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India-China Ties: भारत-चीन संबंध सुधारने की पहल से लाभ के संकेत; सीमा पर शांति, सीधी उड़ान जैसे विषय पर सहमति

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Tue, 19 Aug 2025 10:50 PM IST
सार

भारत और चीन ने रिश्तों को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सीमा व्यापार फिर से शुरू करने, सीधी उड़ानें बहाल करने और पुराने संवाद मंचों को दोबारा शुरू करने पर सहमति जताई है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों ने व्यापार, निवेश और सीमाई इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया है। आइए जानते है कि एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई वार्ता में और किन-किन मुद्दों पर सहमति जताई गई?

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India China Relations improve relation agreement reached on border trade and direct flights News In Hindi
पीएम मोदी और शी जिनपिंग (फाइल फोटो) - फोटो : ANI
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विस्तार
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भारत और चीन ने सीमा विवाद के समाधान की दिशा में एक और अहम कदम बढ़ाया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को भारत-चीन सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वें दौर की वार्ता की सह-अध्यक्षता की। यह बैठक सकारात्मक और रचनात्मक माहौल में हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने सीमा विवाद पर गहराई से चर्चा की और पांच प्रमुख बिंदुओं पर सहमति जताई। इस बैठक में दोनों देशों ने सीमावर्ती इलाकों में व्यापार फिर से शुरू करने, सीधी उड़ानें बहाल करने और आपसी बातचीत के पुराने मंचों को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।

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मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों ने सीमा व्यापार को दोबारा शुरू करने का फैसला किया है। यह व्यापार तीन विशेष मार्गों के जरिए होगा, जिन्हें पहले से निर्धारित किया गया है। भारत और चीन ने आपसी व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने पर भी सहमति जताई है। इसका मकसद दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने यह भी तय किया कि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सौहार्दपूर्ण बातचीत जारी रखी जाएगी। दोनों देशों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवाएं जल्द से जल्द फिर से शुरू की जाएंगी। इससे लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा और व्यापार भी सुगम होगा।
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सीधी उड़ानों और वीजा सुविधा की बहाली
इस बैठक में दोनों देशों के नेताओं ने सीधी उड़ान और वीजा सुविधा की बहाली पर जोर दिया। इसके तहत अब जल्द ही भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू की जाएंगी। साथ ही, पर्यटकों, व्यापारियों, मीडियाकर्मियों और अन्य यात्रियों के लिए वीजा प्रक्रिया आसान बनाई जाएगी। साथ ही अगले साल 2026 से भारत से कैलाश मानसरोवर यात्रा को और अधिक यात्रियों के लिए खोला जाएगा।

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सीमा निर्धारण के लिए जल्द बनाया जाएगी विशेषज्ञों की समूह
बैठक में दोनों पक्षों ने माना कि 2005 में हुए समझौते के तहत राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाते हुए एक ऐसा समाधान खोजा जाए जो निष्पक्ष, उचित और दोनों के लिए स्वीकार्य हो। इसके साथ ही दोनों देशों ने यह भी तय किया कि सीमा निर्धारण को लेकर जल्दी लाभ की संभावना तलाशने के लिए एक विशेषज्ञ समूह बनाया जाएगा, जो डब्ल्यूएमसीसी के अंतर्गत कार्य करेगा। इसके तहत सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए डब्ल्यूएमसीसी के अंतर्गत ही एक और कार्य समूह का गठन किया जाएगा, जो प्रभावी सीमा प्रबंधन पर काम करेगा।

इन क्षेत्रों में होगा नए तंत्रों का निर्माण
बता दें कि दोनों देश का अब तक केवल पश्चिमी क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित था, लेकिन अब पूर्वी और मध्य क्षेत्रों के लिए भी सामान्य स्तरीय तंत्र बनाए जाएंगे। साथ ही पश्चिमी क्षेत्र के लिए जल्द बैठक होगी। इसके अलावा सीमा पर तनाव कम करने और शांति बनाए रखने के लिए दोनों देश कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के जरिए संवाद जारी रखेंगे और सीमा प्रबंधन पर चर्चा को आगे बढ़ाएंगे।

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सीमावर्ती नदियों पर सहयोग पर भी बनी सहमति
इसके अलावा दोनों देशों ने नदियों से जुड़ी जानकारी साझा करने और मौजूदा समझौतों को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। आपात स्थिति में चीन मानवता के आधार पर भारत को पानी की जानकारी देगा। फलस्वरूप सीमावर्ती व्यापार फिर शुरू होगा। इसके तहत लिपुलेख पास, शिपकी ला पास और नाथु ला पास के ज़रिए सीमा व्यापार दोबारा शुरू होगा।

डिप्लोमैटिक आयोजनों में सहयोग पर जोर
बैठक में दोनों देशों ने माना कि भारत और चीन के नेताओं की रणनीतिक सोच और मार्गदर्शन से आपसी संबंधों में सुधार आता है। दोनों पक्षों ने आपसी समझौतों को ईमानदारी से लागू करने पर सहमति जताई। साथ ही डिप्लोमैटिक आयोजनों में सहयोग पर भी जोर दिया। इसके तहत भारत 2026 में BRICS सम्मेलन की मेजबानी करेगा और चीन 2027 में। दोनों देश एक-दूसरे का समर्थन करेंगे। इसके अलावा दोनों देश आधिकारिक संवाद और कार्यक्रमों को फिर से शुरू करने पर सहमत हुए, जिसमें 2026 में भारत-चीन उच्च स्तरीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान बैठक शामिल है।

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