{"_id":"63e925208d910e87c1028f79","slug":"former-pm-narasimha-rao-parting-message-to-successor-atal-bihari-vajpayee-meet-kalam-over-nuclear-testing-2023-02-12","type":"story","status":"publish","title_hn":"कहानी परमाणु परीक्षण की: दावा- पूर्व PM नरसिम्हा राव ने अटलजी को दिया था खास संदेश, कहा था- कलाम से मिलिए!","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
कहानी परमाणु परीक्षण की: दावा- पूर्व PM नरसिम्हा राव ने अटलजी को दिया था खास संदेश, कहा था- कलाम से मिलिए!
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Sun, 12 Feb 2023 11:13 PM IST
विज्ञापन
सार
एक कार्यक्रम के दौरान शौरी ने रविवार को कहा कि जब नरसिम्हा राव सरकार गिर गई और अटल जी सत्ता में आए, तो अटल जी ने हमें बताया कि राव ने उन्हें 'कलाम से मिलिए' लिखकर एक पर्ची दी थी। वाजपेयी ने सोचा कि कलाम कौन हैं? तब उन्हें पता चला और कलाम को बुलाया गया।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नरसिम्हा राव।
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने 1996 में जब पद छोड़ा था, तो उन्होंने अपने उत्तराधिकारी अटल बिहारी वाजपेयी को एक पर्ची सौंपी थी। पर्ची में लिखा था कि कलाम से मिलिए। दरअसल, नए प्रधानमंत्री को नहीं पता था कि कलाम कौन हैं? वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में पूर्व मंत्री और लेखक अरुण शौरी के मुताबिक, इसके बाद तत्कालीन मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और सचिव, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) एपीजे अब्दुल कलाम को एक बैठक के लिए बुलाया गया। यह मुलाकात 1998 में पोखरण II परमाणु परीक्षणों के लिए निर्णायक साबित हुई।

Trending Videos
एक कार्यक्रम के दौरान शौरी ने रविवार को कहा कि जब नरसिम्हा राव सरकार गिर गई और अटल जी सत्ता में आए, तो अटल जी ने हमें बताया कि राव ने उन्हें 'कलाम से मिलिए' लिखकर एक पर्ची दी थी। वाजपेयी ने सोचा कि कलाम कौन हैं? तब उन्हें पता चला और कलाम को बुलाया गया।
विज्ञापन
विज्ञापन
शौरी के अनुसार, जब वाजपेयी ने कलाम को पर्ची के बारे में बताया, तो उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि संदेश परमाणु परीक्षण से जुड़ा हुआ है, जिसे राव ने अपने कार्यकाल के दौरान मंजूरी दे दी थी, लेकिन अमेरिकी दबाव के कारण इसे रोकना पड़ा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'कलाम ने अटल जी से कहा कि सर, हम परमाणु हथियार का परीक्षण करने के लिए तैयार थे, लेकिन अमेरिकी दबाव और कई अन्य चीजों के कारण हमें रोक दिया गया। राव चाहते हैं कि आप इसे फिर से शुरू करें। परीक्षण करने में हमें एक महीने का समय लगेगा।'
वाजपेयी ने कलाम से तुरंत काम शुरू करने के लिए कहा। हालांकि, योजना के आकार लेने से पहले वाजपेयी की सरकार केवल 13 दिनों में गिर गई। कलाम आगे चलकर भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। शौरी ने याद करते हुए कहा कि मुझे याद है कि अटल बिहारी वाजपेयी लोकसभा से अपने कक्ष में वापस आ रहे थे और उन्होंने कहा था, 'हम एक वोट से हार गए'... कलाम अंदर आए और कहा, 'सर, आप वापस आएंगे और हम इसे करेंगे।'
पूव केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ठीक ऐसा ही हुआ। मार्च 1998 में भाजपा सत्ता में वापस आई और वाजपेयी एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री बने। 11 मई 1998 को अपराह्न लगभग 3:45 बजे, भारत ने तीन उपकरणों का परीक्षण किया - एक थर्मोन्यूक्लियर डिवाइस (शक्ति I), एक विखंडन डिवाइस (शक्ति II) और एक सब-किलोटन डिवाइस (शक्ति III)। दो दिन बाद देश ने दो और सब-किलोटन उपकरणों - शक्ति IV और V का परीक्षण किया।
भारत ने 18 मई 1974 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में राजस्थान के पोखरण में अपने पहले परमाणु बम का सफल परीक्षण किया था। कोड नाम 'स्माइलिंग बुद्धा', विदेश मंत्रालय ने परीक्षण को शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोट के रूप में बताया था।