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Lok Sabha: डीएमके सांसद कनिमोझी का पीएम मोदी पर हमला, कहा- 'विश्वगुरु' ने हमें और देश के लोगों को निराश किया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: बशु जैन
Updated Tue, 29 Jul 2025 04:35 PM IST
सार
डीएमके सांसद ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का पर्दाफाश करने के लिए विदेश भेजे गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने के लिए सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इन प्रतिनिधिमंडलों को क्यों जाना पड़ा, हमले क्यों हुए? कुछ अवसर जश्न मनाने के नहीं बल्कि शोक मनाने के होते हैं।
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लोकसभा में बोलतीं डीएमके सांसद कनिमोझी।
- फोटो : PTI
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विस्तार
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान डीएमके सांसद कनिमोझी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ‘विश्वगुरु’ ने अपने ही देश के लोगों को निराश किया है। यदि भारत वास्तव में विश्वगुरु है तो आतंकवादी हमले क्यों होते रहते हैं।
डीएमके सांसद ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का पर्दाफाश करने के लिए विदेश भेजे गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने के लिए सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पहली बार भाजपा ने विपक्ष पर कुछ भरोसा दिखाया है और हमें देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए नेताओं या प्रतिनिधिमंडलों के हिस्से के रूप में भेजा है। मैं सरकार को धन्यवाद देना चाहती हूं, लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगी कि अगर इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने का अवसर नहीं मिला होता तो हम अधिक खुश और आभारी होते।
कनिमोझी ने कहा कि इन प्रतिनिधिमंडलों को क्यों जाना पड़ा, हमले क्यों हुए? कुछ अवसर जश्न मनाने के नहीं बल्कि शोक मनाने के होते हैं। ये अवसर इसलिए आए क्योंकि शांति नहीं हो पाई और यह गहरे दर्द से उपजा है। हमें जाना पड़ा क्योंकि आपने भारत के लोगों को निराश किया है। विश्वगुरु ने हमें निराश किया है। आज यह आरोप-प्रत्यारोप का खेल बन गया है। आज भी गृह मंत्री ने अपने भाषण में केवल विपक्ष पर दोष मढ़ने पर ध्यान दिया।
डीएमके सांसद ने कहा कि मई 2024 में जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकवादियों ने नौ तीर्थयात्रियों की हत्या कर दी थी। अक्टूबर 2024 में एक और हमला हुआ और नवंबर 2024, अप्रैल 2025 में श्रीनगर और पहलगाम में दो और हमले हुए। पुलवामा में आतंकी 240 किलोग्राम आरडीएक्स लेकर आए, हमारे पास कोई जवाब नहीं है।
उन्होंने कहा कि हर बार जब कोई हमला होता है, तो आप कहते हैं कि यह दोबारा नहीं होगा, लेकिन विश्वगुरु ने क्या सीखा? जब रॉ और आईबी ने कहा कि संदिग्ध गतिविधियां हो रही हैं, आतंकवादी रेकी करने और यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हो रहा है, तब सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की? किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। हमने इसे क्यों जाने दिया?
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कनिमोझी ने कहा कि इन प्रतिनिधिमंडलों को क्यों जाना पड़ा, हमले क्यों हुए? कुछ अवसर जश्न मनाने के नहीं बल्कि शोक मनाने के होते हैं। ये अवसर इसलिए आए क्योंकि शांति नहीं हो पाई और यह गहरे दर्द से उपजा है। हमें जाना पड़ा क्योंकि आपने भारत के लोगों को निराश किया है। विश्वगुरु ने हमें निराश किया है। आज यह आरोप-प्रत्यारोप का खेल बन गया है। आज भी गृह मंत्री ने अपने भाषण में केवल विपक्ष पर दोष मढ़ने पर ध्यान दिया।
डीएमके सांसद ने कहा कि मई 2024 में जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकवादियों ने नौ तीर्थयात्रियों की हत्या कर दी थी। अक्टूबर 2024 में एक और हमला हुआ और नवंबर 2024, अप्रैल 2025 में श्रीनगर और पहलगाम में दो और हमले हुए। पुलवामा में आतंकी 240 किलोग्राम आरडीएक्स लेकर आए, हमारे पास कोई जवाब नहीं है।
उन्होंने कहा कि हर बार जब कोई हमला होता है, तो आप कहते हैं कि यह दोबारा नहीं होगा, लेकिन विश्वगुरु ने क्या सीखा? जब रॉ और आईबी ने कहा कि संदिग्ध गतिविधियां हो रही हैं, आतंकवादी रेकी करने और यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हो रहा है, तब सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की? किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। हमने इसे क्यों जाने दिया?
संसदीय समिति ने ई-दाखिल प्लेटफॉर्म के तहत उपभोक्ता मामलों के समाधान की धीमी प्रगति पर की बात
संसद की एक समिति ने मंगलवार को सरकार से उपभोक्ता मामलों के समाधान की दर में सुधार लाने और ई-दाखिल मंच के तहत लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाने को कहा। संसद में प्रस्तुत की गई कार्रवाई रिपोर्ट में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण संबंधी संसद की स्थायी समिति की अध्यक्ष कनिमोझी करुणानिधि ने कहा कि उन्नत ई-जागृति प्रणाली में उन्नयन से मामले के प्रबंधन और निगरानी के लिए बेहतर उपकरण उपलब्ध होंगे।
समिति इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत मामलों के 23 प्रतिशत के निरंतर निम्न समाधान दर को लेकर चिंता जताई। सरकार ने लंबित मामलों को निपटाने या मामले के समाधान में तेजी लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में ठोस जानकारी नहीं दी है। समिति ने इस बात पर जोर दिया कि अकेले डिजिटलीकरण से शिकायत दर्ज करने में आसानी होगी, लेकिन उपभोक्ताओं के लिए समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए मजबूत निगरानी और प्रशासनिक उपाय भी किए जाने चाहिए। समिति एक समर्पित निगरानी तंत्र की सिफारिश को दोहराती है।
संसद की एक समिति ने मंगलवार को सरकार से उपभोक्ता मामलों के समाधान की दर में सुधार लाने और ई-दाखिल मंच के तहत लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाने को कहा। संसद में प्रस्तुत की गई कार्रवाई रिपोर्ट में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण संबंधी संसद की स्थायी समिति की अध्यक्ष कनिमोझी करुणानिधि ने कहा कि उन्नत ई-जागृति प्रणाली में उन्नयन से मामले के प्रबंधन और निगरानी के लिए बेहतर उपकरण उपलब्ध होंगे।
समिति इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत मामलों के 23 प्रतिशत के निरंतर निम्न समाधान दर को लेकर चिंता जताई। सरकार ने लंबित मामलों को निपटाने या मामले के समाधान में तेजी लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में ठोस जानकारी नहीं दी है। समिति ने इस बात पर जोर दिया कि अकेले डिजिटलीकरण से शिकायत दर्ज करने में आसानी होगी, लेकिन उपभोक्ताओं के लिए समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए मजबूत निगरानी और प्रशासनिक उपाय भी किए जाने चाहिए। समिति एक समर्पित निगरानी तंत्र की सिफारिश को दोहराती है।