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Puri Rath Yatra Mishap: पुरी भगदड़ की जांच तेज, ओडिशा सरकार ने जनता से की जानकारी साझा करने की अपील
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पुरी
Published by: बशु जैन
Updated Thu, 03 Jul 2025 01:43 PM IST
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सार
पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ में तीन लोगों की मौत और करीब 50 लोगों की मौत हो गई थी। सरकार ने मामले की जांच शुरू करा दी है। अब जांच टीम ने जनता से घटना को लेकर जानकारी मांगी है।

पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़
- फोटो : पीटीआई

विस्तार
ओडिशा के पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ में तीन लोगों की मौत और करीब 50 लोगों के घायल होने के बाद राज्य सरकार ने जांच तेज करा दी है। राज्य सरकार ने सार्वजनिक नोटिस जारी करके लोगों से भगदड़ से संबंधित सूचना, वीडियो फुटेज या अन्य सामग्री साझा करने की अपील की है।
ओडिशा के योजना एवं अभिसरण विभाग की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति या संगठन इस बारे में जानकारी साझा कर सकता है कि ऐसी घटना कैसे घटित हुई? लोग 20 जुलाई तक ई-मेल puritragedy.enquiry@odisha.gov.in के माध्यम से सूचना, वीडियो फुटेज या अन्य सामग्री साझा करें।
ये भी पढ़ें: निकास द्वार से वीआईपी एंट्री, आमजन के लिए सिर्फ एक गेट; रथयात्रा भगदड़ पर बड़ा खुलासा
नोटिस में यह भी कहा गया है कि इच्छुक व्यक्ति नौ जुलाई को दोपहर तीन बजे के बाद भुवनेश्वर स्थित राज्य अतिथि गृह में विकास आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव अनु गर्ग से तथा 10 जुलाई को दोपहर 3 बजे के बाद पुरी स्थित विशेष सर्किट हाउस में उनसे मिलकर जानकारी साझा कर सकते हैं। राज्य सरकार ने लोगों को भगदड़ त्की जांच में लगी टीम को अपनी जानकारी देने में सुविधा प्रदान करने के लिए भुवनेश्वर के दो लैंडलाइन टेलीफोन नंबर (0674-2536882/2391970) भी उपलब्ध कराए हैं।
जांच टीम ने किया घटनास्थल का दौरा
राज्य सरकार ने जगन्नाथ रथयात्रा में भगदड़ के कुछ ही घंटों बाद विकास आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव अनु गर्ग की अध्यक्षता में प्रशासनिक जांच के आदेश दिए थे। गर्ग ने घटनास्थल का दौरा करके प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। टीम ने पुलिस समेत विभिन्न हितधारकों से बातचीत भी की है। उन्हें 30 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को रिपोर्ट सौंपनी है। सरकार ने बुधवार को जांच को आगे बढ़ाने और एक महीने की समय सीमा को पूरा करने में गर्ग की सहायता के लिए चार सदस्यीय ओएएस अधिकारियों की एक टीम गठित की।
प्रारंभिक जांच के बाद गर्ग ने कहा कि वह पता लगाएंगी कि भगदड़ की स्थिति किस कारण से उत्पन्न हुई तथा घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करेंगी। मैं यह भी देखूंगी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए और क्या उपाय किए जा सकते हैं। हम सभी सीसीटीवी फुटेज की भी जांच करेंगे, तैनाती आदेशों की जांच करेंगे और देखेंगे कि क्या एसओपी का पालन किया जा रहा है।
ये भी पढ़ें: भगदड़ मामले में कांग्रेस ने मांगा सीएम का इस्तीफा, हादसे की न्यायिक जांच की भी मांग
कैसे हादसा हुआ?
यह घटना रविवार सुबह लगभग 4 बजे हुई जब श्री गुंडिचा मंदिर के पास भारी भीड़ जुटी थी। लोग भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा के दौरान 'पहुड़ा' (चेहरे पर पड़ा कपड़ा) हटने की रस्म देखने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान अचानक दो ट्रक, जो रथ यात्रा के लिए सामग्री ला रहे थे, भीड़ में घुस गए। इससे अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ हो गई। बता दें कि, पुरी की रथ यात्रा ओडिशा की सबसे बड़ी धार्मिक परंपराओं में से एक है, जिसमें लाखों श्रद्धालु हर साल भाग लेते हैं।
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नोटिस में यह भी कहा गया है कि इच्छुक व्यक्ति नौ जुलाई को दोपहर तीन बजे के बाद भुवनेश्वर स्थित राज्य अतिथि गृह में विकास आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव अनु गर्ग से तथा 10 जुलाई को दोपहर 3 बजे के बाद पुरी स्थित विशेष सर्किट हाउस में उनसे मिलकर जानकारी साझा कर सकते हैं। राज्य सरकार ने लोगों को भगदड़ त्की जांच में लगी टीम को अपनी जानकारी देने में सुविधा प्रदान करने के लिए भुवनेश्वर के दो लैंडलाइन टेलीफोन नंबर (0674-2536882/2391970) भी उपलब्ध कराए हैं।
जांच टीम ने किया घटनास्थल का दौरा
राज्य सरकार ने जगन्नाथ रथयात्रा में भगदड़ के कुछ ही घंटों बाद विकास आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव अनु गर्ग की अध्यक्षता में प्रशासनिक जांच के आदेश दिए थे। गर्ग ने घटनास्थल का दौरा करके प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। टीम ने पुलिस समेत विभिन्न हितधारकों से बातचीत भी की है। उन्हें 30 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को रिपोर्ट सौंपनी है। सरकार ने बुधवार को जांच को आगे बढ़ाने और एक महीने की समय सीमा को पूरा करने में गर्ग की सहायता के लिए चार सदस्यीय ओएएस अधिकारियों की एक टीम गठित की।
प्रारंभिक जांच के बाद गर्ग ने कहा कि वह पता लगाएंगी कि भगदड़ की स्थिति किस कारण से उत्पन्न हुई तथा घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करेंगी। मैं यह भी देखूंगी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए और क्या उपाय किए जा सकते हैं। हम सभी सीसीटीवी फुटेज की भी जांच करेंगे, तैनाती आदेशों की जांच करेंगे और देखेंगे कि क्या एसओपी का पालन किया जा रहा है।
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कैसे हादसा हुआ?
यह घटना रविवार सुबह लगभग 4 बजे हुई जब श्री गुंडिचा मंदिर के पास भारी भीड़ जुटी थी। लोग भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा के दौरान 'पहुड़ा' (चेहरे पर पड़ा कपड़ा) हटने की रस्म देखने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान अचानक दो ट्रक, जो रथ यात्रा के लिए सामग्री ला रहे थे, भीड़ में घुस गए। इससे अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ हो गई। बता दें कि, पुरी की रथ यात्रा ओडिशा की सबसे बड़ी धार्मिक परंपराओं में से एक है, जिसमें लाखों श्रद्धालु हर साल भाग लेते हैं।
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