{"_id":"6900f2f085bf7ee48f0061ff","slug":"german-envoy-philipp-ackermann-address-indo-pacific-regional-dialogue-iprd-2025-in-delhi-2025-10-28","type":"story","status":"publish","title_hn":"IPRD 2025: 'भारत-जर्मनी बहुत अच्छी राह पर, बहुत जल्द-बहुत अच्छा होगा', जर्मन दूत फिलिप एकरमैन का बड़ा इशारा","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
IPRD 2025: 'भारत-जर्मनी बहुत अच्छी राह पर, बहुत जल्द-बहुत अच्छा होगा', जर्मन दूत फिलिप एकरमैन का बड़ा इशारा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: लव गौर
Updated Tue, 28 Oct 2025 10:34 PM IST
सार
India-German Ties: जर्मन दूत फिलिप एकरमैन ने दिल्ली में इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग आईपीआरडी 2025 को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 2-3 वर्षों में हम भारत के साथ नई राह बनाने के लिए पहले से कहीं ज्यादा तैयार हैं।
विज्ञापन
भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन
- फोटो : एएनआई
विज्ञापन
विस्तार
पिछले 2-3 वर्षों में हम भारत के साथ नई राह बनाने के लिए पहले से कहीं ज्यादा तैयार हैं। यह कहना है भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन का। एकरमैन इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग (आईपीआरडी) 2025 में एक पैनल चर्चा में शामिल हुए। जहां उन्होंने कहा कि जर्मनी और भारतीय नौसेना कुछ ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं, जिसके बारे में उम्मीद है कि यह बहुत जल्द, बहुत अच्छा होगा।
दोनों देश रणनीतिक साझेदारी से जुड़े-एकरमैन
आईपीआरडी 2025 के पैनल चर्चा के दौरान भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की उपस्थिति में दिए गए अपने उद्घाटन भाषण में एकरमैन ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में भी एक साथ जर्मनी और भारत साझा मूल्यों, आपसी विश्वास और भविष्य को आकार देने की इच्छाशक्ति" पर आधारित एक रणनीतिक साझेदारी से जुड़े हैं।
बता दें कि नौसेना 28 से 30 अक्टूबर तक दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इस दौरान उन्होंने कहा, "और मैं कहूंगा कि यह साझेदारी, और यह मेरा पिछले तीन वर्षों का अनुभव है कि वैश्विक चुनौतियों के सामने समुद्री सुरक्षा से लेकर साइबर सुरक्षा और रक्षा उद्योग तक लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है।" बिना विस्तार से बताए राजदूत ने आगे कहा कि जर्मनी और भारतीय नौसेना कुछ करने की प्रक्रिया में हैं, उम्मीद है कि बहुत जल्द, बहुत बढ़िया होगा।
पहले से कहीं अधिक तैयार हैं-जर्मन दूत
उन्होंने आगे कहा, "हम बहुत ज्यादा राज नहीं खोल रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि हम बहुत अच्छी राह पर हैं। और मुझे लगता है कि सामान्य तौर पर संयुक्त परियोजनाओं, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और औद्योगिक सहयोग पर चर्चाएं गहन सुरक्षा नीति एकीकरण में हमारी पारस्परिक रुचि को दर्शाती हैं और यही हमारा लक्ष्य है, यही हमारा प्रयास है।" भारत में जर्मन राजदूत ने जोर देकर कहा कि उनका मानना है कि हम पिछले दो-तीन वर्षों में भारत के साथ नई उपलब्धियां हासिल करने के लिए पहले से कहीं अधिक तैयार हैं, चाहे वह आधुनिक रक्षा प्रणालियों के विकास, प्रशिक्षण या रसद के क्षेत्र में हो।"
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विशेष रूप से दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग का उद्देश्य सुरक्षा जोखिमों से हमारे खुले समाजों की रक्षा करना, व्यवधानों के प्रति वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं की लचीलापन को मजबूत करना और द्विपक्षीय साझेदारी, समुद्र की स्वतंत्रता, राज्यों की संप्रभुता और अंतर्राष्ट्रीय कानून के सम्मान को रेखांकित करने वाले साझा सिद्धांतों की रक्षा करना है।
शीर्ष-स्तरीय प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आउटरीच कार्यक्रम है आईपीआरडी
आईपीआरडी नौसेना का शीर्ष-स्तरीय प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आउटरीच कार्यक्रम है, जिसका आयोजन राष्ट्रीय समुद्री फाउंडेशन (एनएमएफ) के साथ साझेदारी में किया जाता है। यह एकीकृत समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा और विकास संबंधी गंभीर मुद्दों से निपटने के लिए हिंद-प्रशांत और उसके बाहर के रणनीतिक नेताओं, नीति निर्माताओं, राजनयिकों और समुद्री विशेषज्ञों को एक साथ लाता है। इस बार 2025 संस्करण का विषय "समग्र समुद्री सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देना: क्षेत्रीय क्षमता निर्माण और क्षमता संवर्धन" है।
Trending Videos
दोनों देश रणनीतिक साझेदारी से जुड़े-एकरमैन
आईपीआरडी 2025 के पैनल चर्चा के दौरान भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की उपस्थिति में दिए गए अपने उद्घाटन भाषण में एकरमैन ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में भी एक साथ जर्मनी और भारत साझा मूल्यों, आपसी विश्वास और भविष्य को आकार देने की इच्छाशक्ति" पर आधारित एक रणनीतिक साझेदारी से जुड़े हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
बता दें कि नौसेना 28 से 30 अक्टूबर तक दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इस दौरान उन्होंने कहा, "और मैं कहूंगा कि यह साझेदारी, और यह मेरा पिछले तीन वर्षों का अनुभव है कि वैश्विक चुनौतियों के सामने समुद्री सुरक्षा से लेकर साइबर सुरक्षा और रक्षा उद्योग तक लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है।" बिना विस्तार से बताए राजदूत ने आगे कहा कि जर्मनी और भारतीय नौसेना कुछ करने की प्रक्रिया में हैं, उम्मीद है कि बहुत जल्द, बहुत बढ़िया होगा।
पहले से कहीं अधिक तैयार हैं-जर्मन दूत
उन्होंने आगे कहा, "हम बहुत ज्यादा राज नहीं खोल रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि हम बहुत अच्छी राह पर हैं। और मुझे लगता है कि सामान्य तौर पर संयुक्त परियोजनाओं, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और औद्योगिक सहयोग पर चर्चाएं गहन सुरक्षा नीति एकीकरण में हमारी पारस्परिक रुचि को दर्शाती हैं और यही हमारा लक्ष्य है, यही हमारा प्रयास है।" भारत में जर्मन राजदूत ने जोर देकर कहा कि उनका मानना है कि हम पिछले दो-तीन वर्षों में भारत के साथ नई उपलब्धियां हासिल करने के लिए पहले से कहीं अधिक तैयार हैं, चाहे वह आधुनिक रक्षा प्रणालियों के विकास, प्रशिक्षण या रसद के क्षेत्र में हो।"
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विशेष रूप से दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग का उद्देश्य सुरक्षा जोखिमों से हमारे खुले समाजों की रक्षा करना, व्यवधानों के प्रति वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं की लचीलापन को मजबूत करना और द्विपक्षीय साझेदारी, समुद्र की स्वतंत्रता, राज्यों की संप्रभुता और अंतर्राष्ट्रीय कानून के सम्मान को रेखांकित करने वाले साझा सिद्धांतों की रक्षा करना है।
शीर्ष-स्तरीय प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आउटरीच कार्यक्रम है आईपीआरडी
आईपीआरडी नौसेना का शीर्ष-स्तरीय प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आउटरीच कार्यक्रम है, जिसका आयोजन राष्ट्रीय समुद्री फाउंडेशन (एनएमएफ) के साथ साझेदारी में किया जाता है। यह एकीकृत समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा और विकास संबंधी गंभीर मुद्दों से निपटने के लिए हिंद-प्रशांत और उसके बाहर के रणनीतिक नेताओं, नीति निर्माताओं, राजनयिकों और समुद्री विशेषज्ञों को एक साथ लाता है। इस बार 2025 संस्करण का विषय "समग्र समुद्री सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देना: क्षेत्रीय क्षमता निर्माण और क्षमता संवर्धन" है।