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Maharashtra: उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान, 'हिंदुत्व नहीं छोड़ा है, लेकिन भाजपा का खोटा संस्करण स्वीकार्य नहीं'
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नासिक
Published by: पवन पांडेय
Updated Wed, 16 Apr 2025 09:30 PM IST
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सार
शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी की विचारधारा हिंदुत्व पर आधारित है, लेकिन भाजपा का 'राजनीतिक हिंदुत्व' उन्हें स्वीकार नहीं। उन्होंने खुद को एक सच्चे राष्ट्रवादी और समावेशी नेता के रूप में पेश किया, जो सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।

उद्धव ठाकरे, शिवसेना यूबीटी प्रमुख
- फोटो : ANI
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विस्तार
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि उन्होंने कभी हिंदुत्व का साथ नहीं छोड़ा, लेकिन भाजपा का खोटा हिंदुत्व उन्हें स्वीकार नहीं है। नासिक में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर तीखा हमला किया और कहा कि बीजेपी का मौजूदा हिंदुत्व दिखावे और वोट बैंक के लिए है, जबकि शिवसेना का हिंदुत्व सच्चा राष्ट्रवाद है।
राजभवन को शिवाजी महाराज का स्मारक बनाएं- ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार से मांग की कि मुंबई में मौजूद राजभवन को छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बना देना चाहिए और राज्यपाल को कहीं और शिफ्ट कर देना चाहिए। उन्होंने पूछा कि अगर भाजपा को वाकई शिवाजी महाराज से प्रेम है, तो उनकी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित क्यों नहीं करती?
यह भी पढ़ें - Tamil Nadu: भाजपा के साथ गठबंधन से पीछे हटी AIADMK? पलानीस्वामी बोले- गठजोड़ सिर्फ चुनावों तक
'मैं भाजपा से अलग हुआ, हिंदुत्व से नहीं'
उन्होंने कहा, 'मैं भाजपा से अलग हुआ हूं, हिंदुत्व से नहीं। मैं मर जाऊंगा लेकिन हिंदुत्व का साथ नहीं छोड़ूंगा।' उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने एक झूठा नैरेटिव खड़ा किया है कि उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व छोड़ दिया है, जबकि सच यह है कि उन्होंने हमेशा सभी धर्मों के लोगों को बराबरी से देखा है।
'शिवसेना के बिना राम मंदिर नहीं बनता'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर शिवसेना ने भाजपा का साथ न दिया होता तो वह कभी भी अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनवा पाते। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज जो लोग खुद को 'हिंदू हितैषी' बता रहे हैं, वे ही कल बाबरी विध्वंस पर माफी मांग रहे थे, जबकि शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे ने गर्व से कहा था कि अगर शिवसैनिकों ने ढांचा गिराया है, तो उन्हें उस पर गर्व है।
'मशाल चुनाव चिन्ह, लेकिन भगवा पहचान'
उद्धव ठाकरे ने साफ किया कि शिवसेना (यूबीटी) का चुनाव चिन्ह भले ही 'मशाल' हो, लेकिन पार्टी की पहचान हमेशा 'भगवा' (केसरिया) रही है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का मतलब केवल एक धर्म नहीं होता, बल्कि यह राष्ट्रभक्ति और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है।
वक्फ कानून पर हमारा रुख साफ- उद्धव
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना यूबीटी ने वक्फ कानून का विरोध इसलिए किया क्योंकि उसका हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने भाजपा को घेरते हुए कहा कि जिस पार्टी ने तमिलनाडु में एआईएडीएमके से गठबंधन किया है, जिसने खुद उस बिल का विरोध किया था, वो अब शिवसेना को निशाना बना रही है।
यह भी पढ़ें - कर्नाटक: मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा पर सत्ता हथियाने की कोशिश का लगाया आरोप, कहा-सतर्क रहें और एकजुट रहें
भाजपा का दोहरा चेहरा: रमजान में 'मोदी की सौगात'
भाजपा पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि रमजान में 'सौगात-ए-मोदी' नाम से मुस्लिमों को गिफ्ट बांटे जा रहे हैं, ताकि बिहार में चुनाव में लाभ मिल सके। जबकि महाराष्ट्र में बीजेपी 'बांटेंगे तो कटेंगे' जैसे नारे देकर नफरत फैला रही है। उन्होंने कहा कि मुंबई को लगातार 'लूटा' जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट गुजरात भेजे जा रहे हैं। उन्होंने इसे महाराष्ट्र के आत्म-सम्मान पर हमला बताया।
विधानसभा चुनाव के नतीजों को नकारा
2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणामों को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें ये नतीजे स्वीकार नहीं हैं। उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर बैलेट पेपर से चुनाव होता तो विपक्ष को भारी बहुमत मिलता। उन्होंने बीजेपी की 'बूथ मैनेजमेंट' रणनीति को चुनाव जीत का मुख्य कारण बताया और अपनी पार्टी को इस दिशा में काम करने की सलाह दी।
आरएसएस पर भी उद्धव ने किया वार
उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी निशाना साधा और पूछा कि आज तक कितने संघ प्रमुख दलित या मुस्लिम हुए हैं? उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाळ के हालिया बयान का समर्थन करते हुए यह सवाल उठाया।

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उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार से मांग की कि मुंबई में मौजूद राजभवन को छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बना देना चाहिए और राज्यपाल को कहीं और शिफ्ट कर देना चाहिए। उन्होंने पूछा कि अगर भाजपा को वाकई शिवाजी महाराज से प्रेम है, तो उनकी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित क्यों नहीं करती?
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'मैं भाजपा से अलग हुआ, हिंदुत्व से नहीं'
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'शिवसेना के बिना राम मंदिर नहीं बनता'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर शिवसेना ने भाजपा का साथ न दिया होता तो वह कभी भी अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनवा पाते। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज जो लोग खुद को 'हिंदू हितैषी' बता रहे हैं, वे ही कल बाबरी विध्वंस पर माफी मांग रहे थे, जबकि शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे ने गर्व से कहा था कि अगर शिवसैनिकों ने ढांचा गिराया है, तो उन्हें उस पर गर्व है।
'मशाल चुनाव चिन्ह, लेकिन भगवा पहचान'
उद्धव ठाकरे ने साफ किया कि शिवसेना (यूबीटी) का चुनाव चिन्ह भले ही 'मशाल' हो, लेकिन पार्टी की पहचान हमेशा 'भगवा' (केसरिया) रही है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का मतलब केवल एक धर्म नहीं होता, बल्कि यह राष्ट्रभक्ति और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है।
वक्फ कानून पर हमारा रुख साफ- उद्धव
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना यूबीटी ने वक्फ कानून का विरोध इसलिए किया क्योंकि उसका हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने भाजपा को घेरते हुए कहा कि जिस पार्टी ने तमिलनाडु में एआईएडीएमके से गठबंधन किया है, जिसने खुद उस बिल का विरोध किया था, वो अब शिवसेना को निशाना बना रही है।
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विधानसभा चुनाव के नतीजों को नकारा
2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणामों को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें ये नतीजे स्वीकार नहीं हैं। उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर बैलेट पेपर से चुनाव होता तो विपक्ष को भारी बहुमत मिलता। उन्होंने बीजेपी की 'बूथ मैनेजमेंट' रणनीति को चुनाव जीत का मुख्य कारण बताया और अपनी पार्टी को इस दिशा में काम करने की सलाह दी।
आरएसएस पर भी उद्धव ने किया वार
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