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BOPS: ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी का गठन करेगा केंद्र, शाह बोले- मजबूत होगी जहाजों और बंदरगाहों की सुरक्षा
अमर उजाला ब्यूरो
Published by: लव गौर
Updated Sat, 20 Dec 2025 06:03 AM IST
सार
गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को बीओपीएस के गठन को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सरबानंद सोनोवाल तथा नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू भी मौजूद रहे।
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अमित शाह
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
देश के बंदरगाहों और जहाजों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार एक वैधानिक निकाय ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी (बीओपीएस) की स्थापना करेगी। यह निकाय बंदरगाहों और पोतों से जुड़ी सुरक्षा सूचनाओं का समय पर विश्लेषण, संग्रह और आदान-प्रदान सुनिश्चित करेगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को बीओपीएस के गठन को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सरबानंद सोनोवाल तथा नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू भी मौजूद रहे। आधिकारिक बयान के अनुसार, बैठक में देशव्यापी, मजबूत और समन्वित पोर्ट सुरक्षा ढांचा तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया गया। अमित शाह ने निर्देश दिया कि सुरक्षा उपायों को चरणबद्ध और जोखिम-आधारित तरीके से लागू किया जाए। इसमें बंदरगाहों की संवेदनशीलता, व्यापारिक क्षमता, भौगोलिक स्थिति और अन्य प्रासंगिक पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा। बैठक में यह भी कहा गया कि समुद्री सुरक्षा ढांचे से मिले अनुभवों को विमानन सुरक्षा क्षेत्र में भी अपनाया जाएगा।
बीओपीएस का गठन नए मर्चेंट शिपिंग एक्ट, 2025 के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में किया जाएगा। यह निकाय नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) की तर्ज पर होगा और बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन काम करेगा। इसका नेतृत्व एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी करेंगे, जो इसके महानिदेशक होंगे। संक्रमणकाल के एक वर्ष के दौरान, महानिदेशक (शिपिंग) ही बीओपीएस के महानिदेशक की जिम्मेदारी संभालेंगे।
ये भी पढ़ें: ड्रोन से बदलेगी जंग की तस्वीर: भारतीय सेना खरीदेगी 850 कामिकाजे ड्रोन, 2000 करोड़ के सौदे पर जल्द लगेगी मुहर
साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
बीओपीएस जहाजों और बंदरगाह सुविधाओं की सुरक्षा से जुड़े नियामक और पर्यवेक्षण कार्यों की जिम्मेदारी निभाएगा। इसमें साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और डिजिटल खतरों से पोर्ट आईटी ढांचे की सुरक्षा के लिए एक समर्पित इकाई बनाई जाएगी। सरकार ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को मान्यता प्राप्त सुरक्षा संगठन घोषित किया है, जो बंदरगाह सुविधाओं के लिए सुरक्षा आकलन और सुरक्षा योजनाओं की तैयारी करेगा।
इसके साथ ही, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण देगा और उनकी क्षमता बढ़ाएगा। केवल लाइसेंस प्राप्त निजी सुरक्षा एजेंसियों को ही इस क्षेत्र में काम करने की अनुमति देने के लिए नियामक प्रावधान लागू किए जाएंगे।
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गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को बीओपीएस के गठन को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सरबानंद सोनोवाल तथा नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू भी मौजूद रहे। आधिकारिक बयान के अनुसार, बैठक में देशव्यापी, मजबूत और समन्वित पोर्ट सुरक्षा ढांचा तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया गया। अमित शाह ने निर्देश दिया कि सुरक्षा उपायों को चरणबद्ध और जोखिम-आधारित तरीके से लागू किया जाए। इसमें बंदरगाहों की संवेदनशीलता, व्यापारिक क्षमता, भौगोलिक स्थिति और अन्य प्रासंगिक पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा। बैठक में यह भी कहा गया कि समुद्री सुरक्षा ढांचे से मिले अनुभवों को विमानन सुरक्षा क्षेत्र में भी अपनाया जाएगा।
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बीओपीएस का गठन नए मर्चेंट शिपिंग एक्ट, 2025 के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में किया जाएगा। यह निकाय नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) की तर्ज पर होगा और बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन काम करेगा। इसका नेतृत्व एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी करेंगे, जो इसके महानिदेशक होंगे। संक्रमणकाल के एक वर्ष के दौरान, महानिदेशक (शिपिंग) ही बीओपीएस के महानिदेशक की जिम्मेदारी संभालेंगे।
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साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
बीओपीएस जहाजों और बंदरगाह सुविधाओं की सुरक्षा से जुड़े नियामक और पर्यवेक्षण कार्यों की जिम्मेदारी निभाएगा। इसमें साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और डिजिटल खतरों से पोर्ट आईटी ढांचे की सुरक्षा के लिए एक समर्पित इकाई बनाई जाएगी। सरकार ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को मान्यता प्राप्त सुरक्षा संगठन घोषित किया है, जो बंदरगाह सुविधाओं के लिए सुरक्षा आकलन और सुरक्षा योजनाओं की तैयारी करेगा।
इसके साथ ही, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण देगा और उनकी क्षमता बढ़ाएगा। केवल लाइसेंस प्राप्त निजी सुरक्षा एजेंसियों को ही इस क्षेत्र में काम करने की अनुमति देने के लिए नियामक प्रावधान लागू किए जाएंगे।