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ED: किंगफिशर एयरलाइंस स्टाफ को बकाया 311.67 करोड़ रुपये मिलने का रास्ता साफ, शेयर बिक्री से मिलेगी धनराशि
डिजिटल ब्यूरो ,अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अस्मिता त्रिपाठी
Updated Fri, 19 Dec 2025 01:16 PM IST
सार
प्रवर्तन निदेशालय ने किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड के कर्मचारियों के बकाया के रूप में 311.67 करोड़ रुपये की वसूली में सहायता प्रदान की है। इसके चलते अब कर्मियों को उनके बकाया 311.67 करोड़ रुपये मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
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ईडी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय ने किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड के कर्मचारियों के बकाया के रूप में 311.67 करोड़ रुपये की वसूली में सहायता प्रदान की है। इसके चलते अब कर्मियों को उनके बकाया 311.67 करोड़ रुपये मिलने का रास्ता साफ हो गया है। किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड के शेयरों की बिक्री से यह धनराशि प्राप्त हुई है। इस मामले में किंगफिशर के मालिक विजय माल्या को 5 जनवरी 2019 को भगोड़ा आर्थिक अपराध अधिनियम 2018 के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय के मुताबिक, यह वसूली चेन्नई स्थित ऋण वसूली न्यायाधिकरण-I के वसूली अधिकारी द्वारा दिनांक 12.12.2025 को पारित आदेश के अनुसार संभव हुई है। इसमें कुर्क किए गए शेयरों की बिक्री से प्राप्त धनराशि को जारी करने का निर्देश दिया गया था, जिसे पहले ईडी द्वारा पीएमएलए के तहत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को लौटा दिया गया था। यह राशि किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों को वितरित करने के लिए आधिकारिक परिसमापक को हस्तांतरित की जानी है।
ईडी ने सीबीआई द्वारा किंगफिशर एयरलाइंस, विजय माल्या और संबंधित संस्थाओं के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के लिए दर्ज की गई कई एफआईआर के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की थी।
यह पीएमएलए के तहत एक अनुसूचित अपराध हैं। जांच में ऋण निधि के बड़े पैमाने पर गबन और हेराफेरी का खुलासा हुआ है। इसके परिणामस्वरूप केएएल, विजय माल्या, यूनाइटेड ब्रुअरीज होल्डिंग्स लिमिटेड और संबंधित संस्थाओं की चल और अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया गया। विजय माल्या को 2019 से भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। ईडी ने पीएमएलए की धारा 8(8) के तहत एसबीआई को 14,132 करोड़ रुपये की संपत्ति/परिसंपत्ति वापस कर दी है। इससे संपत्ति का वह पूल तैयार हुआ है जिससे वर्तमान वापसी की सुविधा प्रदान की गई है।
अपने दायित्व का पालन करते हुए, ईडी ने सभी हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय स्थापित किया, ताकि लंबे समय से लंबित कामगारों के बकाया का निपटारा सुनिश्चित किया जा सके। ईडी ने एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। कर्मचारियों के दावों के भुगतान के लिए पीएमएलए के तहत पुनर्स्थापित संपत्तियों के उपयोग की सुविधा प्रदान की। ईडी की सहायता के फलस्वरूप, एसबीआई ने अंतरिम आवेदन संख्या 01/2025 दाखिल करके डीआरटी से संपर्क किया, जिसमें कामगारों के बकाया के भुगतान के लिए पुनर्स्थापित संपत्तियों की पेशकश की गई। सुरक्षित लेनदारों के दावों पर ऐसे बकाया को प्राथमिकता देने के लिए स्पष्ट सहमति दी गई।
इसके परिणामस्वरूप, डीआरटी ने आधिकारिक परिसमापक को किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों को 311.67 करोड़ रुपये के कामगार बकाया के वितरण का निर्देश दिया। यह पुनर्भुगतान आर्थिक अपराधियों को अपराध की आय से वंचित करने और प्रभावित कर्मचारियों सहित ऐसे लाभ के हकदार हितधारकों को इसकी बहाली सुनिश्चित करने के लिए ईडी की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय के मुताबिक, यह वसूली चेन्नई स्थित ऋण वसूली न्यायाधिकरण-I के वसूली अधिकारी द्वारा दिनांक 12.12.2025 को पारित आदेश के अनुसार संभव हुई है। इसमें कुर्क किए गए शेयरों की बिक्री से प्राप्त धनराशि को जारी करने का निर्देश दिया गया था, जिसे पहले ईडी द्वारा पीएमएलए के तहत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को लौटा दिया गया था। यह राशि किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों को वितरित करने के लिए आधिकारिक परिसमापक को हस्तांतरित की जानी है।
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ईडी ने सीबीआई द्वारा किंगफिशर एयरलाइंस, विजय माल्या और संबंधित संस्थाओं के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के लिए दर्ज की गई कई एफआईआर के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की थी।
यह पीएमएलए के तहत एक अनुसूचित अपराध हैं। जांच में ऋण निधि के बड़े पैमाने पर गबन और हेराफेरी का खुलासा हुआ है। इसके परिणामस्वरूप केएएल, विजय माल्या, यूनाइटेड ब्रुअरीज होल्डिंग्स लिमिटेड और संबंधित संस्थाओं की चल और अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया गया। विजय माल्या को 2019 से भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। ईडी ने पीएमएलए की धारा 8(8) के तहत एसबीआई को 14,132 करोड़ रुपये की संपत्ति/परिसंपत्ति वापस कर दी है। इससे संपत्ति का वह पूल तैयार हुआ है जिससे वर्तमान वापसी की सुविधा प्रदान की गई है।
अपने दायित्व का पालन करते हुए, ईडी ने सभी हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय स्थापित किया, ताकि लंबे समय से लंबित कामगारों के बकाया का निपटारा सुनिश्चित किया जा सके। ईडी ने एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। कर्मचारियों के दावों के भुगतान के लिए पीएमएलए के तहत पुनर्स्थापित संपत्तियों के उपयोग की सुविधा प्रदान की। ईडी की सहायता के फलस्वरूप, एसबीआई ने अंतरिम आवेदन संख्या 01/2025 दाखिल करके डीआरटी से संपर्क किया, जिसमें कामगारों के बकाया के भुगतान के लिए पुनर्स्थापित संपत्तियों की पेशकश की गई। सुरक्षित लेनदारों के दावों पर ऐसे बकाया को प्राथमिकता देने के लिए स्पष्ट सहमति दी गई।
इसके परिणामस्वरूप, डीआरटी ने आधिकारिक परिसमापक को किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों को 311.67 करोड़ रुपये के कामगार बकाया के वितरण का निर्देश दिया। यह पुनर्भुगतान आर्थिक अपराधियों को अपराध की आय से वंचित करने और प्रभावित कर्मचारियों सहित ऐसे लाभ के हकदार हितधारकों को इसकी बहाली सुनिश्चित करने के लिए ईडी की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।