Central Govt: इन सरकारी विभागों में मनमर्जी से नहीं दौड़ेगी स्टाफ कार, निजी इस्तेमाल के लिए करनी होगी जेब ढीली
'डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज' ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में 'स्टाफ कार' को लेकर जो रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी की हैं, उसमें 'लोक उद्यम विभाग' के 21 जनवरी 2013, 4 नवंबर 2013, 6 जून 2022 और 12 फरवरी 2024 के कार्यालय ज्ञापन 'ओएम' का हवाला दिया गया है।

विस्तार
केंद्र सरकार में वित्त मंत्रालय के अंतर्गत 'लोक उद्यम विभाग' (डीपीई, यानी 'डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज') ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) में 'स्टाफ कार' की खरीद, इस्तेमाल और पात्रता को लेकर रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी की हैं। इन विभागों में 'स्टाफ कार' अब मनमर्जी से नहीं दौड़ेगी। नॉन ड्यूटी कार्यों के लिए 'स्टाफ कार' का इस्तेमाल करना है तो उसके लिए 'किलोमीटर' तय किए गए हैं। निर्धारित किलोमीटर की सीमा से 'स्टाफ कार' बाहर जाती है तो संबंधित अधिकारी को जेब ढीली करनी पड़ेगी। उस गाड़ी का इस्तेमाल अधिकारी के परिवार को करना है या कार को हेडक्वार्टर से दूसरे शहर में ले जाना है तो इसके लिए भी नियम तय किए गए हैं। 'स्टाफ कार' की खरीद के दौरान उसके 'इलेक्ट्रॉनिक/हाईब्रिड' मॉडल को ध्यान में रखना पड़ेगा।

'डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज' ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में 'स्टाफ कार' को लेकर जो रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी की हैं, उसमें 'लोक उद्यम विभाग' के 21 जनवरी 2013, 4 नवंबर 2013, 6 जून 2022 और 12 फरवरी 2024 के कार्यालय ज्ञापन 'ओएम' का हवाला दिया गया है।
सीपीएसई में जो भी कार खरीदी जाए, वह 2500 सीसी से अधिक न हो। साथ ही वह कार भारत में बनी हुई हो। स्टाफ कार की खरीद, कई बातों पर निर्भर करेगी। जैसे, जिस भी सीपीएसई में वह कार खरीदी जाएगी, उसका स्टे्टस क्या है। वहां के 'पे' स्केल क्या हैं। वर्तमान में सीपीएसई की आर्थिक स्थिति और स्थायित्व, आदि बातें देखी जाएंगी।
स्टाफ कार ऐसी न हो, जो तेल अधिक न खाती हो और पर्यावरण फ्रेंडली हो। पुरानी 'स्टाफ कार' के बदले नई कार खरीदने के लिए सीपीएसई के 'बोर्ड ऑफ डायरेक्टर' से मंजूरी लेनी होगी। कार खरीदते वक्त यह बात भी ध्यान में रहे कि वह मॉडल इलेक्ट्रॉनिक/हाईब्रिड तो ठीक रहेगा। हालांकि यह कोई शर्त नहीं होगी कि वही मॉडल खरीदना है।
स्टाफ कार किसे मिलेगी, इस बाबत भी नियमावली तैयार की गई है। एमडी, सीएमडी और सीपीएसई के डायरेक्टर को स्टाफ कार मिलेगी। एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ई9 ग्रेड), जीएम (ई8 ग्रेड), इन्हें भी स्टाफ कार तभी मिलेगी, जब ये अधिकारी किसी प्रोजेक्ट को हेड कर रहे हों। सीटीसी में स्टाफ कार की एग्जीक्यूटिव कॉस्ट केल्कुलेट होगी।
स्टाफ कार में नॉन ड्यूटी यात्रा, यह सुविधा 'बोर्ड लेवल एग्जीक्यूटिव' को प्रदान की जाएगी। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद में नॉन ड्यूटी के लिए स्टाफ कार से यात्रा पर एक हजार किलोमीटर प्रतिमाह की सीलिंग लगाई गई है। इनके अलावा दूसरे शहरों में यह सीलिंग 750 किलोमीटर प्रतिमाह तय की गई है। यह बात क्लीयर कर दी गई है कि स्टाफ कार के पात्र अधिकारी के निवास और दफ्तर के बीच की यात्रा को ड्यूटी रन माना जाएगा। स्टाफ कार के प्राइवेट इस्तेमाल/नॉन ड्यूटी रन के लिए 2000 रुपये प्रतिमाह की रिक्वरी होगी।
यदि कोई अधिकारी छुट्टी पर जा रहा है और उसकी छुट्टी, दो माह से कम है तो स्टाफ कार का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि यह इस्तेमाल केवल हेडक्वार्टर पर ही होगा। अगर वह अधिकारी हेडक्वार्टर से 15 दिन तक बाहर रहते हैं तो उनका परिवार तय रेट का भुगतान कर 'स्टाफ कार' का इस्तेमाल कर सकता है। अगर कोई अधिकारी, सरकारी गाड़ी को बाहर कहीं ले जाना चाहता है तो तय सीलिंग के तहत उसे मंजूरी दी जाती है। यानी छह शहरों में एक हजार किलोमीटर प्रति माह और दूसरे शहरों में साढ़े सात सौ किलोमीटर प्रतिमाह की सीलिंग के तहत मंजूरी मिलती है। कन्वेंस अलाउंस, केवल आधिकारिक ड्यूटी के लिए मिलेगा।