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लाल किले से पीएम मोदी का संबोधन: गुरु को नमन, औरंगजेब और सीएए का जिक्र, पढ़ें प्रधानमंत्री के 19 मिनट के भाषण की अहम बातें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Thu, 21 Apr 2022 11:19 PM IST
सार
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, आप सभी देशवासियों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई देता हूं। इस लाल किले ने गुरु तेग बहादुर की शहादत को देखा है। इसलिए लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहुत विशेष हो गया है।
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प्रकाश पर्व पर पीएम मोदी का संबोधन
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर लाल किला पहुंचे और गुरु की ताकत और बलिदान को याद किया। अपने संबोधन में उन्होंने औरंगजेब से लेकर सीएए का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा कि आज की भावना को शब्दों में बता पाना मुश्किल है। आज हमारा देश हमारे गुरुओं के आदर्शों पर चल रहा है। आप सभी देशवासियों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई देता हूं। इस लाल किले ने गुरु तेग बहादुर की शहादत को देखा है। लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहुत विशेष हो गया है। हम आपको बता रहे हैं पीएम मोदी के 19 मिनट के भाषण की अहम बातें।
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इस भूमि को हमारे ऋषि-मुनियों ने सींचा है
आज हम यहां स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान की वजह से हैं। हिंदुस्तान दुनिया को परोपकार का संदेश देने वाला देश है। ये भूमि सिर्फ एक देश नहीं है। इसे हमारे ऋषि-मुनियों ने सींचा है। सैकड़ों वर्षों की गुलामी से आजादी और भारत की आध्यात्मिकता को अलग करके नहीं देखा जा सकता है।
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औरंगजेब के सामने हिंद की चादर बन गए थे गुरु तेगबहादुर
उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी। हिंसा की पराकाष्ठा कर दी। उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए गुरु तेगबहादुर जी सामने आए। आततायी औरंगजेब के सामने हिंद की चादर बन गए और चट्टान बनकर खड़े हो गए। संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर ने बलिदान दिया था। औरंगजेब ने भले ही कई सिर को धड़ से अलग किया, लेकिन हमारी आस्था को हमसे अलग नहीं कर सका। बड़ी-बड़ी सत्ता मिट गई, लेकिन भारत आज भी अमर खड़ा है। भारत आगे बढ़ रहा है। आज एक बार फिर दुनिया भारत की तरफ देख रही है।
सीएए ने दी अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता
नागरिकता संशोधन कानून ने पड़ोसी देशों से आने वाले अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी है। ऐसा इसलिए संभव हुआ है क्योंकि हमारे गुरुओं ने हमें मानवता के पथ पर आगे बढ़ने की सीख दी है। भारत ने कभी किसी समाज या देश के लिए खतरा पैदा नहीं किया है। हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो पूरे विश्व की प्रगति का लक्ष्य सामने रखते हैं। पूरी विश्व के स्वास्थ्य और परोपकार की कामना के साथ करते हैं।
भारत अपने गौरव के शिखर पर पहुंचेगा
मुझे पूरा भरोसा है कि गुरुओं के आशीर्वाद से भारत अपने गौरव के शिखर पर पहुंचेगा। जब हम आजादी के 100 साल मनाएंगे, तो एक नया भारत हमारे सामने होगा। हमें ऐसा भारत बनाना है, जिसका सामर्थ्य दुनिया देखे, जो दुनिया को नई ऊंचाई पर ले जाए। देश का विकास और तेज प्रगति हम सबका कर्तव्य है। इसके लिए सबके प्रयास की जरूरत है।
शत-प्रतिशत समर्पण आज भी हमारे सिख समाज की पहचान
नई सोच, सतत परिश्रम और शत-प्रतिशत समर्पण, ये आज भी हमारे सिख समाज की पहचान है। आजादी के अमृत महोत्सव में आज देश का भी यही संकल्प है। हमें अपनी पहचान पर गर्व करना है। हमें लोकल पर गर्व करना है, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है।
श्री गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को लाने में लगाई पूरी ताकत
श्री गुरुग्रंथ साहिब जी हमारे लिए आत्मकल्याण के पथप्रदर्शक के साथ साथ भारत की विविधता और एकता का जीवंत स्वरूप भी हैं। इसलिए, जब अफगानिस्तान में संकट पैदा होता है, हमारे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को लाने का प्रश्न खड़ा होता है, तो भारत सरकार पूरी ताकत लगा देती है।
गुरुओं के आशीर्वाद के रूप में ‘एक भारत’ के दर्शन
गुरु नानकदेव जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। गुरु तेग बहादुर जी के अनुयायी हर तरफ हुए। पटना में पटना साहिब और दिल्ली में रकाबगंज साहिब, हमें हर जगह गुरुओं के ज्ञान और आशीर्वाद के रूप में ‘एक भारत’ के दर्शन होते हैं। पिछले वर्ष ही हमारी सरकार ने, साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया। सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।