सेना मुख्यालय के पुनर्गठन को लेकर रक्षा मंत्री ने विभिन्न प्रस्तावों को दी मंजूरी
सेना मुख्यालय भावी चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर रहा है। सेना के भीतर लगातार पारदर्शिता, मानव अधिकारों को वरीयता देने तथा सक्षमता के साथ आपरेशनल क्षमता को बनाए रखने पर जोर दिया जाता है। इसको लेकर सेना मुख्यालय ने अपने पुनर्गठन के बाबत अध्ययन कराया और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पास इसे मंजूरी के लिए भेजा दिया था। रक्षा मंत्री ने बुधवार को इसकी अनुमति दे दी। सेना मुख्यालय के पुनर्गठन के तहत नए और स्वतंत्र सतर्कता प्रकोष्ठ की स्थापना, विशेष मानव अधिकार अनुभाग और 206 अधिकारियों की पदस्थापना का निर्णय लिया गया।
सतर्कता प्रकोष्ठ
पहले भी इस तरह की व्यवस्था थी, लेकिन सतर्कता से जुड़ी विभिन्न एजेंसियां सेना प्रमुख के अधीन अपना काम रही थीं, लेकिन अब सतर्कता का अलग से प्रकोष्ठ बनाने की पहल हुई है। इस प्रकोष्ठ में सेना, नौसेना और वायुसेना के कर्नल स्तर के अधिकारी होंगे। मेजर जनरल स्तर का सैन्य अफसर एडिशनल डायरेक्टर जनरल की पोस्ट पर तैनात होगा और यह प्रकोष्ठ सीधे सेना प्रमुख के अधीन काम करेगा।
मानवाधिकार अनुभाग
सेना ने मानवाधिकारों को लेकर विशेष संवेदनशीलता दिखाई है। मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर आने वाली शिकायतों को प्राथमिकता के साथ निबटारे के लिए उप सेना प्रमुख के अधीन यह विभाग काम करेगा। मेजर जनरल स्तर का अपर निदेशक अधिकारी सीधे सेना उप प्रमुख को रिपोर्ट करेगा। यह विभाग मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामले में जांच का शीर्ष विभाग होगा। खास बात यह है कि सेना मानवाधिकारों से जुड़ी शिकायतों की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक या वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को डेपुटेशन पर विभाग में स्थान देगी।
206 अधिकारियों की पदस्थापन
सेना मुख्यालय 206 अधिकारियों को फील्ड आर्मी के यूनिटों या फार्मेशनों के लिए उपलब्ध कराएगा। इनमें तीन मेजर जनरल, 8 ब्रिगेडियर, नौ कर्नल और 186 ले. कर्नल रैंक के अफसर होंगे।
Defence Minister Rajnath Singh has approved various proposals for re-organisation of Army Headquarters. The approval has been given based on a detailed internal study conducted by the Army Headquarters. pic.twitter.com/tFMyZvC81W
— ANI (@ANI) August 21, 2019