ब्रिटेन: बहु राष्ट्रीय युद्धाभ्यास में शामिल होगी भारतीय वायु सेना, तेजस लड़ाकू विमान दिखाएंगे जौहर
तेजस लड़ाकू विमान में लगा मुख्य सेंसर 'तरंग रडार' पायलट को दुश्मन जेट या जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल के बारे में बताता है। यह सेंसर भी भारत में बना है।
विस्तार
यूनाइटेड किंगडम (यूके) में होने वाले बहु राष्ट्रीय युद्धाभ्यास 'एक्स कोबरा वारियर 2022' में भारतीय वायुसेना हिस्सा लेगी। इस युद्धाभ्यास का आयोजन यूके के वैडिंग्टन में छह मार्च से 27 मार्च तक होगा। इसमें यूके और अन्य देशों की वायु सेनाओं के साथ भारतीय वायुसेना के हल्के युद्धक विमान (एलसीए) तेजस अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे।
इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाली वायु सेनाओं के बीच परिचालन जोखिम प्रदान करना और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है, जिससे युद्ध क्षमता में वृद्धि और आपसी सहयोग मजबूत हो सके। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह एलसीए तेजस के लिए अपनी गतिशीलता और परिचालन क्षमता का प्रदर्शन करने का एक मंच होगा।
- PIB India (@PIB_India) 23 Feb 2022
पांच तेजस विमान जाएंगे यूके
महत्वपूर्ण युद्भाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए पांच तेजस विमान यूके के लिए उड़ान भरेंगे। भारतीय वायु सेना का सी-17 विमान जरूरी परिवहन सहयोग उपलब्ध कराएगा। भारत में ही विकसित किए गए इन लड़ाकू विमानों ने हाल ही में हुए 'सिंगापुर एयर शो 2022' में भी हिस्सा लिया था। इस एयर शो का आयोजन 15 से 18 फरवरी के बीच हुआ था।
रक्षा मंत्रालय ने इसी साल हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 83 तेजस लड़ाकू विमानों का का निर्माण करने के लिए सौदा किया था। यह सौदा एयरो इंडिया इंटरनेशनल एयर शो के दौरान किया गया था। भारत सरकार रक्षा क्षेत्र में इस समय आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने पर काम कर रही है और इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं।
इसलिए खास है तेजस विमान
स्वदेशी तेजस विमान सिंगल इंजन और बहु-भूमिका वाला अत्यंत फुर्तीला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है। इसका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने किया है। तेजस हवाई क्षेत्र के साथ उच्च खतरे की स्थितियों में भी लड़ने में कारगर है। यह मुख्य रूप से हवाई युद्ध में काम आने वाला विमान है। ये आठ से नौ टन तक बोझ उठा सकते हैं।
इसके साथ ही ये हल्के लड़ाकू विमान 52 हजार की फीट तक उड़ सकते हैं। इसके अलावा ये ध्वनि की गति यानी मैक 1.6 से लेकर 1.8 तक की रफ्तार से उड़ सकते हैं। तेजस की एक और खासियत यह है कि यह दूर से ही दुश्मन के विमान पर हमला करने में सक्षम है। साथ ही यह लड़ाकू विमान दुश्मन के रडार को चकमा देने की क्षमता भी रखता है।
सेना को मिले आरपीए, बढ़ेगी निगरानी क्षमता
उधर, भारतीय सेना को सामरिक स्तर पर चल रहे आधुनिकीकरण और नई व बेहतर प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के हिस्से के रूप में दूर से नियंत्रित किए जा सकने वाले छोटे विमान (रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट या आरपीए) प्राप्त कर लिए हैं। सेना ने कहा कि ये आरपीए ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेना की निगरानी क्षमता में और इजाफा करेंगे।
