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Jharkhand: निष्पक्ष चुनाव की गारंटी, लाल आतंक को बूथ से दूर रखेंगे CRPF-BSF सहित CAPF के दस हजार जवान
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Tue, 15 Oct 2024 07:03 PM IST
सार
इस साल झारखंड में विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जाने हैं। पांच साल पहले जब मतदान हुए तो पांच चरणों में चुनाव संपन्न कराए गए थे। इस साल के चुनाव में नक्सलवाद-उग्रवाद जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए लगभग दस हजार जवानों की तैनाती होगी। तैयारियों के बारे में जानिए
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झारखंड में कड़ी सुरक्षा के बीच होंगे चुनाव
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। नक्सल प्रभावित राज्य में दो चरणों के तहत चुनाव होंगे। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को होगा, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 20 नवंबर को होगी। चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो और बिना किसी भय के लोग, चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकें, इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों के करीब 10000 जवानों की अग्रिम तैनाती कर दी है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ की 35 कंपनियां, बीएसएफ की 25, सीआईएसएफ की 10, आईटीबीपी की 15 और एसएसबी की 15 कंपनियां, झारखंड भेजी गई हैं।
जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव से बढ़ा आत्मविश्वास
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब महाराष्ट्र व झारखंड में विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित की गई हैं। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर में भी शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराया है। वहां पर तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हुआ था। सभी उम्मीदवारों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए विशेष रणनीति तैयार की थी। विधानसभा चुनाव में आतंकी, किसी तरह की बाधा न पहुंचा सकें, इसके मद्देनजर जेएंडके में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 1000 कंपनियां तैनात की गई थी। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के एक लाख से अधिक जवानों ने जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराया है।
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 10 हजार जवानों की तैनाती
अब झारखंड विधानसभा चुनाव में अर्धसैनिक बलों की एडवांस तैनाती की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गत सप्ताह ही झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को सूचित किया है। निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की सौ कंपनियों (लगभग 10000 जवान) की अग्रिम तैनाती की जाएगी। केंद्रीय बलों को झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में एरिया डोमिनेशन, विश्वास बहाली के उपाय, फ्लैग मार्च और सर्विलांस का काम सौंपा गया है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की निर्धारित कंपनियां 14 अक्तूबर को अपने ड्यूटी स्थल पर पहुंच गई हैं।
केंद्रीय बलों की मूलभूत जरुरतों का ध्यान
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार से आग्रह किया था कि वह सीएपीएफ की तैनाती का डिटेल डेपलॉयमेंट प्लान तैयार करे। इस मामले में संबंधित फोर्स और चीफ फोर्स कोर्डिनेटर के साथ चर्चा की जाए। केंद्रीय बलों की मूवमेंट और डेपलॉयमेंट के समन्वय की जिम्मेदारी सीआरपीएफ को सौंपी गई है। चुनावी ड्यूटी के लिए आ रहे केंद्रीय बलों की मूलभूत जरुरतों का ध्यान रखा जाए। उनके ट्रांसर्पोटेशन, लॉजिस्टिक, रहने की जगह और दूसरी आवश्यकताओं बाबत त्वरित निर्णय लिया जाए। सीआरपीएफ से कहा गया है कि वह कंपनियों की मूवमेंट के लिए स्पेशल ट्रेन और पर्याप्त कोचों की व्यवस्था का काम देखें। इसके लिए रेलवे बोर्ड से अविलंब संपर्क करने के लिए कहा गया था। चुनाव के दौरान सीएपीएफ की सभी तरह की मूवमेंट की जानकारी प्रतिदिन केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी जाएगी
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केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 10 हजार जवानों की तैनाती
अब झारखंड विधानसभा चुनाव में अर्धसैनिक बलों की एडवांस तैनाती की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गत सप्ताह ही झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को सूचित किया है। निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की सौ कंपनियों (लगभग 10000 जवान) की अग्रिम तैनाती की जाएगी। केंद्रीय बलों को झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में एरिया डोमिनेशन, विश्वास बहाली के उपाय, फ्लैग मार्च और सर्विलांस का काम सौंपा गया है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की निर्धारित कंपनियां 14 अक्तूबर को अपने ड्यूटी स्थल पर पहुंच गई हैं।
केंद्रीय बलों की मूलभूत जरुरतों का ध्यान
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार से आग्रह किया था कि वह सीएपीएफ की तैनाती का डिटेल डेपलॉयमेंट प्लान तैयार करे। इस मामले में संबंधित फोर्स और चीफ फोर्स कोर्डिनेटर के साथ चर्चा की जाए। केंद्रीय बलों की मूवमेंट और डेपलॉयमेंट के समन्वय की जिम्मेदारी सीआरपीएफ को सौंपी गई है। चुनावी ड्यूटी के लिए आ रहे केंद्रीय बलों की मूलभूत जरुरतों का ध्यान रखा जाए। उनके ट्रांसर्पोटेशन, लॉजिस्टिक, रहने की जगह और दूसरी आवश्यकताओं बाबत त्वरित निर्णय लिया जाए। सीआरपीएफ से कहा गया है कि वह कंपनियों की मूवमेंट के लिए स्पेशल ट्रेन और पर्याप्त कोचों की व्यवस्था का काम देखें। इसके लिए रेलवे बोर्ड से अविलंब संपर्क करने के लिए कहा गया था। चुनाव के दौरान सीएपीएफ की सभी तरह की मूवमेंट की जानकारी प्रतिदिन केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी जाएगी