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खबरों के खिलाड़ी: ट्रंप का बदला सुर क्या भारत के लिए शुभ संकेत, पड़ोस की हलचल के विश्लेषकों ने बताए मायने

इलेक्शन डेस्क, अमर उजाला Published by: संध्या Updated Sat, 01 Nov 2025 05:01 PM IST
सार

अमेरिका के राष्ट्रपति की चर्चा उनके पद पर आने के बाद से लगातार हो रही है।  कभी वह टेरिफ के लेकर तो सभी दूसरे देश के दौरे को लेकर चर्चा में बने रहते है। इस सबके बाद भी भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था के साथ सामने आ रहा है। 

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khabron ke khiladi Is Trump's change of tone a good sign for India Analysts explain the significance of develo
फैक्ट चेक - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दुनिया तेजी से बदल रही है। इन दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरों और टैरिफ से हर देश में हलचल है। वहीं, दूसरी ओर भारत के पड़ोसी देशों में हो रही हलचल से भारत को कैसे सतर्क रहने की जरूरत है? इस वक्त के वैश्विक हालात पर इस हफ्ते  ‘खबरों के खिलाड़ी’ में चर्चा हुई। चर्चा के लिए वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह, विनोद अग्निहोत्री, समीर चौगांवकर, पूर्णिमा त्रिपाठी और अभिषेक कुमार मौजूद रहे। 

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रामकृपाल सिंह: इस समय भारत के सामने कई चुनौतियां हैं। इनमें भारत की अभी तक की जो भूमिका रही है, उसे देखकर हर कोई नतमस्तक है कि भारत ने अपनी स्थिति को जिस तरह से रखा है। जब से ये चीजें (टैरिफ) लगी तब ये कहा गया था भारत का एक्सपोर्ट बहुत गिर जाएगा, लेकिन सितंबर में ऐसा नहीं हुआ है। यहां तक कि आईएमएफ ने हमारी ग्रोथ रेट भी 6.5 से बढ़ाकर 6.6 कर दिया है। 

समीर चौगांवकर: चीन और पाकिस्तान हमेशा से नजदीक रहे हैं। पाकिस्तान चीन की मदद से ही भारत के अंदर हरकरते करने के दुस्साहस करता रहा है। भारत इस बात को जानता है। वो दुनिया को संदेश दे रहा है कि भारत कहां पहुंच गया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने ये देखा है। भारत की ताकत अमेरिका को भी परेशान करती है और चीन को भी परेशान करती है। 

अभिषेक कुमार: चीन के सामने जो वन साइडेड ट्रेड बैलेंस हो वो एक दिन में नहीं हुआ है। मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास में जो परिस्थितियां हैं उसका असर भी देखा जा सकता है। जब चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया था उसी वक्त यह तय हो गया था कि चीन के साथ हमारे सीमा विवाद अनंत काल तक जारी रहेंगे। अमेरिका के साथ हमारे संबंध कैसे है? ज्यादातर पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंध कैसे है? उसी से तय होना है कि भारत की स्थिति क्या है। 

पूर्णिमा त्रिपाठी: पाकिस्तान भारत के सामने है ही क्या? पाकिस्तान खुद ही एक ऐसा देश है जो अमेरिका की गोद में बैठा हुआ है। उसकी बात पर क्या ही कहा जाए। अमेरिका अपने हिसाब से पाकिस्तान को उठाता गिराता रहता है। भारत को इसे लेकर सतर्क रहने की जरूरत है कि पाकिस्तान जो घुसपैठ करने की कोशिश करता है, हमारे यहां अस्थिरता फैलाने की कोशिश करता है उससे सतर्क रहने की जरूरत है। भारत के पास सबसे बड़े ताकत है उसकी स्वतंत्र स्टैंडिग, जिसे हमने बरकरार रखा है।   

विनोद अग्निहोत्री: डोनाल्ड ट्रंप बहुत चतुर नेता है। मैं उनके बयानों को लेकर बहुत धारणा नही बनाता हूं। वो करते क्या हैं, उसे देखकर बनाता हूं। अभी जो हो रहा है वो अपने आप में वो अच्छे संकेत हैं। भारत का जो विमर्श है वो पाकिस्तान सेंट्रिक ज्यादा हो गया है। उसकी वजह देश की राजनीति है। मुझे लगता है कि इस विमर्श को चीन सेंट्रिक ज्यादा होना चाहिए। अमेरिका सेंट्रिक होना चाहिए, यूरोप सेंट्रिक होना चाहिए।

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