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Karnataka: बीजेपी चीफ जेपी नड्डा को बड़ी राहत, 'चुनाव में अनुचित प्रभाव' मामले में कार्यवाही पर रोक

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेंगलुरु Published by: ज्योति भास्कर Updated Thu, 12 Oct 2023 11:26 PM IST
सार

कर्नाटक उच्च न्यायालय से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने इसी साल अप्रैल में एक चुनावी रैली में की गई कुछ टिप्पणियों के संबंध में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

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Karnataka JP Nadda undue influence in election case High Court stays proceedings
Karnataka High Court - फोटो : PTI
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विस्तार
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कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर आपत्तिजनक बयान देने के आरोप लगे। उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की मांग के साथ हाईकोर्ट में केस दायर किया गया। हालांकि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने नड्डा के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह मामला हावेरी जिले की शिगगांव पुलिस ने दर्ज किया था।
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चुनौती देने वाली याचिका कर स्थगन आदेश
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने भारतीय दंड संहिता की धारा 171एफ और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123(2) के तहत "चुनाव में अनुचित प्रभाव या प्रतिरूपण के लिए सजा" के लिए दायर मामले को चुनौती देने वाली याचिका पर स्थगन आदेश जारी किया।
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19 अप्रैल के भाषण में क्या बोले नड्डा
स्थगन आदेश पारित करने के बाद हाईकोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए अगली तारीख तक स्थगित कर दिया। बता दें कि नड्डा के खिलाफ 19 अप्रैल, 2023 को एक चुनावी रैली में आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगा था। शिगगांव तालुक खेल के मैदान में भाषण देने के बाद नड्डा के खिलाफ दर्ज किया गया था।

नड्डा पर धमकाने के आरोप
नड्डा पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने मतदाताओं को धमकी दी कि यदि उन्होंने भाजपा का समर्थन नहीं किया, तो वे केंद्र सरकार से मिलने वाली मदद और उदारता से वंचित रह जाएंगे। चुनाव अधिकारी लक्ष्मण नंदी ने मतदाताओं पर अनुचित प्रभाव डालने का आरोप लगाते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी के पास नड्डा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

निचली अदालत में लंबित है मामला
मामला अब प्रधान सिविल और सीजेएम कोर्ट, हावेरी में लंबित है। वकील विनोद कुमार एम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें कहा गया कि मजिस्ट्रेट ने अधिकार क्षेत्र के बिना मामले के पंजीकरण की अनुमति दी थी।

प्राथमिकी रद्द करने का आदेश
इससे पहले हाईकोर्ट में ही न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने 7 अगस्त को भी नड्डा को राहत मिली थी। हरपनहल्ली पुलिस स्टेशन में इसी तरह के एक मामले में नड्डा के खिलाफ दायर एक प्राथमिकी को "अपराध का लापरवाह पंजीकरण" बताते हुए रद्द कर दिया था।
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