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MEA: कनाडा में ऑडियो और वीडियो निगरानी में रखे गए भारतीय कांसुलर अधिकारी, विदेश मंत्रालय ने संसद में जानकारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 28 Nov 2024 09:32 PM IST
सार
हाल ही में भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने संसद को बताया कि कनाडा के वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को कनाडा की सरकार ने सूचित किया है कि वे ऑडियो और वीडियो निगरानी में हैं और उनकी निजी बातचीत भी इंटरसेप्ट की गई है।
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कीर्ति वर्धन सिंह, राज्य मंत्री, विदेश मंत्रालय (फाइल फोटो)
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारत सरकार ने संसद में बताया कि हाल ही में कनाडा के वैंकूवर में मौजूद भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को कनाडाई अधिकारियों ने सूचित किया कि वे 'ऑडियो और वीडियो निगरानी' के तहत हैं और उनकी 'निजी बातचीत' भी 'इंटरसेप्ट' की जा रही हैं। भारत ने इस पर कड़ा विरोध जताया है, क्योंकि यह सभी कूटनीतिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
भारत के विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री, कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि 'दो देशों के बीच स्थिर संबंधों के लिए एक-दूसरे की चिंताओं, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान महत्वपूर्ण है।' उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने इस मुद्दे पर 2 नवंबर 2024 को कनाडा के उच्चायुक्त से विरोध दर्ज कराया था।
'कर्मचारियों का उत्पीड़न और धमकी देना न्यायसंगत नहीं'
राज्य मंत्री, कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि कनाडा सरकार को अपनी तकनीकी दलीलें पेश करने के बावजूद, भारत के कूटनीतिक कर्मचारियों के साथ उत्पीड़न और धमकियां देना न्यायसंगत नहीं है। इसके अलावा, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हाल ही में एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि कनाडा सरकार की तरफ से यह कदम कूटनीतिक मानकों के खिलाफ है और इससे स्थिति और बिगड़ती है।
भारत का क्या कहना है?
मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कार्रवाई कूटनीतिक नियमों का खुला उल्लंघन है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे 'उत्पीड़न और डराने की कोशिश' बताया और कहा कि यह पहले से ही हिंसा और उग्रवाद के माहौल में काम कर रहे भारतीय अधिकारियों के लिए स्थिति को और खराब करता है। भारत ने कनाडा से यह भी अनुरोध किया है कि वह भारतीय नेताओं और राजनयिकों के खिलाफ जारी धमकियों और हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए। राज्य मंत्री, कीर्ति वर्धन सिंह ने यह भी बताया कि कनाडा ने भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावासों के लिए सुरक्षा प्रदान की है, लेकिन हाल ही में वह अपने कांसुलर कैंपों की सुरक्षा में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं, जहां अलगाववादी और उग्रवादी तत्व सक्रिय हैं।
भारत-कनाडा संबंधों में तनाव का कारण
पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंटों का खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संभावित हाथ है। भारत ने इसे 'बेतुका' और 'आधारहीन' बताया। भारत ने यह भी कहा है कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्व खुलेआम भारत विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं, और कनाडा इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। कनाडा में करीब 18 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो वहां की आबादी का 4.7% हैं। भारत सरकार ने कहा है कि वहां भारतीय समुदाय की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है।
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'कर्मचारियों का उत्पीड़न और धमकी देना न्यायसंगत नहीं'
राज्य मंत्री, कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि कनाडा सरकार को अपनी तकनीकी दलीलें पेश करने के बावजूद, भारत के कूटनीतिक कर्मचारियों के साथ उत्पीड़न और धमकियां देना न्यायसंगत नहीं है। इसके अलावा, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हाल ही में एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि कनाडा सरकार की तरफ से यह कदम कूटनीतिक मानकों के खिलाफ है और इससे स्थिति और बिगड़ती है।
भारत का क्या कहना है?
मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कार्रवाई कूटनीतिक नियमों का खुला उल्लंघन है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे 'उत्पीड़न और डराने की कोशिश' बताया और कहा कि यह पहले से ही हिंसा और उग्रवाद के माहौल में काम कर रहे भारतीय अधिकारियों के लिए स्थिति को और खराब करता है। भारत ने कनाडा से यह भी अनुरोध किया है कि वह भारतीय नेताओं और राजनयिकों के खिलाफ जारी धमकियों और हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए। राज्य मंत्री, कीर्ति वर्धन सिंह ने यह भी बताया कि कनाडा ने भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावासों के लिए सुरक्षा प्रदान की है, लेकिन हाल ही में वह अपने कांसुलर कैंपों की सुरक्षा में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं, जहां अलगाववादी और उग्रवादी तत्व सक्रिय हैं।
भारत-कनाडा संबंधों में तनाव का कारण
पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंटों का खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संभावित हाथ है। भारत ने इसे 'बेतुका' और 'आधारहीन' बताया। भारत ने यह भी कहा है कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्व खुलेआम भारत विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं, और कनाडा इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। कनाडा में करीब 18 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो वहां की आबादी का 4.7% हैं। भारत सरकार ने कहा है कि वहां भारतीय समुदाय की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है।