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Railways: रेलवे स्टॉफ-पेंशनर्स के लिए बदलाव, ई-पास-पीटीओ यात्रा के नियम हुए कड़े, नहीं देना पड़ेगा जुर्माना
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Wed, 19 Nov 2025 03:26 PM IST
सार
ई-पास और पीटीओ रेलवे कर्मचारियों व रिटायर्ड कर्मचारियों को दी जाने वाली यात्रा सुविधाएं है। ई-पास के जरिए वे मुफ्त यात्रा कर सकते है। जबकि पीटीओं (प्रिविलेज टिकट आर्डर) रियायती किराए पर टिकट लेने की सुविधा देता है।
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भारतीय रेलवे।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भारतीय रेलवे ने ई-पास और पीटोओं पर यात्रा करने वाले अपने वर्तमान रेलवे कर्मचारी और रिटायर्ड कर्मियों के लिए टिकट जांच की प्रक्रिया को कठोर बनाने के लिए नए नियम लागू कर दिए है। दरअसल,एचआरएमएस सिस्टम से ई-पास,पीटीओ बनने और आईआरसीटीसी पर ई टिकट बुकिंग की शुरुआत के बाद से ही कई बार कर्मचारियों और टीटीई के ब्रीच भ्रम की स्थिति पैदा हो रही थी। इसी को दूर करने के लिए रेलवे बोर्ड ने औपचारिक दिशा-निर्देश जारी कर दिए है।
ई-पास और पीटीओ रेलवे कर्मचारियों व रिटायर्ड कर्मचारियों को दी जाने वाली यात्रा सुविधाएं है। ई-पास के जरिए वे मुफ्त यात्रा कर सकते है। जबकि पीटीओं (प्रिविलेज टिकट आर्डर) रियायती किराए पर टिकट लेने की सुविधा देता है। अब ये दोनों ही सुविधाएं पूरी तरह से ऑनलाइन ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल से जारी होती है। नए नियमों के मुताबिक, ई-पास, पीटीओ पर यात्रा करते समय कर्मचारी और परिवार के पात्र सदस्यों को ई-टिक रखना अनिवार्य है। यह टिकट मोबाइल में डिजिटल रूप में या फिर प्रिंट लेआउट के रूप में दिखाना अनिवार्य होगा। अगर कोई टिकट नहीं दिखा सकेगा तो ऐसी स्थिति में आईआरसीटीसी के नियमों के मुताबिक 50 रुपए का जुर्माना लगेगा। यह नियम सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए समान रूप से लागू होगा।
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ई-पास और पीटीओ रेलवे कर्मचारियों व रिटायर्ड कर्मचारियों को दी जाने वाली यात्रा सुविधाएं है। ई-पास के जरिए वे मुफ्त यात्रा कर सकते है। जबकि पीटीओं (प्रिविलेज टिकट आर्डर) रियायती किराए पर टिकट लेने की सुविधा देता है। अब ये दोनों ही सुविधाएं पूरी तरह से ऑनलाइन ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल से जारी होती है। नए नियमों के मुताबिक, ई-पास, पीटीओ पर यात्रा करते समय कर्मचारी और परिवार के पात्र सदस्यों को ई-टिक रखना अनिवार्य है। यह टिकट मोबाइल में डिजिटल रूप में या फिर प्रिंट लेआउट के रूप में दिखाना अनिवार्य होगा। अगर कोई टिकट नहीं दिखा सकेगा तो ऐसी स्थिति में आईआरसीटीसी के नियमों के मुताबिक 50 रुपए का जुर्माना लगेगा। यह नियम सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए समान रूप से लागू होगा।
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इसके अलावा रेलवे ने पहचान पत्र को लेकर भी बड़ा बदलाव किया है। यदि ई-पास पीटीओ पर यात्रा कर रहे यात्रियों में से किसी एक पास वैध पहचान पत्र नहीं पाया जाता है तो पूरे समूह को बिना टिकट यात्रा करते हुए माना जाएगा। यानी अब केवल ई-पास होने से यात्रा वैध नहीं मानी जाएगी। रेलवे ने वेटिंग टिकट को लेकर भी नियम साफ किए है। यदि कोई रेलवे कर्मचारी पीआरएस काउंटर से लिया हुआ वेटिंग टिकट दिखाता है तो उसे ट्रेन में खाली बर्थ मिलने पर उसे यात्रा की अनुमति मिलेगी। जरूरत पड़ने पर उसे उच्च श्रेणी में अपग्रेड भी किया जा सकेगा।
लेकिन ई टिकट पर सभी यात्री वेटिंग लिस्ट में हो और चार्ट बनने के बाद भी टिकट कंफर्म न हो तो यात्रा का अधिकार स्वतः: ही समाप्त हो जाता है। ऐसी स्थिति में पकड़े जाने पर टीटीई बिना टिकट यात्रा के अनुसार कार्रवाई करेगा। वहीं चार्ट बनने के बाद कर्मचारी यात्रा करना चाहे और उसकी स्थिति आरएसी में हो तो उसे स्टेशन से अनारक्षित टिकट लेना होगा।। बाद में सीट की उपलब्धता और पात्रता के अनुसार बर्थ दी जाएगी। ई-पास और पीटीओं उसी दूरी के लिए मान्य माना जाएगा। केवल ई-पास-पीटीओ दिखाकर यात्रा करना पूरी तरह से अवैध है। पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है।
लेकिन ई टिकट पर सभी यात्री वेटिंग लिस्ट में हो और चार्ट बनने के बाद भी टिकट कंफर्म न हो तो यात्रा का अधिकार स्वतः: ही समाप्त हो जाता है। ऐसी स्थिति में पकड़े जाने पर टीटीई बिना टिकट यात्रा के अनुसार कार्रवाई करेगा। वहीं चार्ट बनने के बाद कर्मचारी यात्रा करना चाहे और उसकी स्थिति आरएसी में हो तो उसे स्टेशन से अनारक्षित टिकट लेना होगा।। बाद में सीट की उपलब्धता और पात्रता के अनुसार बर्थ दी जाएगी। ई-पास और पीटीओं उसी दूरी के लिए मान्य माना जाएगा। केवल ई-पास-पीटीओ दिखाकर यात्रा करना पूरी तरह से अवैध है। पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है।