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RBI: 'केवाईसी दस्तावेज़ के लिए ग्राहकों को बार-बार न परेशान करें',आरबीआई गवर्नर का बैंकों को सख्त संदेश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: शुभम कुमार
Updated Tue, 18 Mar 2025 06:11 AM IST
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सार
आरबीआई गवर्नर ने इस बात पर खेद जताया कि अधिकतर बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने अपनी शाखाओं या कार्यालयों को केंद्रीय डाटाबेस से जानकारी हासिल करने की सुविधा नहीं दी है।

संजय मल्होत्रा
- फोटो : ANI

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विस्तार
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैंकों से कहा, वे ग्राहकों को ‘अपने ग्राहक को जानो’ (केवाईसी) दस्तावेज जमा करने के लिए बार-बार फोन न करें। आरबीआई लोकपालों के सालाना सम्मेलन में मल्होत्रा ने कहा, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि एक बार ग्राहक की ओर से वित्तीय संस्थान को दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद उन्हीं कागजातों को फिर से प्राप्त करने पर जोर न दिया जाएगा।
आरबीआई गवर्नर ने इस बार पर जताया खेद
आरबीआई गवर्नर ने इस बात पर खेद जताया कि अधिकतर बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने अपनी शाखाओं या कार्यालयों को केंद्रीय डाटाबेस से जानकारी हासिल करने की सुविधा नहीं दी है। इससे ग्राहकों को असुविधा होती है। सबके हित को ध्यान में रखते हुए इसे जल्द ही सुगम बनाया जा सकता है।
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मल्होत्रा ने कहा कि बैंकों को उपभोक्ता सेवाओं में सुधार करने की जरूरत है और यह उनका कर्तव्य भी है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब बैंक ग्राहक बार-बार केवाईसी जमा करने के अनुरोध के कारण सोशल मीडिया मंचों पर असुविधा की शिकायत कर रहे हैं।
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ग्राहक शिकायतों को गलत तरीके से वर्गीकृत न करें बैंक
आरबीआई गवर्नर ने बैंकों को चेतावनी दी कि वे ग्राहकों की शिकायतों को गलत तरीके से वर्गीकृत न करें। ऐसा करना घोर नियामकीय उल्लंघन है। उन्होंने कहा, 2023-24 में में बैंकों को एक करोड़ ग्राहक शिकायतें मिली थीं। अगर अन्य विनियमित संस्थाओं के खिलाफ मिली शिकायतों को शामिल किया जाए तो यह संख्या और बढ़ जाएगी। इन शिकायतों में से 57 फीसदी के लिए आरबीआई लोकपाल के मध्यस्थता या हस्तक्षेप की आवश्यकता थी।
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आरबीआई गवर्नर ने इस बार पर जताया खेद
आरबीआई गवर्नर ने इस बात पर खेद जताया कि अधिकतर बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने अपनी शाखाओं या कार्यालयों को केंद्रीय डाटाबेस से जानकारी हासिल करने की सुविधा नहीं दी है। इससे ग्राहकों को असुविधा होती है। सबके हित को ध्यान में रखते हुए इसे जल्द ही सुगम बनाया जा सकता है।
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मल्होत्रा ने कहा कि बैंकों को उपभोक्ता सेवाओं में सुधार करने की जरूरत है और यह उनका कर्तव्य भी है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब बैंक ग्राहक बार-बार केवाईसी जमा करने के अनुरोध के कारण सोशल मीडिया मंचों पर असुविधा की शिकायत कर रहे हैं।
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ग्राहक शिकायतों को गलत तरीके से वर्गीकृत न करें बैंक
आरबीआई गवर्नर ने बैंकों को चेतावनी दी कि वे ग्राहकों की शिकायतों को गलत तरीके से वर्गीकृत न करें। ऐसा करना घोर नियामकीय उल्लंघन है। उन्होंने कहा, 2023-24 में में बैंकों को एक करोड़ ग्राहक शिकायतें मिली थीं। अगर अन्य विनियमित संस्थाओं के खिलाफ मिली शिकायतों को शामिल किया जाए तो यह संख्या और बढ़ जाएगी। इन शिकायतों में से 57 फीसदी के लिए आरबीआई लोकपाल के मध्यस्थता या हस्तक्षेप की आवश्यकता थी।