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26 जनवरी हिंसा और किसानों के खिलाफ मामलों की हो उच्च स्तरीय न्यायिक जांच : किसान

एजेंसी, नई दिल्ली Published by: Kuldeep Singh Updated Sun, 14 Feb 2021 03:30 AM IST
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Farmers demanded of 26 January violence and high level judicial inquiry into cases against farmers
भारतीय किसान यूनियन - फोटो : अमर उजाला
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केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों ने शनिवार को 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग की है। संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के 80वें दिन कहा कि किसानों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं।

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सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कांफ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से कहा कि पुलिस नोटिस मिलने पर वे पुलिस के सामने पेश न हों और संगठनों द्वारा बनाए गए लीगल सेल से मदद मांगें।
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हिंसा और किसानों के खिलाफ दर्ज झूठे मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो
मोर्चे के सदस्य कुलदीप सिंह ने कहा, 26 जनवरी की हिंसा और किसानों के खिलाफ दर्ज झूठे मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की निगरानी में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन 16 किसानों ने ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लिया था उनका अब तक कोई अता पता नहीं चला है।

डकैती और हत्या के झूठे केस दर्ज कराए
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता रविंदर सिंह ने कहा, किसानों को प्रताड़ित करने और आंदोलन को कमजोर करने के लिए दिल्ली पुलिस ने डकैती और हत्या की कोशिश के झूठे मामले दर्ज किए हैं। दिल्ली पुलिस ने 44 में से 14 एफआईआर में 122 किसानों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा, हमारा मोर्चा इन किसानों को कानूनी मदद मुहैया कराएगा और हर गिरफ्तार किसान को जेल में खर्च के लिए 2000 रुपये दिया जाएगा।

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