सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Climate disasters increasing mental problems of teenagers

US: जलवायु आपदाएं बढ़ा रहीं किशोरों की मानसिक परेशानियां, अमेरिका के स्कूली बच्चों पर हुआ रिसर्च

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: जलज मिश्रा Updated Thu, 29 Feb 2024 06:06 AM IST
सार

डॉर्नसाइफ स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर एमी औचिनक्लॉस के नेतृत्व में किया गया शोध प्रिवेंटिव मेडिसिन रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है।  इसमें 14 अमेरिकी राज्यों के 10वीं के 38,616 छात्रों पर सर्वे किया गया।

विज्ञापन
Climate disasters increasing mental problems of teenagers
Climate change - फोटो : सोशल मीडिया
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

दुनियाभर में सोशल मीडिया, डार्क वेब और तेजी से बदलती जीवनशैली के कारण पहले से ही तनाव झेल रहे किशोरों को जलवायु परिवर्तन ने अब एक नए संकट में डाल दिया है। एक अध्ययन के अनुसार, यह किशोरों में मानसिक परेशानियों को भी बढ़ा रहा है।

Trending Videos

डॉर्नसाइफ स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर एमी औचिनक्लॉस के नेतृत्व में किया गया शोध प्रिवेंटिव मेडिसिन रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है।  इसमें 14 अमेरिकी राज्यों के 10वीं के 38,616 छात्रों पर सर्वे किया गया। अध्ययन के अनुसार, जिन बच्चों ने पांच साल में जलवायु आपदाओं जैसे तूफान, बाढ़, सूखा और आग का अनुभव किया है उनमें साथी बच्चों की अपेक्षा मानसिक परेशानी के 20% लक्षण अधिक देखे गए।

विज्ञापन
विज्ञापन

निराशा और कम नींद  की शिकायत ज्यादा
किशोरों ने उदासी, निराशा, नकारात्मक भावनाएं लगातार हावी होने और कम नींद से जुड़ी हुई मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की खुलकर जानकारी दी। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों में बच्चों के बीच मानसिक रोगों का बढ़ता प्रसार, भोजन-पानी की असुरक्षा और वायु की गुणवत्ता में गिरावट शामिल है।

किशोर छात्रों के समूह के अंतर्गत कुछ ऐसे भी कारक मिले जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते थे, जैसे कि ज्यादा उम्र वाले बच्चों का कम उम्र वाले बच्चों के साथ पढ़ना, जाति, लिंग, स्कूल सुरक्षा और घरेलू आय के बारे में चिंताएं भी इसमें शामिल थीं। अध्ययन के दौरान विशेष रूप से यह तथ्य भी उभर कर सामने आया  कि निम्न आय वाले समुदायों के किशोर, जो आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं, वह अपेक्षाकृत ज्यादा तनाव में हैं।

अध्ययनकर्ताओं के अनुसार युवा मानसिक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए संसाधनों की मांग पूरा करने में पहले से ही कठिनाई हो रही है और आपदाएं बढ़ने के साथ मांग और बढ़ेगी। हालांकि, मनोवैज्ञानिकों, मनोचिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की ओर से क्लिनिकल मैनुअल में जलवायु चिंता को आधिकारिक तौर पर मानसिक स्वास्थ्य विकार के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, लेकिन यह अध्ययन साबित करता है  कि अब मनोवैज्ञानिकों और मनोचिकित्सकों को स्थिति पर पुनर्विचार करना चाहिए।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed