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HAL: एचएएल ने हेलीकॉप्टर में तकनीकी खामी की रिपोर्ट्स खारिज की, बयान में कहा- ये रूटीन जांच का हिस्सा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Sun, 07 Sep 2025 12:20 PM IST
सार
एचएएल ने बयान में कहा है कि 'एचएएल हेलीकॉप्टर्स, भारतीय सशस्त्र बलों, तटरक्षक बल और सिविल ऑपरेटरों के साथ दो दशकों से अधिक समय से सेवा में है। इसने ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्रों से लेकर तटीय वातावरणों तक, विषम इलाकों में सफल संचालन किया है।'
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एचएएल
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
हालिया एक मीडिया रिपोर्ट में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के हेलीकॉप्टर्स में तकनीकी खामी का मामला उठाया गया था। अब उसे लेकर कंपनी ने बयान जारी किया है और मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। एचएएल ने बयान में कहा कि 'यह स्पष्टीकरण 6 सितंबर 2025 को एक समाचार पत्र में प्रकाशित लेखों के संदर्भ में है। दुर्भाग्य से, ये लेख भ्रामक टिप्पणियों के साथ एकतरफा दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। वन-टाइम चेक (ओटीसी) एक नियमित रखरखाव प्रक्रिया है जो टेल ड्राइव शाफ्ट (टीडीएस) में किसी खराबी के बाद की जाती है। एचएएल भारतीय सेना के साथ मिलकर काम कर रहा है और मूल कारण का पता लगाने के लिए विशेषज्ञ टीमों को तैनात किया गया है।'
एचएएल के ध्रुव हेलीकॉप्टर के पास चार लाख घंटे उड़ान का अनुभव
एचएएल ने कहा कि 'हेलीकॉप्टर्स की निरंतर उड़ान योग्यता के लिए रखरखाव संबंधी पहलू महत्वपूर्ण हैं और इस बात पर जोर देता है कि सभी रखरखाव निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।' एएलएच ने बयान में कहा कि 'एचएएल के ध्रुव हेलीकॉप्टर के बेड़े के पास 4.5 लाख घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने का अनुभव है और भारतीय सशस्त्र बलों, तटरक्षक बल और सिविल ऑपरेटरों के साथ दो दशकों से अधिक समय से सेवा में है। इसने ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्रों से लेकर तटीय वातावरणों तक, विषम इलाकों में सफल संचालन किया है। बाढ़ बचाव कार्यों और विभिन्न अलग-अलग ऑपरेशनों में एचएएल के हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल हुआ है। इनमें उच्च जोखिम वाले बचाव अभियान भी शामिल हैं।'
ये भी पढ़ें- India-Bhutan Ties: भारत-भूटान के बीच पावर प्रोजेक्ट पर समझौता, दोस्ती को मजबूती देगी 570 मेगावाट की परियोजना
एचएएल ने कहा- सिर्फ चुनिंदा तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकालना गलत
एचएएल ने मीडिया रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि हमारा मानना है कि व्यापक जानकारी और सटीक आंकड़ों के आधार पर निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए। एचएएल मीडिया द्वारा सटीक रिपोर्टिंग के महत्व पर जोर देता है और सिर्फ चुनिंदा तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकालना गलत है। गौरतलब है कि हालिया एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारतीय सेना द्वारा संचालन के दौरान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के उन्नत हल्के ध्रुव हेलीकॉप्टर्स के टेल ड्राइव शाफ्ट (टीडीएस) में एक तकनीकी समस्या है। जिसके चलते डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स ने तुरंत आदेश जारी कर एचएएल के हेलीकॉप्टर्स की जांच के निर्देश दिए हैं।
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एचएएल के ध्रुव हेलीकॉप्टर के पास चार लाख घंटे उड़ान का अनुभव
एचएएल ने कहा कि 'हेलीकॉप्टर्स की निरंतर उड़ान योग्यता के लिए रखरखाव संबंधी पहलू महत्वपूर्ण हैं और इस बात पर जोर देता है कि सभी रखरखाव निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।' एएलएच ने बयान में कहा कि 'एचएएल के ध्रुव हेलीकॉप्टर के बेड़े के पास 4.5 लाख घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने का अनुभव है और भारतीय सशस्त्र बलों, तटरक्षक बल और सिविल ऑपरेटरों के साथ दो दशकों से अधिक समय से सेवा में है। इसने ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्रों से लेकर तटीय वातावरणों तक, विषम इलाकों में सफल संचालन किया है। बाढ़ बचाव कार्यों और विभिन्न अलग-अलग ऑपरेशनों में एचएएल के हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल हुआ है। इनमें उच्च जोखिम वाले बचाव अभियान भी शामिल हैं।'
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एचएएल ने कहा- सिर्फ चुनिंदा तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकालना गलत
एचएएल ने मीडिया रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि हमारा मानना है कि व्यापक जानकारी और सटीक आंकड़ों के आधार पर निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए। एचएएल मीडिया द्वारा सटीक रिपोर्टिंग के महत्व पर जोर देता है और सिर्फ चुनिंदा तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकालना गलत है। गौरतलब है कि हालिया एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारतीय सेना द्वारा संचालन के दौरान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के उन्नत हल्के ध्रुव हेलीकॉप्टर्स के टेल ड्राइव शाफ्ट (टीडीएस) में एक तकनीकी समस्या है। जिसके चलते डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स ने तुरंत आदेश जारी कर एचएएल के हेलीकॉप्टर्स की जांच के निर्देश दिए हैं।
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