{"_id":"685aa877db1b599cf30ed5d5","slug":"electricity-bill-discount-of-2-5-percent-per-month-on-prepaid-meter-bills-2025-06-24","type":"story","status":"publish","title_hn":"Electricity: प्रीपेड मीटर पर बिल में 2-5 फीसदी\/माह मिलेगी रियायत, राष्ट्रीय स्तर पर लाइन लॉस का औसत 16%","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Electricity: प्रीपेड मीटर पर बिल में 2-5 फीसदी/माह मिलेगी रियायत, राष्ट्रीय स्तर पर लाइन लॉस का औसत 16%
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Tue, 24 Jun 2025 07:05 PM IST
विज्ञापन
सार
मंगलवार को पटना में आयोजित ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि प्रीपेड मीटर लगाने पर उपभोक्ताओं को उनके बिजली बिल में दो से पांच प्रतिशत प्रति माह रियायत दी जाएगी।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर
- फोटो : एएनआई (फाइल)
विस्तार
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि राज्य लाइन लोस घटाने और ग्रीन एनर्जी कोरिडोर पर फोकस बढ़ाएं। राष्ट्रीय स्तर पर लाइन लोस की औसत 16 प्रतिशत है, जबकि कई राज्यों में यह औसत 17 से 20 प्रतिशत है। लाइन लोस न केवल बिजली उत्पादन लागत बढ़ती है, बल्कि उपभोक्ताओं पर भी इसका बोझ बढ़ता है। ऐसे में लाइन लोस को कम करने और विद्युत निगमों की आमदन बढ़ाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला लिया गया है। प्रीपेड मीटर लगाने पर उपभोक्ताओं को उनके बिजली बिल में दो से पांच प्रतिशत प्रति माह रियायत दी जाएगी।
विज्ञापन

Trending Videos
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री, मंगलवार को पटना में आयोजित ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। सम्मेलन में केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक के साथ बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार के ऊर्जा मंत्रियों ने हिस्सा लिया। ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में हर पहलू पर बारीकी से चर्चा की गई। खासकर, ट्रांसमिशन कैपेसिटी को बढ़ाने के साथ लाइन लोस को घटाने पर चर्चा हुई। साथ ही, राज्यों को अगस्त 2025 तक सभी सरकारी भवन, कार्यालय और आवासीय कालोनियों में प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके बाद कर्मिशयल और हाईलोड वाले उपभोक्ताओं के आवास या प्रतिष्ठानों पर प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। चरणबद्ध तरीके से प्रीपेड मीटर लगाने का काम पूरा होगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने बैठक में ऊर्जा मंत्रियों को अवगत कराया कि केंद्र सरकार द्वारा अगस्त 2025 तक सरकारी भवन, कार्यालय और आवासीय कालोनियों में प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रीपेड मीटर लगाने पर बिल में दो से पांच प्रतिशत की प्रति महीना रियायत दी जाएगी। इसके साथ ही अन्य अपने स्तर पर रियायत देने का भी फैसला ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि नवंबर-2025 तक सभी कर्मिशयल, इंस्ट्रीज और हाई लोड उपभोक्ताओं के आवास पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। बैठक में वर्ष-2030 तक बिजली की उपलब्धता और खपत, ट्रांसमिशन क्षमता का विस्तार, साइबर सुरक्षा, और आपातकालीन स्थितियों में ट्रांसमिशन सिस्टम की बहाली जैसी रणनीतिक विषयों पर मंथन हुआ।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि राज्य पीक डिमांड को देखते हुए ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाएं और अन्य वैकल्पिक प्रबंध भी रखें। राज्य अपने इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम का विकास करते हुए टैरिफ बेस्ड काम्पेटिव बिडिंग (टीबीसीबी) मॉडल तैयार करें, इससे लागत कम होगी और निवेश बढ़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने आह्वान किया कि राज्य, केंद्र सरकार द्वारा घोषित 50 वर्षों के ब्याज फ्री ऋण का लाभ उठाते हुए पावर इन्फ्रास्ट्रक्टचर प्रोजेक्टस को तेजी के साथ आगे बढ़ाएं। राज्य बिजली खरीद कीमत को पावर प्रोटफोलिया मैनेजमेंट का अच्छी तरह प्रयोग करें, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिल सके।
ये भी पढ़ें: Passport Seva Divas: देशभर में पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 2.0 शुरू; जयशंकर ने ई-पासपोर्ट रोलआउट का भी किया एलान
ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने बिहार डिस्कॉक के सराहनीय प्रदर्शन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बदलते दौर को देखते हुए साइबर सुरक्षा और आपातकालीन बहाली प्रणाली का प्रशिक्षण दिया जाएगा, क्योंकि साइबर हमले की संभावना लगातार बढ़ रही है। इस चुनौती से निपटने के लिए ऊर्जा मंत्रालय साइबर सुरक्षा सिस्टम तैयार कर रहा है। वहीं बिहार, अंडेमान एवं निकोबार तथा ओडिशा में पुनर्जनन संस्थापन और ट्रांसमिशन परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय मंजूरी की समीक्षा की गई है। पिछले एक दशक में विद्युत क्षमता में 90 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं, ऊर्जा उत्पादन को 2025 तक 475 गीगावाट पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। साल 2032 में 900 गीगवाट उत्पादन करने का फोकस रहेगा। भारत विद्युत उत्पादन के परंपरागत स्त्रोतों में बदलाव लाते हुए रिन्यूएबल एनर्जी उत्पाउन की ओर बढ़ रहा है। वर्ष 2025 के अंत तक देश की कुल ऊर्जा उत्पादन क्षमता में नॉन-फासिल स्त्रोतों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ने की संभावना है।