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BR Gavai Interview: पूर्व चीफ जस्टिस बोले- न्यायिक सक्रियता से दहशत गलत; बुलडोजर, सियासी दबाव पर भी दिए जवाब

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: ज्योति भास्कर Updated Wed, 26 Nov 2025 03:52 PM IST
सार

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस बीआर गवई ने आज एक इंटरव्यू में कई अहम और तीखे सवालों पर बेबाकी से जवाब दिए। उन्होंने न्यायिक एक्टिविज्म यानी सक्रियतावाद से उपजने वाली 'दहशत' के अलावा राज्यों सरकारों के निर्देश पर चलाए जाने वाले बुलडोजर और न्यायपालिका पर राजनीतिक दबाव जैसे सवालों पर भी बात की। जानिए रिटायर्ड जस्टिस बीआर गवई ने क्या कुछ बातें कहीं

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Former Chief Justice BR Gavai Interview judicial activism bulldozers action and political pressure hindi news
पूर्व सीजेआई बीआर गवई (फाइल फोटो) - फोटो : ANI
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विस्तार
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सेवानिवृत्ति न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने आज एक इंटरव्यू में कई अहम सवालों पर बेबाकी से बात की। उन्होंने कहा, न्यायिक सक्रियता न्यायिक आतंकवाद में नहीं बदलनी चाहिए। अंततः, हमारा संविधान विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों के संतुलन और अलग-अलग कार्यक्षेत्र पर यकीन रखता है।

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क्या अधिकारों की रक्षा के लिए सीधे अदालत का दरवाजा खटखटाना सही?
न्यायिक एक्टिविज्म पर अपनी राय स्पष्ट करने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ने ये भी साफ किया, 'कई मौकों पर, नागरिक अपनी सामाजिक-आर्थिक बाधाओं के कारण, अपनी शिकायतों के निवारण और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सीधे अदालत का दरवाजा खटखटाने की स्थिति में नहीं होते। ऐसी स्थिति में, अगर किसी व्यक्ति को न्यायपालिका अदालत का दरवाजा खटखटाने की अनुमति देती है तो ये गलत नहीं है।'
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समाज के अंतिम नागरिक को आर्थिक और सामाजिक न्याय
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के पास आकर सीधा इंसाफ मांगने के इस विकल्प के मौजूद होने से इस देश और समाज के अंतिम नागरिक को आर्थिक और सामाजिक न्याय दिलाने का हमारा वादा पूरा होता है।
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