पिघलने लगी रिश्तों में जमी बर्फ: तीन महीने बाद पीएम मोदी और ट्रंप की बात, भारत के लिए नरम पड़े अमेरिका के तेवर
व्यापार वार्ता को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिका ने अब व्यावहारिक रुख अपनाया है। दोनों देशों के वार्ताकारों के बीच हुई बैठक में व्यापार वार्ता के छठे चरण की शुरुआत की उम्मीद बंधी है।

विस्तार
भारत और अमेरिका के रिश्तों में पिछले कुछ महीने से जमी बर्फ आखिरकार पिघलती दिख रही है। कई महीनों की तनातनी के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर उन्हें 75वें जन्मदिन की बधाई दी। ट्रंप ने जहां रूस-यूक्रेन युद्धविराम पर समर्थन के लिए पीएम मोदी का आभार जताया। वहीं, मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि भारत-अमेरिका की साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मैंने अपने दोस्त पीएम मोदी से अभी फोन पर बात की। उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। वह बहुत ही शानदार काम कर रहे हैं। नरेंद्र, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकवाने में आपके समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।'
वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि जन्मदिन पर बधाई देने के लिए शुक्रिया मेरे मित्र डोनाल्ड ट्रंप। आपकी तरह मैं भी भारत-अमेरिका की समग्र और वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में आपके प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं।
ट्रंप और मोदी के बीच सीधी बातचीत तीन महीने के बाद हुई है। 17 जून को कनाडा में जी-7 की बैठक के बाद दोनों नेताओं में फोन पर 35 मिनट तक बात हुई थी। इस दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से युद्ध विराम अमेरिका के कारण नहीं, बल्कि पाकिस्तान के आग्रह पर हुआ था। इसमें किसी तीसरे पक्ष का कोई दखल नहीं था। इसके बाद जुलाई में ट्रंप ने भारत पर पहले 25%, फिर अगस्त में 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया। इससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था।

व्यापार वार्ता भी शुरू
- भारत-अमेरिका के बीच बंद व्यापार वार्ता भी मंगलवार से शुरू हो गई है। ट्रंप प्रशासन ने भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्र को खोलने के मामले में भी रुख नरम कर लिया है। अब इन दोनों क्षेत्रों को पूरी तरह खोलने के बदले सिर्फ अमेरिका मक्का और प्रीमियम गुणवत्ता का पनीर भारत को बेचने पर जोर दे रहा है।
- अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल से द्विपक्षीय व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। बातचीत को दोनों ही पक्षों ने सकारात्मक करार दिया। कहा, इसमें आगे के चरण की वार्ता की रूपरेखा तय की गई है। यह भी कहा गया कि दोनों पक्षों के लिए लाभकारी व्यापार समझौते को शीघ्र संपन्न करने का प्रयास तेज किया जाएगा।

अमेरिका का व्यावहारिक रुख
व्यापार वार्ता को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिका ने अब व्यावहारिक रुख अपनाया है। दोनों देशों के वार्ताकारों के बीच हुई बैठक में व्यापार वार्ता के छठे चरण की शुरुआत की उम्मीद बंधी है।
नरमी इसलिए
अमेरिकी मक्का का सबसे बड़ा खरीददार चीन है। टैरिफ विवाद के बाद चीन ने ब्राजील समेत अन्य ब्रिक्स देशों से मक्का आयात शुरू कर दिया। इससे अमेरिका के मक्का उत्पादक किसानों में ट्रंप के प्रति नाराजगी बढ़ गई है। अमेरिका चाहता है कि भारत इथेनॉल बनाने के लिए उसका मक्का इस्तेमाल करे। वहीं, पीएम मोदी के चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन संग नजदीकियों ने भी अमेरिका का रुख बदल दिया।