जानिए क्या था पुलवामा हमला, जिसे लेकर अपनी पीठ थपथपा रहा है पाकिस्तान
भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान पर अपना भय जाहिर करने के बाद पाकिस्तान ने पुलवामा हमले में अपना हाथ होने की बात भी स्वीकार कर ली है। प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के एक मंत्री फवाद हुसैन ने संसद में इस हमले को बड़ी कामयाबी बताया है।
फवाद हुसैन ने संसद में कहा कि पुलवामा हमला इमरान खान सरकार की बड़ी कामयाबी है। आइए जानते हैं कि जिस हमले को लेकर पाकिस्तान अपनी पीठ थपथपा रहा है आखिर वह पूरा घटनाक्रम क्या था और पाकिस्तान को इसका क्या अंजाम भुगतना पड़ा था...
14 फरवरी 2019 को हुआ था हमला, 45 जवान हुए थे शहीद
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ बस पर आत्मघाती हमला हुआ था। एक हमलावर ने विस्फोटकों से भरी एक कार सीआरपीएफ के काफिले से टकरा दी थी। इस हमले में 45 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। यह हमला देश में हुए सबसे भीषण आतंकी हमलों में से एक था। कहते हैं कि विस्फोट की आवाज इतनी तेज थी कि मीलों दूर तक सुनी गई थी औ सड़क पर काफी गहरा गड्ढा हो गया था।
हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने की एयर स्ट्राइक
पुलवामा आतंकी हमले के ठीक 12 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान को इसका करारा जवाब दिया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर वहां मौजूद जैश-ए-मोहम्मद को आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों और ठिकानों को तबाह कर दिया था। इस हमले में कई आतंकी मारे गए थे।
26 फरवरी की सुबह भारतीय लड़ाकू विमान मिराज 2000 के एक समूह ने पाक स्थित आतंकी शिविकों पर बमबारी की थी। इन शिविरों पर 1000 किलो बम गिराए गए थे और बालाकोट, चकोठी व मुजफ्फराबाद के एलओसी स्थित आतंकी कैंप और लांच पैड्स को वायुसेना ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
भारतीय विदेश विदेश मंत्रालय ने इस बारे में बताया था कि जैश-ए-मोहम्मद भारत में और आत्मघाती हमले करने की योजना बना रहा था। यह सूचना मिलने के बाद वायु सेना ने बालाकोट में जैश के प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया था, जिसमें कई आतंकी और सीनियर कमांडर मारे गए थे।