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AI Plane Crash: 'भारत में पहली बार डिकोड हुआ ब्लैक बॉक्स', विमान हादसे की जांच पर बोले विमानन मंत्री नायडू
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: निर्मल कांत
Updated Mon, 21 Jul 2025 03:40 PM IST
सार
AI Plane Crash: केंद्रीय मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा कि एअर इंडिया के विमान हादसे की जांच में पहली बार भारत में ब्लैक बॉक्स को डिकोड किया गया है। जांच निष्पक्ष और नियम आधारित तरीके से हो रही है,और सच तभी सामने आएगा जब जांच पूरी हो।
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विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
एअर इंडिया के विमान हादसे की जांच को लेकर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने सोमवार को बताया कि भारत में पहली बार ब्लैक बॉक्स को डिकोड किया गया है। राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में नायडू ने कहा, जांच का पहला चरण पूरा हो चुका है और उसकी प्रारंभिक रिपोर्ट भी आ चुकी है। पहले जब ब्लैक बॉक्स को थोड़ा भी नुकसान होता था, तो उसे डिकोड करने के लिए निर्माता देश भेजा था। लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि ब्लैक बॉक्स को भारत में डिकोड किया जा रहा है।
पूरी तरह निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाता है एएआईबी
केंद्रीय मंत्री विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की तारीफ करते हुए कहा कि यह निष्पक्ष तरीके से काम करती है। उन्होंने कहा, मैं देश को यह बताना चाहता हूं कि एएआईबी पूरी तरह नियम आधारित और निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाता है। उन्होंने आगे कहा, मैंने कई लेख देखे हैं, केवल भारतीय मीडिया में ही नहीं, बल्कि पश्चिमी मीडिया में भी, जो अपने-अपने नजरिए को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। हम जांच तथ्यों के आधार पर जांच कर रहे हैं। हम केवल सच के साथ खड़े रहना चाहते हैं और वह सच तभी सामने आएगा, जब जांच पूरी होगी।
ये भी पढ़ें: 'हमें मुंह खोलने के लिए मजबूर न करें', सुप्रीम कोर्ट की ईडी को लताड़; कर्नाटक सीएम की पत्नी को दी राहत
'पिछले साल डीजीसीए में 103 पदों पर की भर्ती'
जब मंत्री से पूछा गया कि विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) क्या कर्मचारियों की आधी संख्या के साथ काम कर रहा है, तो उन्होंने कहा, बीते दस वर्षों में विमानों और यात्रियों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। मंत्रालय ने डीजीसीए में और पदों की सिफारिश की। बीते दो से तीन वर्षों में ये खाली पद बनाए गए। पिछले वर्ष हमने 103 पदों पर भर्ती की, जो डीजीसीए के इतिहास में सबसे अधिक है।
'अंतिम जांच रिपोर्ट आने तक न करें टिप्पणी'
रविवार को भी मंत्री नायडू ने कहा था कि अंतिम जांच रिपोर्ट आने से पहले किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए और जांच प्रक्रिया का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा, डाटा हमारे पास है, प्रारंभिक रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है, लेकिन अंतिम रिपोर्ट आने से पहले किसी भी तरह की टिप्पणी करना ठीक नहीं है। इसी वजह से हम भी बहुत सावधानी बरत रहे हैं।
ये भी पढ़ें: सांसद तेजस्वी सूर्या को सुप्रीम कोर्ट से राहत, किसान आत्महत्या मामले में कर्नाटक सरकार की याचिका की रद्द
विमान हादसे में गई थी 260 लोगों की जान
उनकी यह प्रतिक्रिया खासकर पश्चिमी मीडिया संस्थानों की उन खबरों के बाद सामने आई है, जिनमें यह दावा किया कि इस हादसे का कारण पायलट की गलती हो सकती है। मंत्री नायडू ने इस पर जिम्मेदार पत्रकारिता और जांच प्रक्रिया का सम्मान बनाए रखने की बात कही। लंदन जा रही एयर इंडिया की एआई-171 उड़ान 12 जून को दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई थी।
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पूरी तरह निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाता है एएआईबी
केंद्रीय मंत्री विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की तारीफ करते हुए कहा कि यह निष्पक्ष तरीके से काम करती है। उन्होंने कहा, मैं देश को यह बताना चाहता हूं कि एएआईबी पूरी तरह नियम आधारित और निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाता है। उन्होंने आगे कहा, मैंने कई लेख देखे हैं, केवल भारतीय मीडिया में ही नहीं, बल्कि पश्चिमी मीडिया में भी, जो अपने-अपने नजरिए को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। हम जांच तथ्यों के आधार पर जांच कर रहे हैं। हम केवल सच के साथ खड़े रहना चाहते हैं और वह सच तभी सामने आएगा, जब जांच पूरी होगी।
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'पिछले साल डीजीसीए में 103 पदों पर की भर्ती'
जब मंत्री से पूछा गया कि विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) क्या कर्मचारियों की आधी संख्या के साथ काम कर रहा है, तो उन्होंने कहा, बीते दस वर्षों में विमानों और यात्रियों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। मंत्रालय ने डीजीसीए में और पदों की सिफारिश की। बीते दो से तीन वर्षों में ये खाली पद बनाए गए। पिछले वर्ष हमने 103 पदों पर भर्ती की, जो डीजीसीए के इतिहास में सबसे अधिक है।
'अंतिम जांच रिपोर्ट आने तक न करें टिप्पणी'
रविवार को भी मंत्री नायडू ने कहा था कि अंतिम जांच रिपोर्ट आने से पहले किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए और जांच प्रक्रिया का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा, डाटा हमारे पास है, प्रारंभिक रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है, लेकिन अंतिम रिपोर्ट आने से पहले किसी भी तरह की टिप्पणी करना ठीक नहीं है। इसी वजह से हम भी बहुत सावधानी बरत रहे हैं।
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विमान हादसे में गई थी 260 लोगों की जान
उनकी यह प्रतिक्रिया खासकर पश्चिमी मीडिया संस्थानों की उन खबरों के बाद सामने आई है, जिनमें यह दावा किया कि इस हादसे का कारण पायलट की गलती हो सकती है। मंत्री नायडू ने इस पर जिम्मेदार पत्रकारिता और जांच प्रक्रिया का सम्मान बनाए रखने की बात कही। लंदन जा रही एयर इंडिया की एआई-171 उड़ान 12 जून को दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई थी।
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