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Abdul Rauf Azhar: 25 मिनट की स्ट्राइक में मारा गया 5 नामों वाला 'साद बाबा', नहीं बचा सकी पाकिस्तानी ISI
सार
Abdul Rauf Azhar: पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की ताबड़तोड़ कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकी मारे गए हैं। 25 मिनट तक चली इस स्ट्राइक में पांच नामों वाला 'साद बाबा' भी मारा गया है। उसे पाकिस्तानी ISI भी नहीं बचा सकी। बाबा को अब्दुल रऊफ अजहर भी मारा गया है।
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ऑपरेशन सिंदूर के तहत बहावलपुर में जैश के मुख्यालय पर भी हमला, कई और पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने पर भी निशाना
- फोटो : यूट्यूब वीडियो ग्रैब- एएनआई वीडियो
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विस्तार
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' प्रारंभ किया है। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान के 9 स्थानों पर आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में रह रहे वैश्विक आतंकी और 1999 के कंधार प्लेन हाइजैक (IC-814) का मास्टरमाइंड व आतंकी संगठन 'जैश-ए-मोहम्मद' के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर के छोटे भाई 'रऊफ अजहर' मारा गया है। हालांकि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी 'आईएसआई' भी 'अजहर' को नहीं बचा सकी। भारत व दूसरे मुल्कों की सुरक्षा एवं जांच एजेंसियों को चकमा देने के लिए आतंकी रऊफ अजहर ने अपने पांच नाम रखे हुए थे। अब्दुल राउफ असगर को मुफ्ती, साद बाबा, मुफ्ती असगर व मौलाना मुफ्ती राउफ असगर कहा जाता था।
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'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत केवल आतंकी ठिकानों पर ही हमला
बता दें कि भारत ने पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित मरकज सुभानल्लाह पर भी स्ट्राइक की है। यहां पर 'जैश-ए-मोहम्मद' का मुख्यालय बताया जाता है। आतंकी संगठन के कमांड सेंटर मरकज सुभान अल्लाह को भी तबाह किया गया है। यहां पर करीब एक दशक से आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी। मुरीदके में मरकज तैयबा, सियालकोट में महमूना कैंप, सरजाल कैंप, बरनाला भिंबर में अहले हदीथ, कोटली में मरकज अब्बास, मस्कर राहिल शहीद और मुजफ्फराबाद में सवाई नाला जैसे ठिकानों पर हमला किया गया है। भारत की तरफ से कहा गया है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत केवल आतंकी ठिकानों पर ही हमला हुआ है। किसी भी आर्मी एस्टेब्लिशमेंट और सिविल इलाकों को हमले की रेंज से दूर रखा गया है।
ये भी पढ़ें- Operation Sindoor: कहां उपयोग होगा सिंधु नदी का जल? कृषि मंत्री ने बताया- छह राज्यों के किसानों को होगा फायदा
बता दें कि भारत ने पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित मरकज सुभानल्लाह पर भी स्ट्राइक की है। यहां पर 'जैश-ए-मोहम्मद' का मुख्यालय बताया जाता है। आतंकी संगठन के कमांड सेंटर मरकज सुभान अल्लाह को भी तबाह किया गया है। यहां पर करीब एक दशक से आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी। मुरीदके में मरकज तैयबा, सियालकोट में महमूना कैंप, सरजाल कैंप, बरनाला भिंबर में अहले हदीथ, कोटली में मरकज अब्बास, मस्कर राहिल शहीद और मुजफ्फराबाद में सवाई नाला जैसे ठिकानों पर हमला किया गया है। भारत की तरफ से कहा गया है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत केवल आतंकी ठिकानों पर ही हमला हुआ है। किसी भी आर्मी एस्टेब्लिशमेंट और सिविल इलाकों को हमले की रेंज से दूर रखा गया है।
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ISI ने कई आतंकियों को सुरक्षा मुहैया कराई
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा लंबे समय से वैश्विक आतंकी मसूद अजहर, सैयद सलाउद्दीन, हाफिज सईद, इब्राहिम अब्दुल रज्जाक मेनन और जकी उर रहमान लख्वी सहित कई अन्य आतंकियों को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में सौ से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की बात कही जा रही है। मसूद अजहर के परिवार के कई सदस्य, हमले की चपेट में आ गए हैं। अजहर का छोटा भाई, अब्दुल राउफ असगर जिसे मुफ्ती, साद बाबा, मुफ्ती असगर व मौलाना मुफ्ती राउफ असगर आदि नामों से जाना जाता था, ने अपने साथियों की मदद से 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814, जो काठमांडू (नेपाल) से दिल्ली आ रही थी, को हाईजैक कर लिया था।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा लंबे समय से वैश्विक आतंकी मसूद अजहर, सैयद सलाउद्दीन, हाफिज सईद, इब्राहिम अब्दुल रज्जाक मेनन और जकी उर रहमान लख्वी सहित कई अन्य आतंकियों को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में सौ से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की बात कही जा रही है। मसूद अजहर के परिवार के कई सदस्य, हमले की चपेट में आ गए हैं। अजहर का छोटा भाई, अब्दुल राउफ असगर जिसे मुफ्ती, साद बाबा, मुफ्ती असगर व मौलाना मुफ्ती राउफ असगर आदि नामों से जाना जाता था, ने अपने साथियों की मदद से 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814, जो काठमांडू (नेपाल) से दिल्ली आ रही थी, को हाईजैक कर लिया था।
अमेरिका के मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में भी शामिल
उस विमान में 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर सवार थे। हाईजैक करने वाले उस विमान को अमृतसर, लाहौर, दुबई और आखिर में अफगानिस्तान के कंधार में ले गए थे। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर भारत सरकार ने 3 आतंकवादी, मौलाना मसूद अजहर (जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक), अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा कर दिया था। कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर को माना जाता है, लेकिन उस वक्त वह जेल में था। प्लेन हाईजैक की सारी प्लानिंग अब्दुल रऊफ अजहर ने तैयार की थी। प्लेन हाईजैक करने में हरकत-उल-मुजाहिदीन और आईएसआई ने अब्दुल रऊफ अजहर की मदद की थी। अब्दुल रऊफ अजहर, अमेरिका के मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में भी शामिल था।
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उस विमान में 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर सवार थे। हाईजैक करने वाले उस विमान को अमृतसर, लाहौर, दुबई और आखिर में अफगानिस्तान के कंधार में ले गए थे। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर भारत सरकार ने 3 आतंकवादी, मौलाना मसूद अजहर (जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक), अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा कर दिया था। कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर को माना जाता है, लेकिन उस वक्त वह जेल में था। प्लेन हाईजैक की सारी प्लानिंग अब्दुल रऊफ अजहर ने तैयार की थी। प्लेन हाईजैक करने में हरकत-उल-मुजाहिदीन और आईएसआई ने अब्दुल रऊफ अजहर की मदद की थी। अब्दुल रऊफ अजहर, अमेरिका के मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में भी शामिल था।
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