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Jet Airways: 'इससे बेहतर जेल में मौत, अब जीवन की कोई उम्मीद नहीं'; नरेश गोयल हाथ जोड़कर अदालत में गिड़गिड़ाए
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Sat, 06 Jan 2024 11:52 PM IST
सार
जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल 538 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में अदालती कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। उन्होंने मुंबई की एक अदालत में हाथ जोड़कर जेल में मौत बेहतर और अब जिंदगी से कोई उम्मीद नहीं होने की बात कही है।
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जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल
- फोटो : amar ujala graphics
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विस्तार
जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के साथ कभी बिजनेस टायकून जैसा तमगा जुड़ता था। हालांकि, अब 538 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में गोयल पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। केनरा बैंक के साथ आर्थिक धोखाधड़ी का मामला मुंबई की विशेष अदालत में है। शनिवार को इस मामले में गोयल अदालत में पेश हुए। रिपोर्ट के मुताबिक गोयल हाथ जोड़कर अदालत में गिड़गिड़ाते दिखे। उन्होंने कोर्ट से कहा, 'वे जिंदा रहने की उम्मीदें खो चुके हैं। मौजूदा हालात से बेहतर होगा, अगर जेल में ही उनकी मौत हो जाए।'
खबरों के मुताबिक 70 साल से अधिक आयु के नरेश गोयल ने विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे की अदालत में जमानत याचिका दाखिल की। उन्होंने जब अदालत में 'जेल में ही मौत बेहतर...' जैसी भावुक बात कही तो उनकी आंखों में आंसू थे। गोयल ने अपनी खराब सेहत का भी हवाला दिया और अदालत के समक्ष गुहार लगाते समय उनका पूरा शरीर कांप रहा था।
उन्होंने अदालत में कहा कि लास्ट स्टेज कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहीं उनकी पत्नी की याद आती है। नरेश गोयल ने अदालत को बताया कि उनकी इकलौती बेटी भी बीमार रहती है। जेल के स्टाफ अपनी सीमाओं में मदद करते हैं, लेकिन यह नाकाफी है। बता दें कि गोयल मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। उन्हें कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक सितंबर, 2023 को गिरफ्तार किया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अदालत की दैनिक कार्यवाह में जज की टिप्पणी भी नोट की गई है। जज देशपांडे ने कहा, उन्होंने गोयल की बातें पूरे धैर्य के साथ सुनी। याचिकाकर्ता का पूरा शरीर कांप रहा था। खड़ा रहने के लिए भी सहारा लेने की जरूरत पड़ती है।
गोयल ने अदालत में अपनी सेहत के बारे में बताया कि उनके घुटने में सूजन और दर्द है। पैर मुड़ना बंद हो चुका है। पेशाब के समय असहनीय पीड़ा होती है। कई बार पेशाब के साथ खून भी निकलता है, लेकिन अधिकांश मौकों पर उन्हें मेडिकल सहायता नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि जेजे हॉस्पिटल रेफर करने से भी उसे खास राहत नहीं मिल रही। अन्य कैदियों के साथ आर्थर रोड से अस्पताल तक जाने में असहनीय दर्द से जूझना पड़ता है। हमेशा लंबी कतार लगी होती है। समय से डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पाते। उन्होंने विशेष अदालत के न्यायाधीषश से अस्पताल भेजे जाने के बजाय जेल में ही मरने की अनुमति मांगी।
गोयल की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने उन्हें आश्वासन दिया कि उचित इलाज कराने के साथ-साथ उनकी हर संभव देखभाल की जाएगी। असहाय न छोड़े जाने का भरोसा दिलाते हुए विशेष अदालत ने उनके वकीलों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिए। गौरतलब है कि पिछले महीने दायर जमानत याचिका में गोयल ने प्रोस्टेट, हृदय रोग और हड्डियों से जुड़ी बीमारियों का जिक्र किया था। उन्होंने दलीलों में कहा है कि वह इस मामले में दोषी नहीं हैं, अदालत के ऐसा मानने के लिए पर्याप्त आधार हैं।
बता दें कि गोयल और उनकी पत्नी के अलावा अब बंद हो चुकी एयरलाइंस- जेट एयरवेज के कई पूर्व अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद ईडी ने पीएमएलए कानून के तहत मामला दर्ज किया। केनरा बैंक की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक कुल 848.86 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया, जिसमें 538.62 करोड़ रुपये बकाया है।
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खबरों के मुताबिक 70 साल से अधिक आयु के नरेश गोयल ने विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे की अदालत में जमानत याचिका दाखिल की। उन्होंने जब अदालत में 'जेल में ही मौत बेहतर...' जैसी भावुक बात कही तो उनकी आंखों में आंसू थे। गोयल ने अपनी खराब सेहत का भी हवाला दिया और अदालत के समक्ष गुहार लगाते समय उनका पूरा शरीर कांप रहा था।
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उन्होंने अदालत में कहा कि लास्ट स्टेज कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहीं उनकी पत्नी की याद आती है। नरेश गोयल ने अदालत को बताया कि उनकी इकलौती बेटी भी बीमार रहती है। जेल के स्टाफ अपनी सीमाओं में मदद करते हैं, लेकिन यह नाकाफी है। बता दें कि गोयल मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। उन्हें कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक सितंबर, 2023 को गिरफ्तार किया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अदालत की दैनिक कार्यवाह में जज की टिप्पणी भी नोट की गई है। जज देशपांडे ने कहा, उन्होंने गोयल की बातें पूरे धैर्य के साथ सुनी। याचिकाकर्ता का पूरा शरीर कांप रहा था। खड़ा रहने के लिए भी सहारा लेने की जरूरत पड़ती है।
गोयल ने अदालत में अपनी सेहत के बारे में बताया कि उनके घुटने में सूजन और दर्द है। पैर मुड़ना बंद हो चुका है। पेशाब के समय असहनीय पीड़ा होती है। कई बार पेशाब के साथ खून भी निकलता है, लेकिन अधिकांश मौकों पर उन्हें मेडिकल सहायता नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि जेजे हॉस्पिटल रेफर करने से भी उसे खास राहत नहीं मिल रही। अन्य कैदियों के साथ आर्थर रोड से अस्पताल तक जाने में असहनीय दर्द से जूझना पड़ता है। हमेशा लंबी कतार लगी होती है। समय से डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पाते। उन्होंने विशेष अदालत के न्यायाधीषश से अस्पताल भेजे जाने के बजाय जेल में ही मरने की अनुमति मांगी।
गोयल की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने उन्हें आश्वासन दिया कि उचित इलाज कराने के साथ-साथ उनकी हर संभव देखभाल की जाएगी। असहाय न छोड़े जाने का भरोसा दिलाते हुए विशेष अदालत ने उनके वकीलों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिए। गौरतलब है कि पिछले महीने दायर जमानत याचिका में गोयल ने प्रोस्टेट, हृदय रोग और हड्डियों से जुड़ी बीमारियों का जिक्र किया था। उन्होंने दलीलों में कहा है कि वह इस मामले में दोषी नहीं हैं, अदालत के ऐसा मानने के लिए पर्याप्त आधार हैं।
बता दें कि गोयल और उनकी पत्नी के अलावा अब बंद हो चुकी एयरलाइंस- जेट एयरवेज के कई पूर्व अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद ईडी ने पीएमएलए कानून के तहत मामला दर्ज किया। केनरा बैंक की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक कुल 848.86 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया, जिसमें 538.62 करोड़ रुपये बकाया है।