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सेना ने फिजिकल फिटनेस के नियमों में किया बदलाव, अग्निवीर से अफसरों तक को पास करना होगा टेस्ट; जानें नए निमय
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Thu, 09 Oct 2025 10:27 PM IST
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सार
भारतीय सेना ने शारीरिक फिटनेस से जुड़ी नीतियों में बड़ा बदलाव किया है। नए नियमों के मुताबिक अफसरों को मिलने वाली उम्र की छूट में भी बदलाव किया था। नए नियमों को अगले साल से सेना के अंदर लागू किया जाएगा।

भारतीय सेना
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
भारतीय सेना ने अपने शारीरिक फिटनेस मानकों में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। युद्ध क्षमता और परिचालन तत्परता को और मजबूत करने के उद्देश्य से सेना ने निर्णय लिया है। अब जवानों से लेकर शीर्ष अधिकारियों तक सभी को हर छह महीने में एकीकृत शारीरिक परीक्षण से गुजरना होगा और उसे पास करना होगा।

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सेना में अब तक 50 वर्ष की आयु तक के अधिकारियों और जवानों को हर साल दो अलग-अलग युद्ध शारीरिक दक्षता परीक्षण (बीपीईटी) और शारीरिक दक्षता परीक्षण (पीपीटी) पास करना पड़ता था। वहीं सबसे वरिष्ठ अधिकारियों को उम्र के आधार पर छूट दी जाती थी। इस मामले के जानकारों ने बताया कि 1 अप्रैल, 2026 से लागू होने वाले संशोधित मानदंडों के अनुसार नए परीक्षणों के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई है।
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हर छह महीने कराया जाएगा टेस्ट
नए दिशानिर्देश अमल में आने के बाद अग्निवीरों से लेकर तीन स्टार सेना कमांडरों तक सभी पर लागू होंगे। सेना में व्यक्तिगत रूप से आयोजित होने वाले दो परीक्षणों के स्थान पर संयुक्त शारीरिक परीक्षण आयोजित किए जाएंगे, जिन्हें हर छह महीने कराया जाएगा।
3 अक्तूबर के एक आधिकारिक दस्तावेज में कहा गया है, शारीरिक फिटनेस सैनिकों के लिए अत्यंत आवश्यक है ताकि वे सैन्य प्रशिक्षण और बहुआयामी अभियानों की कठोर परिस्थितियों का सामना कर सकें। शक्ति, सहनशक्ति और फुर्ती युद्ध तत्परता के लिए जरूरी हैं। दस्तावेज में यह भी उल्लेख है कि आधुनिक युद्ध भले ही डिजिटल रूप ले रहा हो, लेकिन सैनिक अब भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। हर स्तर के कमांडर को अपनी यूनिट के लिए आदर्श बनना चाहिए और हमेशा अग्रिम पंक्ति में नेतृत्व करने में सक्षम रहना चाहिए।
सेना ने स्पष्ट किया है कि 31 दिसंबर 2025 तक मौजूदा टेस्ट व्यवस्था जारी रहेगी और उसके बाद नई प्रणाली लागू की जाएगी। नई परीक्षण प्रणाली में विभिन्न आयु समूहों और पुरुष-महिलाओं के अनुसार मानक तय किए गए हैं।
- 35 वर्ष तक के पुरुषों और महिलाओं सैनिकों के लिए क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर रस्सी चढ़ाई अनिवार्य होगी, लेकिन 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए लागू नहीं हैं।
- 35-50 वर्ष तक के समूह के लिए कॉम्बैट ड्रेस में पुश-अप्स और सिट-अप्स शामिल रहेंगे।
- 50-60 वर्ष आयु वर्ग के लिए 3.2 किमी तेज चाल से पैदल चलना, पुश-अप्स और सिट-अप्स जैसी गतिविधियां होंगी।