हैदराबाद एनकाउंटर की होगी जांच, तेलंगाना सरकार ने गठित की एसआईटी
तेलंगाना सरकार ने हैदराबाद एनकाउंटर की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। एसआईटी का नेतृत्व राचकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत करेंगे। बता दें कि सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता दिशा के चार आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद से ही एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे थे।
Government of Telangana constitutes a Special Investigation Team (SIT) for investigation into the encounter by police against the 4 accused who were involved in a woman veterinarian's rape and murder. The SIT will be headed by Rachakonda Police Commissioner Mahesh M Bhagwat. pic.twitter.com/0zfYBqyLyv
विज्ञापन— ANI (@ANI) December 8, 2019विज्ञापन
बता दें कि शुक्रवार सुबह हैदराबाद के एनएच 44 पर पुलिस ने जांच के दौरान क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए आरोपी को अपराध स्थल पर लाया। यहां पर आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लिए और पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी।
पुलिस ने उन्हें चेतावनी देते हुए आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन वे गोलियां चलाते रहे। फिर पुलिस ने गोलाबारी की और चारों मुठभेड़ में मारे गए। मुठभेड़ के दौरान पुलिस के दो जवान घायल हो गए। उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
किसी ने एनकाउंटर को सराहा तो किसी ने उठाए सवाल
पुलिस के इस एनकाउंटर को लेकर कई लोगों ने पुलिस की सराहना की तो कई ने इस पर सवाल भी उठाए। एक ओर जहां पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष और बाबा रामदेव जैसी हस्तियों ने इसका समर्थन किया तो दूसरी ओर कांग्रेस सांसद शशि थरूर, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे समाज के लिए अस्वीकार्य बताया।
वहीं आज साइबराबाद पुलिस के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करवाई गई है जिसमें कहा गया है कि हैदराबाद एनकाउंटर फर्जी था।
A complaint was filed, today, against Cyberabad police saying that 'the encounter which was carried out by police on 6 December against the 4 accused who were involved in veterinary doctor's rape and murder case was fake'. #Telangana
— ANI (@ANI) December 8, 2019
इस देश में ‘तालिबानी न्याय’ के लिए कोई जगह नहीं : पूर्व दिल्ली हाईकोर्ट जज
हैदराबाद में सामूहिक दुष्कम-हत्या की घटना के बाद चारों आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत को चल रही चर्चा के बीच दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज आरएस सोढ़ी ने इसे ‘तालिबानी न्याय’ की संज्ञा दी है। जस्टिस सोढ़ी ने रविवार का कहा, आरोपियों को सुरक्षित रखना पुलिस का कर्तव्य है और देश में ‘तालिबानी न्याय’ के लिए कोई जगह नहीं है।
रिटायर्ड जस्टिस सोढ़ी ने कहा, हैदराबाद की महिला पशु चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या मामले के चारों आरोपी पुलिस हिरासत में भेजे गए थे और उनकी सुरक्षा करना पुलिसकर्मियों का कर्तव्य था। उन्होंने कहा, पुलिस ने यह कहानी तैयार करने से पहले ठीक तरह सोचा नहीं कि आरोपियों के हिरासत से भागने की कोशिश करने पर उन्हें मारना पड़ा।
यह विश्वास करना मुश्किल है कि मौके पर मौजूद 15 पुलिसकर्मी चार आरोपियों को नहीं दबोच पाए। उन्होंने कहा, मैं घटना की पुलिसिया कहानी से संतुष्ट नहीं हूं और मानता हूं कि इस एनकाउंटर की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। जस्टिस सोढ़ी ने कहा, यह कभी साबित नहीं हुआ था कि आरोपी सच में गुनहगार थे। यदि पुलिस न्यायिक प्रक्रिया को अपने हाथों में लेगी तो यह कभी भी वैध नहीं हो सकता।
हैदराबाद एनकाउंटर: एनएचआरसी की टीम ने दूसरे दिन भी जारी रखी जांच
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम ने रविवार को लगातार दूसरे दिन हैदराबाद एनकाउंटर की जांच जारी रखी। पुलिस ने पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोपियों को शुक्रवार को एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके एक दिन बाद आयोग की टीम शनिवार को हैदराबाद पहुंची थी।
सूत्रों के मुताबिक, मारे गए आरोपियों के परिजनों को हैदराबाद लाया गया, जहां एनएचआरसी की टीम उनके बयान दर्ज करेगी। टीम ने शनिवार को महबूबनगर जिले के सरकारी अस्पताल का दौरा किया था, जहां चारों आरोपियों के शवों को रखा गया है। टीम में फोरेंसिक मेडिसिन के विशेषज्ञ भी शामिल हैं।
टीम ने शवों का परीक्षण किया और यहां से 50 किलोमीटर दूर चट्टनपल्ली गांव का भी दौरा किया। इसी जगह 28 नवंबर को एक पुलिया के नीचे से महिला का जला हुआ शव बरामद हुआ था। टीम ने पास में ही स्थित मुठभेड़ स्थल का भी दौरा किया था।