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Oil Import: 'भारत ने वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्थिर रखने में बड़ी भूमिका निभाई', रूस से तेल खरीदने पर हरदीप पुरी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 10 Jul 2025 09:30 PM IST
सार
भारत वर्तमान में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है और हर दिन लगभग 54 लाख बैरल तेल की जरूरत होती है। भारत अपनी जरूरत का 80% तेल और 50% प्राकृतिक गैस आयात करता है। भारत अब तेल और गैस की आपूर्ति के लिए अधिक से अधिक देशों से व्यापार कर रहा है और नए क्षेत्रों की खोज में जुटा है, जिनमें अंडमान क्षेत्र भी शामिल है।
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हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय मंत्री
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत की तरफ से रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने से वैश्विक तेल कीमतों को स्थिर बनाए रखने में मदद मिली है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रूस से तेल की आपूर्ति अचानक बंद हो जाती, तो दुनिया भर में तेल की कीमतें 120 से 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जातीं।
'रूस की आपूर्ति बंद होती तो होता वैश्विक संकट'
वियना में एक प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रूस दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से एक है और वह प्रतिदिन लगभग 90 लाख बैरल तेल पैदा करता है। वहीं, दुनिया भर में रोजाना करीब 9.7 करोड़ बैरल तेल की खपत होती है। हरदीप पुरी ने कहा, 'अगर रूस का तेल अचानक गायब हो जाता, तो वैश्विक खपत में एक साथ 10% की कटौती करनी पड़ती- जो असंभव है। ऐसी स्थिति में सभी देश सीमित आपूर्ति के लिए प्रतिस्पर्धा करते और कीमतें आसमान छूतीं'।
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'रूस पर वैश्विक प्रतिबंध नहीं, केवल मूल्य सीमा'
हरदीप पुरी ने स्पष्ट किया कि रूस से तेल खरीदना अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ नहीं है। 'रूसी तेल पर कभी वैश्विक प्रतिबंध नहीं लगाया गया। केवल एक मूल्य सीमा (प्राइस कैप) तय की गई थी। भारत ने इसी के अंतर्गत सस्ती दरों पर तेल खरीदा और वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्थिर रखने में मदद की'। उन्होंने कुछ आलोचकों को जवाब देते हुए कहा कि कुछ लोग ऊर्जा बाजार की समझ न रखते हुए भारत की नीतियों पर अनावश्यक सवाल उठा रहे हैं।
'भारत ने तेल संकट में निभाई सकारात्मक भूमिका'
मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ऊर्जा संकट के दौरान संतुलन बनाने का काम किया। हम ऊर्जा की उपलब्धता, वहन-योग्यता और सततता — इस ऊर्जा त्रिक को संतुलित करते हुए आगे बढ़े।' उन्होंने यह भी बताया कि भारत दुनिया भर में सबसे कम कीमतों पर 33 करोड़ परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने की गैस मुहैया करा रहा है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 10.3 करोड़ लाभार्थी परिवारों को केवल 0.4 डॉलर/किलो की दर से एलपीजी दी जा रही है।
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वियना में ओपेक सम्मेलन में अहम मुलाकातें
हरदीप पुरी ने वियना में 9वें ओपेक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुलाकातें कीं। इसमें- कुवैत के तेल मंत्री तारेक अल-रूमी से मुलाकात- कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल स्रोत है। नाइजीरिया के पेट्रोलियम राज्य मंत्री हाइनकेन लोकपोबीरी से बातचीत- नाइजीरिया भारत को तेल का प्रमुख निर्यातक है। शेल के सीईओ वायल सवान से बैठक- शेल की तकनीकी विशेषज्ञता को भारत के नए 2.5 लाख वर्ग किमी अन्वेषण योजनाओं से जोड़ने की संभावनाओं पर विचार हुआ। ओपेक महासचिव हैथम अल घैस से चर्चा- भारत और ओपेक के बीच सहयोग को गहराने और तेल बाजार में संतुलन बनाए रखने पर बातचीत हुई। बीपी के सीईओ मरे ऑकिनक्लॉस से वार्ता- भारत में बीपी की भूमिका को लेकर चर्चा हुई, विशेषकर प्राकृतिक गैस, बायोगैस और खुदरा व्यापार क्षेत्रों में। विटोल ग्रुप के सीईओ रसेल हार्डी से बातचीत- वैश्विक ऊर्जा बाजार की चुनौतियों और साझेदारी को लेकर विचार-विमर्श हुआ।
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'रूस की आपूर्ति बंद होती तो होता वैश्विक संकट'
वियना में एक प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रूस दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से एक है और वह प्रतिदिन लगभग 90 लाख बैरल तेल पैदा करता है। वहीं, दुनिया भर में रोजाना करीब 9.7 करोड़ बैरल तेल की खपत होती है। हरदीप पुरी ने कहा, 'अगर रूस का तेल अचानक गायब हो जाता, तो वैश्विक खपत में एक साथ 10% की कटौती करनी पड़ती- जो असंभव है। ऐसी स्थिति में सभी देश सीमित आपूर्ति के लिए प्रतिस्पर्धा करते और कीमतें आसमान छूतीं'।
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'रूस पर वैश्विक प्रतिबंध नहीं, केवल मूल्य सीमा'
हरदीप पुरी ने स्पष्ट किया कि रूस से तेल खरीदना अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ नहीं है। 'रूसी तेल पर कभी वैश्विक प्रतिबंध नहीं लगाया गया। केवल एक मूल्य सीमा (प्राइस कैप) तय की गई थी। भारत ने इसी के अंतर्गत सस्ती दरों पर तेल खरीदा और वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्थिर रखने में मदद की'। उन्होंने कुछ आलोचकों को जवाब देते हुए कहा कि कुछ लोग ऊर्जा बाजार की समझ न रखते हुए भारत की नीतियों पर अनावश्यक सवाल उठा रहे हैं।
'भारत ने तेल संकट में निभाई सकारात्मक भूमिका'
मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ऊर्जा संकट के दौरान संतुलन बनाने का काम किया। हम ऊर्जा की उपलब्धता, वहन-योग्यता और सततता — इस ऊर्जा त्रिक को संतुलित करते हुए आगे बढ़े।' उन्होंने यह भी बताया कि भारत दुनिया भर में सबसे कम कीमतों पर 33 करोड़ परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने की गैस मुहैया करा रहा है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 10.3 करोड़ लाभार्थी परिवारों को केवल 0.4 डॉलर/किलो की दर से एलपीजी दी जा रही है।
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हरदीप पुरी ने वियना में 9वें ओपेक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुलाकातें कीं। इसमें- कुवैत के तेल मंत्री तारेक अल-रूमी से मुलाकात- कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल स्रोत है। नाइजीरिया के पेट्रोलियम राज्य मंत्री हाइनकेन लोकपोबीरी से बातचीत- नाइजीरिया भारत को तेल का प्रमुख निर्यातक है। शेल के सीईओ वायल सवान से बैठक- शेल की तकनीकी विशेषज्ञता को भारत के नए 2.5 लाख वर्ग किमी अन्वेषण योजनाओं से जोड़ने की संभावनाओं पर विचार हुआ। ओपेक महासचिव हैथम अल घैस से चर्चा- भारत और ओपेक के बीच सहयोग को गहराने और तेल बाजार में संतुलन बनाए रखने पर बातचीत हुई। बीपी के सीईओ मरे ऑकिनक्लॉस से वार्ता- भारत में बीपी की भूमिका को लेकर चर्चा हुई, विशेषकर प्राकृतिक गैस, बायोगैस और खुदरा व्यापार क्षेत्रों में। विटोल ग्रुप के सीईओ रसेल हार्डी से बातचीत- वैश्विक ऊर्जा बाजार की चुनौतियों और साझेदारी को लेकर विचार-विमर्श हुआ।