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Karnataka: कर्नाटक में आधी रात से ट्रकों की हड़ताल शुरू, पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से नाराज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Published by: नितिन गौतम
Updated Mon, 14 Apr 2025 09:28 PM IST
सार
महासंघ ने आरोप लगाया कि 'राज्य टोल प्लाजा पर लगातार जबरन वसूली और उत्पीड़न के चलते ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्टर्स को अनावश्यक तनाव और आर्थिक बोझ झेलना पड़ता है।'
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ट्रक ऑपरेटर हड़ताल पर
- फोटो : संवाद
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विस्तार
ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और टोल संबंधी मुद्दों के खिलाफ कर्नाटक की ट्रक एसोसिएशन ने सोमवार आधी रात से हड़ताल का एलान कर दिया है। हड़ताल के चलते आज मध्य रात्रि से ही ट्रक कर्नाटक की सड़कों पर दिखाई नहीं देंगे। ऐसे में कर्नाटक के लोगों की परेशानी बढ़नी तय है। ट्रक संचालकों की फेडरेशन ऑफ कर्नाटक स्टेट लॉरी ओनर्स एंड एजेंट्स एसोसिएशन ने इस हड़ताल का एलान किया है।
ट्रक चालकों की एसोसिएशन ने कर्नाटक सरकार पर लगाए आरोप
एसोसिएशन के महासचिव सोमसुंदरम बालन का कहना है कि यह महासंघ कर्नाटक का सबसे बड़ा परिवहन निकाय है, जिसमें करीब छह लाख ट्रक पंजीकृत हैं। इस हड़ताल में ट्रक चालकों के 196 संगठन भी शामिल हैं। बालन ने कहा कि हमारी हड़ताल जारी रहेगी क्योंकि कर्नाटक सरकार ने उन्हें अभी तक बातचीत के लिए नहीं बुलाया है। हमारी मांगें ईंधन की बढ़ोतरी और टोल संबंधी मुद्दों के खिलाफ हैं। एसोसिएशन ने अपने सदस्यों को लिखे पत्र में कहा है कि उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल इसलिए हो रही है ताकि लंबे समय से लंबित अहम मुद्दों का समाधान किया जा सके।
ये भी पढ़ें- Gig Workers: अपना वादा पूरा करेगी तेलंगाना सरकार, गिग कामगारों को जीवन और दुर्घटना बीमा देने की तैयारी
ईंधन की कीमतों के लिए ये भी हैं शिकायतें
पत्र में कहा गया है कि कर्नाटक सरकार पेट्रोल डीजल की कीमतों पर भारी-भरकम वैट लगा रही है, जिससे बीते नौ महीनों में प्रति लीटर पेट्रोल पर पांच रुपये की वृद्धि हुई है। इससे ट्रांसपोर्टर्स की परिचालन लागत काफी बढ़ गई है। महासंघ ने आरोप लगाया कि 'राज्य टोल प्लाजा पर लगातार जबरन वसूली और उत्पीड़न के चलते ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्टर्स को अनावश्यक तनाव और आर्थिक बोझ झेलना पड़ता है।' इसके अलावा, जीएसटी लागू होने के बावजूद सीमा चौकियों को समाप्त न करना, और पुराने वाहनों के लिए फिटनेस नवीनीकरण शुल्क में होने वाली वृद्धि, छोटे और मध्यम ऑपरेटरों को बुरी तरह प्रभावित करेगी, जैसे कारण गिनाए गए हैं।
महासंघ ने आरोप लगाया कि उसका आंदोलन बंगलूरू में अनुचित नो-एंट्री प्रतिबंधों के खिलाफ भी है, जिससे उनकी संचालन क्षमता और माल की समय पर डिलीवरी प्रभावित होती है। साथ ही गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों द्वारा ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्ट्स का उत्पीड़न किया जाता है, इससे उन्हें मानसिक परेशानी झेलनी पड़ती है।
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ट्रक चालकों की एसोसिएशन ने कर्नाटक सरकार पर लगाए आरोप
एसोसिएशन के महासचिव सोमसुंदरम बालन का कहना है कि यह महासंघ कर्नाटक का सबसे बड़ा परिवहन निकाय है, जिसमें करीब छह लाख ट्रक पंजीकृत हैं। इस हड़ताल में ट्रक चालकों के 196 संगठन भी शामिल हैं। बालन ने कहा कि हमारी हड़ताल जारी रहेगी क्योंकि कर्नाटक सरकार ने उन्हें अभी तक बातचीत के लिए नहीं बुलाया है। हमारी मांगें ईंधन की बढ़ोतरी और टोल संबंधी मुद्दों के खिलाफ हैं। एसोसिएशन ने अपने सदस्यों को लिखे पत्र में कहा है कि उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल इसलिए हो रही है ताकि लंबे समय से लंबित अहम मुद्दों का समाधान किया जा सके।
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पत्र में कहा गया है कि कर्नाटक सरकार पेट्रोल डीजल की कीमतों पर भारी-भरकम वैट लगा रही है, जिससे बीते नौ महीनों में प्रति लीटर पेट्रोल पर पांच रुपये की वृद्धि हुई है। इससे ट्रांसपोर्टर्स की परिचालन लागत काफी बढ़ गई है। महासंघ ने आरोप लगाया कि 'राज्य टोल प्लाजा पर लगातार जबरन वसूली और उत्पीड़न के चलते ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्टर्स को अनावश्यक तनाव और आर्थिक बोझ झेलना पड़ता है।' इसके अलावा, जीएसटी लागू होने के बावजूद सीमा चौकियों को समाप्त न करना, और पुराने वाहनों के लिए फिटनेस नवीनीकरण शुल्क में होने वाली वृद्धि, छोटे और मध्यम ऑपरेटरों को बुरी तरह प्रभावित करेगी, जैसे कारण गिनाए गए हैं।
महासंघ ने आरोप लगाया कि उसका आंदोलन बंगलूरू में अनुचित नो-एंट्री प्रतिबंधों के खिलाफ भी है, जिससे उनकी संचालन क्षमता और माल की समय पर डिलीवरी प्रभावित होती है। साथ ही गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों द्वारा ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्ट्स का उत्पीड़न किया जाता है, इससे उन्हें मानसिक परेशानी झेलनी पड़ती है।
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