती के बारे में जागरूक करने के लिए तत्काल उपाय करेंगी।

एनपीपीए ने अपने आदेश में कहा, "उद्योग संघ 22 सितंबर, 2025 से संशोधित जीएसटी दरों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए डीलरों/खुदरा विक्रेताओं तक पहुंचने के लिए स्थानीय समाचार पत्रों सहित प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों में विज्ञापन भी जारी कर सकते हैं।"

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि निर्माता/विपणन कंपनियां दिए गए उपायों के जरिए खुदरा विक्रेता स्तर पर मूल्य अनुपालन सुनिश्चित कर सकती हैं, तो 22 सितंबर, 2025 से पहले बाजार में जारी किए गए स्टॉक के कंटेनरों या पैक के लेबल को वापस मंगाना, पुनः लेबलिंग करना या पुनः स्टीकर लगाना अनिवार्य नहीं है। 56वीं जीएसटी परिषद ने प्रमुख दवाओं पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने की सिफारिश की है। जिन दवाओं पर पहले 12 प्रतिशत की दर लागू थी, उन्हें 5 प्रतिशत की दर में नहीं बदला गया है।

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