MEA: कनाडा की संसद में आतंकी निज्जर की याद में मौन पर भारत का निशाना, कहा- राजनीति में आतंकवाद को जगह देना गलत
MEA: कनाडा की संसद में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की याद में मौन रखा गया था। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा ‘हम राजनीति में आतंकवाद को स्थान देने वाले किसी भी कदम का विरोध करते हैं।’


विस्तार
भारत के बार-बार कहने के बावजूद कनाडा अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। दरअसल कनाडा की सरकार खालिस्तानी चरमपंथियों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। ताजा मामला हरदीप सिंह निज्जर से जुड़ा है। कनाडा की संसद में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की याद में मौन रखा गया, जिसके जवाब में भारत ने भी कनाडा को उसी भाषा में जवाब दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने निज्जर की याद में मौन रखने की निंदा की है। जायसवाल ने कहा ‘हम राजनीति में आतंकवाद को स्थान देने वाले किसी भी कदम का विरोध करते हैं।’
#WATCH | Delhi: On Canadian Parliament observing two-minute silence on the death anniversary of Sikh separatist leader Hardeep Singh Nijjar, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We naturally oppose any moves giving political space to extremism and those advocating violence..." pic.twitter.com/nN6iyIWHQQ
— ANI (@ANI) June 21, 2024
'खालिस्तानी आतंकवाद हमारे लिए चिंता का विषय'
खालिस्तानी आतंकवाद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा ‘'हमने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि खालिस्तानी गतिविधियां हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। हम बार-बार कनाडा सरकार से कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं।’ जायसवाल ने कहा कि कनाडा में चरमपंथियों को राजनीतिक छूट दी गई है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
हरदीप सिंह निज्जर कौन था?
हरदीप सिंह निज्जर पंजाब के जालंधर से साल 1997 में फर्जी पासपोर्ट पर कनाडा गया था। हालांकि निज्जर के शरणार्थी के दावे को कनाडा की सरकार ने खारिज कर दिया था। इसके बाद निज्जर ने कनाडा में शादी करके वहां की नागरिकता लेने की कोशिश की, लेकिन कनाडा सरकार ने फिर से उसका आवेदन खारिज कर दिया। हालांकि बीते साल जब निज्जर की गोली मारकर हत्या की गई तो कनाडा की सरकार ने निज्जर को कनाडा का नागरिक बताया। निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा की पुलिस ने तीन भारतीय युवकों को गिरफ्तार किया है।
निखिल गुप्ता को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने पर बोले जायसवाल
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है। इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि निखिल गुप्ता को 14 जून को अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया। उन्होंने कहा ‘अभी निखिल गुप्ता की ओर से हमें राजनयिक पहुंच (consular access) से जुड़ा किसी भी तरह का आवेदन नहीं मिला है। हालांकि, उनका परिवार हमारे संपर्क में है। हम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि निखिल गुप्ता के परिवार की तरफ के अनुरोध के बाद क्या कदम उठाए जा सकते हैं।’
फ्रांस के पत्रकार सेबेस्टियन फार्सिस के मुद्दे पर जायसवाल ने क्या कहा?
रणधीर जायसवाल ने फ्रांस के एक पत्रकार सेबेस्टियन फार्सिस के वीजा परमिट नवीनीकृत न होने के बाद भारत छोड़ने के दावे पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि सेबेस्टियन फार्सिस ओसीआई (Overseas Citizen of India) कार्ड धारक थे। जायसवाल ने कहा ‘अगर आप ओसीआई कार्ड धारक हैं, तो आपको अपने पत्रकारिता के काम जारी रखने के लिए अनुमति की आवश्यकता होती है। फार्सिस ने इसके लिए मई 2025 में आवेदन किया था और उनके आवेदन पर विचार किया जा रहा है। जहां तक देश छोड़ने का सवाल है, यह फैसला फार्सिस को ही लेना है।’ सेबेस्टियन फार्सिस ने गुरुवार को दावा किया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उनका परमिट नवीनीकृत करने से इनकार करने के बाद उन्हें भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।
'दलाई लामा भारत के सम्मानित और धार्मिक नेता'
अमेरिकी विशिष्ट प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अमेरिका के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 16 से 20 जून तक भारत का दौरा किया था। प्रतिनिधिमंडल ने 18 और 19 जून को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला का दौरा किया। जायसवाल ने कहा कि अमेरिकी विशिष्ट प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री से भी मुलाकात की। रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि ‘मैं बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा पर भारत की स्थिति को दोहराना चाहूंगा। वह एक सम्मानित धार्मिक नेता हैं और भारत के लोग उनका गहरा सम्मान करते हैं। उनकी धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के संचालन के लिए उचित स्वतंत्रता दी गई है।’