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INS Arnala: आईएनएस अर्नाला से दुश्मन की पनडुब्बी होगी तबाह; ऑटोमैटिक गन से लैस, हर मिनट में दागेगी 550 गोलियां

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: शिव शुक्ला Updated Fri, 09 May 2025 03:20 AM IST
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सार

भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच भारतीय नौसेना को आठ उन्नत पनडुब्बी रोधी जंगी जहाज (एएसडब्ल्यू) में से पहला आईएनस अर्नाला बृहस्पतिवार को मिल गया। 77.6 मीटर लंबे व 10.5 मीटर चौड़े एएसडब्ल्यू नौसेना की उन तटीय क्षेत्रों में गश्त की क्षमता बढ़ाएंगे, जहां दुश्मन की पनडुब्बियां छिपी हो सकती हैं। 

INS Arnala destroy enemy submarines; Equipped with automatic guns, know its specialties
INS Arnala - फोटो : Amar Ujala
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। बीते 48 घंटों में पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर हमले की कोशिश की लेकिन भारत ने उसकी सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया। साथ ही भारत ने जवाबी कार्रवाई भी की है। भारत ने समुद्री रास्ते से भी पाकिस्तान को जवाब दिया है।  वहीं, इस तनाव के बीच ही भारतीय नौसेना को एक ऐसा युद्धपोत मिल गया है, जो दुश्मनों की पनडुब्बी को तबाह कर डालेगा। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड ने गुरुवार को भारतीय नौसेना को आठ उन्नत पनडुब्बी रोधी जंगी जहाज (एएसडब्लू) में से पहला 'आईएनस अर्नाला' सौंप दिया है। 77.6 मीटर लंबे और 10.5 मीटर चौड़े एएसडब्लू भारतीय नौसेना की उन तटीय क्षेत्रों में गश्त करने की क्षमता को बढ़ाएगी, जहां दुश्मन की पनडुब्बियां छिपी हो सकती हैं।

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INS Arnala - फोटो : @InsightsofWave
साथ ही यह तटीय जल की पूरी तरह से निगरानी करने के साथ-साथ खोज और हमला करने में सक्षम हैं। अर्नाला श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना के अभय श्रेणी के एएसडब्लू जहाजों का स्थान लेंगे।

निर्माण में 88 फीसदी स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल
जीआरएसई के अधिकारी ने कहा, आईएनएस अर्नाला विमान के साथ समन्वित पनडुब्बी रोधी अभियान भी चला सकते हैं। अर्नाला के निर्णाण में करीब 88 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। जीआरएसई फिलहाल 16 युद्धपोत और बना रहा है, जिसमें तीन पी17ए उन्नत स्टील्थ फ्रिगेट, सात एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी, दो सर्वेक्षण पोत और चार अगली पीढ़ी के गश्ती पोत शामिल हैं।
 
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ऑटोमैटिक गन से लैस, हर मिनट में दागेगी 550 गोलियां
आईएनएस अर्नाला 30 मिलिमीटर की एक सीआएन-91 नेवल ऑटोमैटिक गन से लैस है, जो हर मिनट 550 गोलियां दाग सकती है। इसकी रेंज 4 किलोमीटर है। यह भारतीय नौसेना का वाटर जेट प्रोपल्शन पावर्ड सिस्टम से लैस सबसे बड़ा युद्धपोत है।
 

7 अफसरों समेत 57 नौसैनिक हो सकते हैं तैनात
इसकी रेंज 3300 किलोमीटर है। इस युद्धपोत पर 7 अधिकारियों समेत 57 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं। इसमें एएसडब्लू कॉम्बैट सुइट लगा है, जो दुश्मन के हमलों से टकराने के लिए हथियारों को तैयार करेगा और उनपर नजर रखेगा। इस पर चार तरह के मैनेजमेंट सिस्टम लगे हैं, जो जंग के समय युद्धपोत को सही-सलामत रखने में मदद करेंगे।
 

रॉकेट, सबमरीन, बारूदी सुरंगों से पूरी तरह लैस
इस युद्धपोत पर एक आरबीयू-6000 एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर लगा है। यह 213 मिलिमीटर की एंटी-सबमरीन रॉकेट सिस्टम है, जो दुश्मन की पनडुब्बियों के ऊपर ताबड़तोड़ रॉकेट फायरिंग करता है। इसके अलावा इस पर 6 हल्के वजन वाले एएसडब्लू टॉरपीडो लगाए गए हैं। यह एंटी-सबमरीन समुद्री बारूदी सुरंग से भी लैस है।ो
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