Karnataka: बीजेपी का कर्नाटक का किला फिर मजबूत, जगदीश शेट्टार की वापसी से पलट गई बाजी
दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कर्नाटक में शानदार जीत हासिल की थी। राज्य की 28 में से 25 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी, जबकि एक अन्य सीट पर उसका समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जीता था। जेडीएस और कांग्रेस को एक-एक सीटों पर जीत मिली थी।
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भाजपा ने कर्नाटक का किला एक बार फिर मजबूत कर लिया है। विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी छोड़कर गए लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार को भाजपा ने एक बार फिर अपने खेमे मेें लाने में सफलता पाई है। बृहस्पतिवार को जगदीश शेट्टार ने दोबारा भाजपा ज्वाइन कर लिया। उनके आने से भाजपा कर्नाटक के लिंगायत समुदाय के बीच एक बार फिर मजबूत हो सकती है और इससे लोकसभा चुनाव में उसकी संभावनाएं मजबूत हो सकती हैं।
दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कर्नाटक में शानदार जीत हासिल की थी। राज्य की 28 में से 25 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी, जबकि एक अन्य सीट पर उसका समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जीता था। जेडीएस और कांग्रेस को एक-एक सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा को वोटों के मामले में भी (51.38 प्रतिशत) लगभग अजेय बढ़त हासिल हुई थी।
लेकिन हाल ही में संपन्न हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव में उसकी सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। साथ ही, पार्टी ने कर्नाटक के ताकतवर लिंगायत समुदाय की उपेक्षा कर दी थी। उसने लिंगायत समुदाय के अपने ही पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को टिकट नहीं दिया। इससे नाराज शेट्टार ने पार्टी छोड़ दी जिसका भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ। जगदीश शेट्टार के साथ-साथ एक अन्य नेता लक्ष्मण सावदी ने भी भाजपा छोड़ दी। इससे भी पार्टी कमजोर हो गई थी।
लेकिन लोकसभा चुनाव आते ही पार्टी ने अपनी गलती सुधारी और एक-एक कर सभी कील कांटों को दुरुस्त कर अपना दक्षिण का किला मजबूत करना शुरू कर दिया। उसने अपने मजबूत लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा के सहारे लिंगायत नेताओं को अपने साथ लाना शुरू कर दिया। येदियुरप्पा ने जगदीश शेट्टार को भाजपा के खेमे में वापस ला दिया है। चर्चा यह भी है कि देर सबरे लक्ष्मण साउदी भी भाजपा में वापस आ सकते हैं। इसके पहले उसने कर्नाटक के जेडीएस से समझौता कर लिया। इससे भी उसका आधार वोट मजबूत हुआ था। बदले माहौल में भाजपा कर्नाटक में फिर एक बार शानदार प्रदर्शन कर सकती है।