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ड्रैगन को जवाब: लद्दाख सीमा पर भारत ने तैनात की वज्र तोपें, जनरल नरवणे बोले- एलएसी पर चीनी सेना की बड़ी तैनाती चिंता का विषय
एजेंसी, लेह
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 02 Oct 2021 12:37 PM IST
सार
के-9 वज्र स्वचालित तोप दक्षिण कोरियाई हॉवित्जर के-9 थंडर का भारतीय संस्करण है। इसे पूर्वी लद्दाख के फारवर्ड एरिया में तैनात किया गया है।
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के-9 वज्र
- फोटो : ANI
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विस्तार
चीन की ओर से पूर्वी लद्दाख सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों की तैनाती के जवाब में भारत ने भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी मारक क्षमता बढ़ा दी है। इसके लिए यहां के-9 वज्र तोपों की तैनाती की गई है, जो ऊंचाई वाले इलाकों में 50 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम हैं।
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भारतीय सेना ने स्वदेश निर्मित के-9 वज्र हॉवित्जर तोपों का पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में सफल परीक्षण करने के बाद तोेपों की एक पूरी रेजिमेंट इस सेक्टर में तैनात की है। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को ये जानकारी दी। ये स्वचालित तोपें नरेंद्र मोदी सरकार की मेक इन इंडिया पहल के तहत पहली बड़ी परियोजना का अंग हैं और ऐसी 100 तोपें सेना में शामिल की गई हैं। सेना प्रमुख ने मीडिया को बताया कि ये तोपें चीन से लगती नियंत्रण रेखा पर सेना की मारक क्षमता में इजाफा करेंगी।
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दो दिन के दौरे पर लद्दाख पहुंचे जनरल नरवणे ने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के जल्द सुलझने की उम्मीद करते हुए कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट चीनी सेना की टुकड़ियों की बड़ी तैनाती चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि टुकड़ियों और आधारभूत ढांचे के मामले में भारत ने भी जवाबी तैनाती की है और इस बात की कोई गुंजाइश नहीं है कि कोई भी फिर से आक्रामक बर्ताव कर सके। सेना प्रमुख ने कहा कि भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच 12वें दौर की बातचीत पिछले महीने हुई है और अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में 13वें दौर की बातचीत होने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि विवाद वाली जगहों पर पिछले छह महीने से शांति है।
चीन ने 50 हजार से अधिक जवान तैनात किए हैं
लद्दाख सीमा पर पिछले करीब डेढ़ साल से भारत और चीन के बीच तनाव है और और बीच में तनाव घटाने की कोशिशों के बीच अभी चीन ने फिर से सीमा पर करीब 50 हजार सैनिकों और बड़ी संख्या में हथियारों की तैनाती कर दी है। इसके जवाब में भारत ने भी उसी अनुपात में सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ाई है।
के-9 वज्र तोपों की खासियत
- गुजरात के सूरत के निकट हजीरा में लार्सन एंड टूब्रो की फैक्टरी में हुआ है इन तोपों का उत्पादन
- इन स्वचालित तोपों की मारक क्षमता 38 किलोमीटर है लेकिन पूर्वी लद्दाख में 16 हजार फीट की ऊंचाई वाले इलाकों में इसने सफलतापूर्वक 50 किलोमीटर तक की दूरी तक मार की है।
- के-9 वज्र स्वचालित तोप दक्षिण कोरियाई हॉवित्जर के-9 थंडर का भारतीय संस्करण है। यह तोप जीरो रेडियस पर चारों तरफ घूमकर हमला कर सकती है।
- 155 एमएम/52 कैलिबर की 50 टन वजनी इस तोप से 47 किलो का गोला फेंका जा सकता है। यह सड़क और रेगिस्तान पर संचालन के साथ 15 सेकेंड में तीन गोले दागने में सक्षम है।
पाक सेना आतंकियों को घुसपैठ में दे रही है मदद
जनरल नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान की सेना हाल में नियंत्रण रेखा पर आतंकियों की घुसपैठ कराने की दो घटनाओं में मददगार रही है और इसके लिए सीजफायर का उल्लंघन कर फायरिंग को अंजाम दिया गया। जनरल नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना की तरफ से सख्त संदेश दिया है कि इस तरह की गतिविधियों में न शामिल हों। उन्होंने कहा, पिछले दस दिनों में सीजफायर उल्लंघन की दो घटनाएं हुई हैं और चीजें फरवरी से पहले की स्थिति की ओर जा रही हैं।
#WATCH K9-Vajra self-propelled howitzer in action in a forward area in Eastern Ladakh pic.twitter.com/T8PsxfvstR
— ANI (@ANI) October 2, 2021