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S Jaishankar: 'बहुपक्षीय सहयोग में विश्वास बनाए रखना जरूरी', संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ में बोले जयशंकर

न्यूज डेस्क अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Fri, 24 Oct 2025 02:33 PM IST
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सार

संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया सामाजिक-आर्थिक असमानता, व्यापारिक बाधाओं और आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता जैसी चुनौतियों से जूझ रही है। ऐसे में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कठिनाइयों के बावजूद बहुपक्षीयता पर भरोसा और संयुक्त राष्ट्र में सुधार की दिशा में प्रयास जारी रहने चाहिए।

Jaishankar at the 80th anniversary the United Nations Maintaining faith multilateral cooperation is essential
विदेश मंत्री एस जयशंकर - फोटो : ANI
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विस्तार
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संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बहुपक्षीय सहयोग में विश्वास बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही संगठन के सामने आने वाली चुनौतियों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज दुनिया सामाजिक-आर्थिक प्रगति, व्यापारिक असमानताओं और आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता जैसी समस्याओं से जूझ रही है।

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जयशंकर ने 80वीं वर्षगांठ पर जारी स्मारक डाक टिकट के विमोचन समारोह में कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की बात केवल औपचारिकता बनकर रह गई है, तो विकास और सामाजिक-आर्थिक प्रगति की स्थिति और भी चिंताजनक है। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी 2030) की गति धीमी पड़ना ग्लोबल साउथ की कठिनाइयों का संकेत है।

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बहुपक्षीयता के प्रति विश्वास मजबूत रहना चाहिए- जयशंकर
एस जयशंकर ने आगे कहा कि दुनिया में कई संघर्ष चल रहे हैं, जिनसे न केवल मानव जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि वैश्विक समुदाय की स्थिरता भी खतरे में है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से ग्लोबल साउथ ने इसका दर्द झेला है, जबकि विकसित देश खुद को प्रभाव से अलग रख रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि हालांकि समय कठिन है, लेकिन बहुपक्षीयता के प्रति हमारा विश्वास मजबूत रहना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता है, लेकिन हमें इसे और बेहतर बनाने के प्रयास जारी रखने होंगे।


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भारत की वैश्विक शांति में भूमिका पर जोर
एस जयशंकर ने भारत की वैश्विक शांति में भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा शांति स्थापना अभियानों में सक्रिय रहा है और इसे अपनी जिम्मेदारी मानता है। जयशंकर ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित ‘चीफ्स ऑफ आर्मी स्टाफ कॉन्क्लेव’ का भी उल्लेख किया, जिसमें 30 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत शांति, सुरक्षा और विकास के आदर्शों के प्रति हमेशा समर्पित रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हमारा लक्ष्य एक बेहतर और सुरक्षित दुनिया बनाना है। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी 80वीं वर्षगांठ पर दुनिया से एकजुट होकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करने का आह्वान किया।

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यूएन की मौजूदा स्थिति पर जताई चिंता
इसके साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएन की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि संगठन की निर्णय लेने की प्रक्रिया न तो उसके सदस्य देशों का सही प्रतिनिधित्व करती है और न ही वैश्विक प्राथमिकताओं को संबोधित करती है। उन्होंने कहा कि यूएन की बहसें अब बेहद ध्रुवीकृत हो गई हैं और उसका कामकाज ठप पड़ता जा रहा है। जयशंकर ने कहा कि किसी भी सार्थक सुधार को उसकी अपनी प्रक्रिया के जरिये ही रोका जा रहा है।

विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि अब वित्तीय संकट भी संयुक्त राष्ट्र के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा, “हम सबके सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब हम संयुक्त राष्ट्र को नए सिरे से मजबूत बनाने की बात कर रहे हैं, तब उसे मौजूदा स्थिति में कैसे बनाए रखा जाए।

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