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Tejas Fighter Jet: मलेशिया को 18 स्वदेशी लड़ाकू विमान बेचने का ऑफर, छह अन्य देशों की भी फाइटर जेट पर नजर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: निर्मल कांत
Updated Fri, 05 Aug 2022 10:04 PM IST
सार
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस इन छह देशों ने सिंगल-इंजन तेजस फाइटर जेट को खरीदने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
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तेजस लड़ाकू विमान
- फोटो : भारतीय वायु सेना
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विस्तार
भारत ने मलेशिया को 18 हल्के लड़ाकू विमान (लाइट-कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) 'तेजस' बेचने की पेशकश की है। दोनों देशों के बीच इस फाइटर जेट के सौदे को लेकर बातचीत का दौर जारी है। बता दें कि तेजस स्वदेशी जेट विमान है। इसका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा किया गया है। तेजस इस समय जहां मलेशिया की पहली पसंद बना हुआ है वहीं अमेरिका समेत अन्य देश भी तेजस को लेकर अपनी दिलचस्पी दिखा चुके हैं।
छह अन्य देशों ने भी जताई इच्छा
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस इन छह देशों ने सिंगल-इंजन तेजस फाइटर जेट को खरीदने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने पिछले साल राज्य के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को तेजस जेट विमानों के लिए 2023 के आसपास डिलीवरी के लिए छह बिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुबंध दिया था। बता दें कि 1983 में पहली बार इसे मंजूरी मिलने केबाद चार दशक बाद ऐसा हुआ।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए प्रयास कर रही सरकार
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता के लिए लगातार आगे बढ़ रही है। विदेशी रक्षा उपकरणों पर भारत की निर्भरता कम करने के लिए जेट विमानों के निर्यात के राजनयिक प्रयास भी कर रही है। तेजस, डिजाइन और अन्य चुनौतियों से घिरा हुआ है और एक बार भारतीय नौसेना ने इसे खारिज कर दिया था।
हालांकि रक्षा मंत्रालय ने अब संसद को बताया है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने पिछले साल अक्टूबर में रॉयल मलेशियाई वायुसेना के 18 जेट विमानों के प्रस्ताव के अनुरोध का जवाब दिया जिसमें तेजस के दो सीटों वाले संस्करण को बेचने की पेशकश की गई थी।
रक्षा राज्यमंत्री ने संसद में क्या बताया?
रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने संसद के सदस्यों को एक लिखित जवाब में बताया कि अन्य देशों ने हल्के लड़ाकू विमानों में रुचि दिखाई है जिसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि देश एक स्टील्थ फाइटर जेट के निर्माण पर भी काम कर रहा है। लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंताओं का हवाला देते हुए समय सीमा देने से इनकर दिया। उन्होंने बताया कि भारत के पास वर्तमान में रूसी, ब्रिटिश और फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों का मिश्रण है।
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छह अन्य देशों ने भी जताई इच्छा
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस इन छह देशों ने सिंगल-इंजन तेजस फाइटर जेट को खरीदने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने पिछले साल राज्य के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को तेजस जेट विमानों के लिए 2023 के आसपास डिलीवरी के लिए छह बिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुबंध दिया था। बता दें कि 1983 में पहली बार इसे मंजूरी मिलने केबाद चार दशक बाद ऐसा हुआ।
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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए प्रयास कर रही सरकार
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता के लिए लगातार आगे बढ़ रही है। विदेशी रक्षा उपकरणों पर भारत की निर्भरता कम करने के लिए जेट विमानों के निर्यात के राजनयिक प्रयास भी कर रही है। तेजस, डिजाइन और अन्य चुनौतियों से घिरा हुआ है और एक बार भारतीय नौसेना ने इसे खारिज कर दिया था।
हालांकि रक्षा मंत्रालय ने अब संसद को बताया है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने पिछले साल अक्टूबर में रॉयल मलेशियाई वायुसेना के 18 जेट विमानों के प्रस्ताव के अनुरोध का जवाब दिया जिसमें तेजस के दो सीटों वाले संस्करण को बेचने की पेशकश की गई थी।
रक्षा राज्यमंत्री ने संसद में क्या बताया?
रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने संसद के सदस्यों को एक लिखित जवाब में बताया कि अन्य देशों ने हल्के लड़ाकू विमानों में रुचि दिखाई है जिसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि देश एक स्टील्थ फाइटर जेट के निर्माण पर भी काम कर रहा है। लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंताओं का हवाला देते हुए समय सीमा देने से इनकर दिया। उन्होंने बताया कि भारत के पास वर्तमान में रूसी, ब्रिटिश और फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों का मिश्रण है।