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Anil Ambani: अनिल अंबानी की बढ़ी मुश्किलें, प्रवर्तन निदेशालय ने जारी किया लुकआउट सर्कुलर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Fri, 01 Aug 2025 11:38 PM IST
सार

 कथित लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रिलायंस समूह के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) नेशुक्रवार को उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया।

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ED issues lookout circular against industrialist Anil Ambani in loan fraud case
अनिल अंबानी - फोटो : PTI
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विस्तार
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित 17,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले की चल रही जांच के सिलसिले में उद्योगपति अनिल अंबानी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है। इससे पहले आज प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल अंबानी को उनके समूह की कंपनियों के खिलाफ 17,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में 5 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था। 

इसके तहत अंबानी को बिना जांच अधिकारी की अनुमति के भारत छोड़ने की अनुमति नहीं है। वह अदालत के अनुमित के बिना भारत से बाहर नहीं जा सकते हैं।  ईडी का यह कदम तब आया है जब केंद्रीय एजेंसी ने मामले में पूछताछ के लिए अनिल अंबानी को 5 अगस्त को नई दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में तलब किया है। यह जांच संदिग्ध वित्तीय अनियमितताओं और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संभावित उल्लंघनों से संबंधित है। एजेंसी इस मामले से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों की भूमिका की जांच कर रही है। मामले में जांच एजेंसी को अंबानी का बयान दर्ज करना बेहद अहम है।

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ईडी ने अनिल अंबानी को मुख्यालय बुलाया
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मामला दिल्ली में दर्ज होने के कारण अंबानी (66) को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय बुलाया गया है। जांच एजेंसी अंबानी के पेश होने पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज करेगी। इस मामले में पिछले सप्ताह संघीय एजेंसी ने उनके व्यावसायिक समूह की कई कंपनियों और अधिकारियों के ठिकानों पर छापे मारे थे। 24 जुलाई को शुरू हुई यह कार्रवाई तीन दिन तक चली। 

यह कार्रवाई अंबानी की कंपनियों के कथित वित्तीय अनियमितताओं और 17,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के सामूहिक ऋण को किसी और काम में इस्तेमाल करने के मामले में की गई थी। मामले में मुंबई में 35 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली गई। ये परिसर 50 कंपनियों और 25 लोगों से जुड़े थे, जिनमें अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के कई अधिकारी भी शामिल थे। ईडी के सूत्रों ने कहा था कि जांच मुख्य रूप से 2017-2019 के बीच अंबानी की कंपनियों को यस बैंक से मिले लगभग 3,000 करोड़ रुपये के ऋण को किसी और काम में इस्तेमाल करने के आरोपों से संबंधित है। 

रिलायंस इंफ्रा ने धन की हेराफेरी से किया इनकार, कहा- सार्वजनिक रूस से दिया पूरा ब्योरा
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने धन की हेराफेरी के आरोपों से इन्कार किया। समूह ने कहा कि उसने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया था कि पूरा विवरण सार्वजनिक रूप से पेश किया गया है। रिलायंस समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि 10,000 करोड़ रुपये की राशि किसी अज्ञात व्यक्ति को कथित तौर पर हस्तांतरित करने का आरोप 10 साल पुराना है। बयान में कहा गया है कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने लगभग छह महीने पहले, 9 फरवरी, 2025 को इस मामले का सार्वजनिक रूप से खुलासा किया था। एजेंसी




 

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