Bihar Election Result 2025: 243 मौजूदा विधायकों में से 192 फिर उतरे मैदान में, जानें कौन जीता, किसे मिली हार
इस बार के चुनाव में सभी दलों ने अपने मौजूदा विधायकों पर अधिक से अधिक भरोसा जताया। 2020 में जीते 243 विधायकों में से 192 विधायक इस बार फिर से चुनावी मैदान में उतरे। आइए जानते हैं इनमें से किसे मिली जीत ?
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बिहार चुनाव के नतीजे आ गए हैं। भाजपा और जदयू की अगुवाई में एनडीए ने कुल 202 सीट पर जीत हासिल की है। वहीं, राजद की अगुवाई वाला महागठबंधन महज 35 सीटों पर सिमट गया। इस बार के चुनाव में सभी दलों ने अपने मौजूदा विधायकों पर अधिक से अधिक भरोसा जताया। कई दलों ने दूसरे दल के मौजूदा विधायाकों को अपने दल में शामिल करके उन्हें टिकट थमा दिया। 2020 में जीते 243 विधायकों में से 192 विधायक इस बार फिर से चुनावी मैदान में उतरे। भागलपुर सीट से अजीत शर्मा कांग्रेस के टिकट से लगातार चौथी बार चुनाव मैदान में उतरे, तो सीवान विधानसभा सीट से छह बार जीत चुके राजद के अवध बिहार चौधरी ने भी एक बार फिर ताल ठोकी। हालांकि, इन दोनों विधायकों को 2025 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
2025 के विधानसभा चुनाव में 243 विधायकों में से 192 विधायकों को दोबारा टिकट मिला। इनमें से 104 फिर से जीत गए हैं। वहीं, 88 विधायकों को हार का सामना करना पड़ा। फिर से चुने गए विधायकों में कई बड़े नाम शामिल हैं। जाले विधानसभा सीट से भाजपा के जीबेश कुमार फिर से चुनावी मैदान में थे। उन्हें अपनी सीट से लगातार तीसरी बार जीत मिली है। भाजपा की श्रेयसी सिंह जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक चुनी गईं हैं।
हालांकि, फिर से मैदान में उतरे कई नाम ऐसे भी हैं, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा। भागलपुर सीट से कांग्रेस नेता अजीत शर्मा लगातार चौथी बार चुनावी अखाड़े में थे, पर 2025 का विधानसभा चुनाव उन्हें रास नहीं आया। शुक्रवार को आए विधानसभा चुनाव परिणामों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। यहां से भाजपा के रोहित पांडेय ने अजीत शर्मा को मात दे दी। वहीं, सीवान विधानसभा सीट से राजद के अवध बिहार चौधरी सातवीं बार मैदान में थे। लेकिन इस चुनाव में उन्हें निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री भाजपा के मंगल पांडेय से हार का सामना करना पड़ा है।
एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरे 192 मौजूदा विधायकों में से 29 ऐसे थे जिन्होंने खुद या उनके करीबियों ने इस बार पार्टी बदलकर चुनाव लड़ा। इन नेताओं में तेज प्रताप यादव, अनंत सिंह, चेतन आनंद से लेकर सिद्धार्थ सौरभ और विभा कुमारी तक के नाम शामिल हैं। इन 29 में से 10 विधायक को जीत मिली। मोकामा से पिछली बार अनंत सिंह की पत्नी मनोरमा देवी राजद के टिकट पर जीती थीं। इस पर उनके पति खुद चुनाव लड़ रहे थे। बाहुबली की छवि वाले अनंत सिंह इस बार जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। अनंत सिंह मोकामा से जीत गए हैं। 2020 में कांग्रेस के टिकट पर जीते सिद्धार्थ सौरभ ने इस बार भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की है।
2020 में जीत दर्ज करने वाले दो विधायक इस चुनाव में सीट बदलकर उतरे। इस कड़ी में पहला नाम तेजप्रताप यादव है। तेजप्रताप 2020 में राजद के टिकट पर हसनपुर सीट से जीते थे। इस चुनाव में अपनी पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाकर उतरे तेज प्रताप ने सीट बदलकर महुआ सीट से चुनाव लड़े। हालांकि उन्होंने इस चुनाव में उन्होंने हार का सामना करना पड़ा। तेज प्रताप इससे पहले 2015 में महुआ सीट से जीत दर्ज कर चुके थे। इसी तरह आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद 2020 के चुनाव में राजद के टिकट से शिवहर से जीत दर्ज की थी। इस बार वह नबीनगर सीट से जदयू के टिकट पर चुनावी मैदान में थे। यहां वे कड़े संघर्ष के बाद महज 112 वोट से जीत हासिल कर पाए।