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Op Sindoor: 'ऑपरेशन सिंदूर भारत की नीति के लिए एक बहुत बड़ा मोड़ साबित हुआ', बोले पूर्व सेना प्रमुख नरवणे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: लव गौर
Updated Fri, 07 Nov 2025 11:53 PM IST
सार
पूर्व सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर हमारी राष्ट्रीय नीति के लिहाज से बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया है। इसने दुनिया को दिखा दिया कि हमारे पास न सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति है, बल्कि वह सैन्य क्षमता भी है, जो किसी भी जरूरी कार्रवाई या ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम है।
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जनरल एमएम नरवणे, पूर्व सेना प्रमुख
- फोटो : ANI
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विस्तार
पूर्व सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार (07 नवंबर) को एक कार्यक्रम में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की नीति में एक बहुत बड़ा मोड़ साबित हुआ है। मुंबई में आयोजित सीएनबीसी-टीवी18 ग्लोबल लीडरशिप समिट 2025 में बोलते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवादियों और उन्हें प्रायोजित करने वालों में कोई फर्क नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर हमारी राष्ट्रीय नीति के लिहाज से बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया है। इसने दुनिया को दिखा दिया कि हमारे पास न सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति है, बल्कि वह सैन्य क्षमता भी है, जो किसी भी जरूरी कार्रवाई या ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम है।"
ड्रोन और मानवरहित प्रणालियों पर दिया जोर
इसी के साथ पूर्व सेना प्रमुख ने ड्रोन और मानवरहित प्रणालियों जैसे उभरते क्षेत्रों में भारत की क्षमताओं को और मजबूत करने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनका पसंदीदा उद्धरण रोमन जनरल वेगेटियस का है "अगर आप शांति चाहते हैं, तो युद्ध की तैयारी रखें।"
वहीं कनाडा में भारत के पूर्व राजदूत विकास स्वरूप ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की नीति को “दस्तावेजों से निर्णायक शक्ति” की ओर मोड़ा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के उस रुख को भी दोहराया कि देश बाहरी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता, भले ही उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तनाव कम करने का दावा किया था।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दिया था करार जवाब
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुई थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इस ऑपरेशन में भारत की तीनों सेनाओं ने समन्वित कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के मुख्यालय, प्रशिक्षण केंद्र और लॉन्चपैड्स को तबाह कर दिया था।
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उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर हमारी राष्ट्रीय नीति के लिहाज से बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया है। इसने दुनिया को दिखा दिया कि हमारे पास न सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति है, बल्कि वह सैन्य क्षमता भी है, जो किसी भी जरूरी कार्रवाई या ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम है।"
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ड्रोन और मानवरहित प्रणालियों पर दिया जोर
इसी के साथ पूर्व सेना प्रमुख ने ड्रोन और मानवरहित प्रणालियों जैसे उभरते क्षेत्रों में भारत की क्षमताओं को और मजबूत करने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनका पसंदीदा उद्धरण रोमन जनरल वेगेटियस का है "अगर आप शांति चाहते हैं, तो युद्ध की तैयारी रखें।"
वहीं कनाडा में भारत के पूर्व राजदूत विकास स्वरूप ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की नीति को “दस्तावेजों से निर्णायक शक्ति” की ओर मोड़ा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के उस रुख को भी दोहराया कि देश बाहरी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता, भले ही उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तनाव कम करने का दावा किया था।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दिया था करार जवाब
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुई थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इस ऑपरेशन में भारत की तीनों सेनाओं ने समन्वित कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के मुख्यालय, प्रशिक्षण केंद्र और लॉन्चपैड्स को तबाह कर दिया था।