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Land for job scam: जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में सुनवाई टली, अब इस दिन होगी बहस
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता महतो
Updated Wed, 12 Jul 2023 02:29 PM IST
सार
सीबीआई का कहना है कि लालू प्रसाद यादव ने एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर जमीन खरीदी थी और तुरंत पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के नाम पर ट्रांसफर कर दिया था।
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Lalu Prasad Yadav
- फोटो : Social Media
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विस्तार
जमीन के बदले नौकरी मामले में सुनवाई आठ अगस्त तक के लिए टल गई है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया कि उसे पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और कुछ रेलवे अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन मंजूरी हासिल करने में एक महीने का समय लगेगा, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दी।
इससे पहले 3 जुलाई को सीबीआई ने इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। इसमें लालू यादव, राबड़ी देवी के साथ तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया था। इसके अलावा मामले में 17 अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
क्या है मामला?
आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच रेलमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान लालू प्रसाद यादव ने उम्मीदवारों से ग्रुप डी की नौकरी के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ली थी।
बता दें कि इन नौकरी के लिए मंत्रालय ने न तो कोई विज्ञापन निकाला था और न ही कोई नोटिस जारी किया था। इसके अलावा पटना में रहने वाले लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता और जयपुर जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट के तौर पर नियुक्त किया गया था।
प्राइवेट कंपनी के नाम खरीदी जमीन
सीबीआई का कहना है कि यह जमीन लालू प्रसाद यादव ने एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर खरीदी थी और तुरंत पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के नाम पर ट्रांसफर कर दिया था। कंपनी ने यह जमीन तकरीबन एक करोड़ 77 लाख रुपये में खरीदी थी और इसे मात्र एक लाख रुपये में लालू और उनके परिवार के नाम ट्रांसफर कर दिया था, जबकि इसकी मार्केट वैल्यू कहीं ज्यादा थी।
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इससे पहले 3 जुलाई को सीबीआई ने इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। इसमें लालू यादव, राबड़ी देवी के साथ तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया था। इसके अलावा मामले में 17 अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
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क्या है मामला?
आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच रेलमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान लालू प्रसाद यादव ने उम्मीदवारों से ग्रुप डी की नौकरी के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ली थी।
बता दें कि इन नौकरी के लिए मंत्रालय ने न तो कोई विज्ञापन निकाला था और न ही कोई नोटिस जारी किया था। इसके अलावा पटना में रहने वाले लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता और जयपुर जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट के तौर पर नियुक्त किया गया था।
प्राइवेट कंपनी के नाम खरीदी जमीन
सीबीआई का कहना है कि यह जमीन लालू प्रसाद यादव ने एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर खरीदी थी और तुरंत पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के नाम पर ट्रांसफर कर दिया था। कंपनी ने यह जमीन तकरीबन एक करोड़ 77 लाख रुपये में खरीदी थी और इसे मात्र एक लाख रुपये में लालू और उनके परिवार के नाम ट्रांसफर कर दिया था, जबकि इसकी मार्केट वैल्यू कहीं ज्यादा थी।