Gujarat Poll: त्रिकोणीय मुकाबले में सौराष्ट्र को कितना साध पाएगी भाजपा, पिछली बार यहां कांग्रेस से पिछड़ गई थी
सौराष्ट्र के मतदाताओं की सियासी समझ गुजरात के बाकी हिस्सों से हटकर है। गुजरात के अन्य हिस्सों के मतदाता जहां बड़ी मजबूती से भाजपा व कांग्रेस के हिसाब से पार्टीलाइन से जुड़े नजर आते हैं। लेकिन, सौराष्ट्र के आम मतदाताओं के पसंद की कसौटी की प्राथमिकताएं थोड़ा हटकर हैं।

विस्तार
सौराष्ट्र जिसने साधा, सत्ता नहीं बनी बाधा। गुजरात में इस चर्चित पुरानी सियासी धारणा के उलट भाजपा ने पिछले चुनाव में सौराष्ट्र-कच्छ के 12 जिलों में से तीन में खाता न खुलने और कांग्रेस से पिछड़ने के बावजूद सत्ता बचा ली थी। कांग्रेस को तब 54 सीटों में से 30 और भाजपा को 23 सीटें ही मिल पाई थीं। हालांकि, इस चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के बीच आम आदमी पार्टी (आप) भी आ गई है। इससे त्रिकोणीय तस्वीर बनती नजर आ रही है।

राजकोट रेलवे स्टेशन के पास मिले मो. हुसैन कहते हैं कि पिछली बार पाटीदारों की नाराजगी से भाजपा को ज्यादा नुकसान हुआ था। इस बार पाटीदार समीकरण ठीक है। इससे कांग्रेस कुछ कमजोर हुई और भाजपा को पहले से राहत मिली है। जहां कांग्रेस कमजोर हुई है, वहां मुस्लिम आप के साथ जाने का मन बना रहा है।
लखन भाई कहते हैं कि राजकोट की आठ सीटों में से भाजपा पिछले चुनाव में सात जीती थी। इस बार कई सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई है। राजकोट से करीब 62 किलोमीटर दूर मोरबी में मिले परिमल भाई कहते हैं कि भाजपा पिछले चुनाव में जिले की सभी सीटें हार गई थीं। लेकिन, इस बार यहां सीटें जीतने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं।
सोमनाथ और द्वारका पर निगाहें
भाजपा धर्मस्थलों के विकास और विस्तार पर खासा जोर दे रही है। लेकिन, पिछले चुनाव में गिर सोमनाथ जिले की चार सीटों में एक भी पार्टी हासिल नहीं कर पाई थी। देवभूमि द्वारका में भी दो में से एक सीट मिली थी।
ईशुदान को घेरने में पूरी ताकत
देवभूमि द्वारका की खंभालिया सीट से कांग्रेस के विक्रम मदाम, भाजपा के मुलुभाई बेरा व आप के सीएम चेहरा ईशुदान गढ़वी मैदान में हैं। भाजपा ने ईशुदान को घेरने में पूरी ताकत लगा रखी है।
सौराष्ट्र-कच्छ का रण
जिले-12, सीटें- 54
वर्ष 2017 का परिदृश्य
कांग्रेस 30
भाजपा 23
अन्य 01
पहले दौर का प्रचार आज खत्म
एक दिसंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार 29 नवंबर को खत्म। दूसरे और अंतिम चरण के लिए 5 दिसंबर को मतदान और मतगणना 8 दिसंबर को होगी।
जिलेवार सीटें
- जामनगर- कलवाड, जामनगर ग्रामीण, जामनगर उत्तर, जामनगर दक्षिण, जमजोधपुर।
- राजकोट- राजकोट पूरब, राजकोट पश्चिम, राजकोट ग्रामीण, राजकोट दक्षिण, जसदान, गोंडल, जेतपुर, धोरजी।
- सुरेंद्र नगर- डसाडा, लिंबडी, वधवान, चोटिला, ध्रंगधरा।
- मोरबी- मोरबी, टंकारा, वानकनेर।
- पोरबंदर- पोरबंदर, कुटियाना।
- जूनागढ़- मानवडार, जूनागढ़, विसवाडार, केशोद, मंगरोल।
- अमरेली- धारी, अमेरेली, लाठी, सावरकुंडला, राजूला।
- भावनगर- महुवा, तलाजा, गरियाधर, पलीटाना, भावनगर ग्रामीण, भावनगर पूरब, भावनगर पश्चिम।
- देवभूमि द्वारिका- खंभलिया, द्वारका।
- बोटाद-गधाडा, बोटाद।
- गिर सोमनाथ- सोमनाथ, तलाला, कोडिनार व उना।
- कच्छ- अबडासा, मांडवी, भुज, अंजार, गांधीधाम, रापर।
कसौटी : पहले प्रत्याशी, फिर जाति और आखिर में पार्टी व नेता
सौराष्ट्र के मतदाताओं की सियासी समझ गुजरात के बाकी हिस्सों से हटकर है। गुजरात के अन्य हिस्सों के मतदाता जहां बड़ी मजबूती से भाजपा व कांग्रेस के हिसाब से पार्टीलाइन से जुड़े नजर आते हैं। लेकिन, सौराष्ट्र के आम मतदाताओं के पसंद की कसौटी की प्राथमिकताएं थोड़ा हटकर हैं। सोमनाथ जिले के वेरावल में मुखातिब दीना भाई कहते हैं कि यहां पहली कसौटी पर प्रत्याशी की छवि होती है। दूसरे नंबर पर प्रत्याशी की जाति देखी जाती है।
आखिर में पार्टी व राष्ट्रीय नेता तवज्जो पाते हैं। दीना भाई कहते हैं कि इसी प्राथमिकता की वजह से कभी यहां भाजपा आगे हो जाती है तो कभी कांग्रेस। अच्छा प्रत्याशी जिसका जहां आया, वहां उसको फायदा होता है। सोमनाथ के लिए तमाम काम करने के बावजूद भाजपा का जिले में खाता तक नहीं खुला। यही इस बार भी होगा। पोरबंदर में किशन कोली कहते हैं, यहां की सभी सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई है लेकिन परिणाम बदलने के ज्यादा आसार नहीं हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दावा किया कि आप अगले महीने होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में कुल 182 सीटों में से 92 से अधिक सीटें जीतेगी। आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने कहा कि गुजरात में महिलाओं और युवाओं के बीच आप को लेकर बहुत उत्साह है क्योंकि पार्टी ने महंगाई और बेरोजगारी से निपटने का संकल्प लिया है।
सूरत में हीरा कारोबारियों से बातचीत के बाद केजरीवाल ने भरोसा जताया कि वे आप को वोट देंगे। हालांकि, वे भाजपा के डर से खुले तौर पर ऐसा नहीं कह रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारे सभी सर्वेक्षणों से पता चलता है कि हम युवाओं और महिलाओं के समर्थन के मामले में भाजपा से बहुत आगे हैं। उन्होंने दावा किया कि महिलाएं आप की समर्थक इसलिए बन रही हैं क्योंकि पार्टी ने बिजली बिल माफ करने का वादा किया है और निजी स्कूलों को अगले पांच वर्षों के दौरान फीस नहीं बढ़ाने देने का वादा किया है।
कांग्रेस को भरोसा जीतने के लिए फूट डालो-राज करो की रणनीति छोड़नी होगी : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा में नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर की भागीदारी को लेकर सोमवार को एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा। पीएम ने कहा कि विपक्षी पार्टी को गुजरात के लोगों का विश्वास वापस जीतने के लिए अपनी फूट डालो और राज करो की रणनीति छोड़नी होगी।
प्रधानमंत्री भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में भावनगर जिले के पलिताना शहर में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों ने कांग्रेस को खारिज कर दिया है क्योंकि उसकी एक क्षेत्र या समुदाय के लोगों को दूसरे के खिलाफ भड़काने की नीति के कारण राज्य को बहुत नुकसान उठाना पड़ा था। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोग उन लोगों की मदद करने के लिए तैयार नहीं हैं जो भारत को तोड़ने की इच्छा रखने वाले तत्वों का समर्थन करते हैं।
पीएम मोदी ने गुजरात में अपनी पिछली प्रचार रैलियों के दौरान भी भारत जोड़ो यात्रा में मेधा पाटकर के साथ चलने के लिए राहुल गांधी पर निशाना साधा था। मोदी ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस सौराष्ट्र के सूखे क्षेत्र में नर्मदा का पानी पहुंचने में बाधा डालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता उन लोगों को कभी माफ नहीं करेगी जो 40 साल से सरदार सरोवर बांध परियोजना को ठप रखने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के साथ चल रहे थे।
गुजरात के लोग उनकी मदद करने के लिए तैयार नहीं हैं जो भारत को तोड़ने की इच्छा रखने वाले तत्वों का समर्थन करते हैं। - पीएम मोदी
मोदी के वोट बैंक की राजनीति वाले बयान पर खरगे ने किया पलटवार, कहा... कांग्रेस ने आतंकवाद से लड़ाई में दो प्रधानमंत्री गंवाए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंकवाद पर कांग्रेस की ओर से वोट बैंक की राजनीति करने के आरोप पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को पलटवार किया। उन्होंने कहा, पार्टी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दो प्रधानमंत्रियों का बलिदान दिया है। उन्होंने पूछा, क्या भाजपा के किसी नेता ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी देश की एकता के लिए शहीद हुए। क्या कोई भाजपा नेता है, जिसने आजादी की लड़ाई लड़ी? रविवार को खेड़ा में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि कांग्रेस वोट बैंक के चश्मे से आतंकवाद को देखती है।
पूर्व मंत्री व्यास कांग्रेस में
गुजरात में भाजपा के वरिष्ठ नेता और चार बार के विधायक जय नारायण व्यास अपने बेटे समीर व्यास के साथ सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में पांच नवंबर को भाजपा छोड़ दी थी। खरगे ने अहमदाबाद में व्यास को पार्टी में शामिल किया। व्यास 32 साल तक भाजपा से जुड़े रहे।
भाजपा फिर से प्रचंड बहुमत से बनाएगी सरकार : शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि गुजरात में भाजपा फिर से प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने कहा, जनता ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जारी विकास यात्रा को मजबूती देने का निश्चय पहले ही कर लिया है। उन्होंने ये बातें खेरालु (मेहसाणा), सावली (वडोदरा) और भिलोडा में विजय संकल्प रैलियों में कही।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि गुजरात में सिर्फ डबल इंजन वाली सरकार नहीं बनानी है, बल्कि 2024 में एक बार फिर से रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, इस चुनाव में एक ओर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भाजपा है, तो दूसरी तरफ भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई और परिवारवाद व तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस पार्टी है।
मोदी ने हटाईं योजनाओं की बाधाएं
शाह ने कहा, जवाहरलाल नेहरू ने नर्मदा बांध परियोजना का भूमि पूजन किया था, लेकिन इस पर काम शुरू हुआ 2001 में। कभी हाईकोर्ट तो कभी सुप्रीम कोर्ट जाकर सरदार सरोवर बांध का काम रुकवाया गया, लेकिन पीएम ने सभी बाधाओं को दूर कर योजना को क्रियान्वित किया। अमित शाह ने कांग्रेस के नेताओं से पूछा कि उन्होंने गुजरात से पानी की समस्या को दूर करने के लिए क्या किया?
456 करोड़पति इस बार चुनाव मैदान में उतरे, किस दल के कितने धनकुबेर
- भाजपा 154
- कांग्रेस 142
- आप 68
- 2.56 करोड़ : उम्मीदवारों की औसत संपत्ति
- गांधीनगर की मनसा सीट से भाजपा की जयंती पटेल 661 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर उम्मीदवार। - एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक
- 42 उम्मीदवार निरक्षर, सिर्फ 85 साक्षर हैं...997 ने कक्षा 5-12 के बीच पढ़ाई की है। 449 उम्मीदवार स्नातक हैं।
- दो उम्मीदवार 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं। 197 की आयु 61-80 वर्ष, 861 की 41-60 वर्ष और 561 की आयु 25-40 वर्ष है।