खालिस्तान: पाकिस्तान की नापाक चाल में फंसे ट्रूडो! 'सियासी' फायदा लेने के चक्कर में दांव पर लगाए राजनयिक संबंध
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विस्तार
खालिस्तानी आतंकियों को लेकर भारत और कनाडा के बीच जारी विवाद अभी थमता हुआ नजर नहीं आ रहा। कनाडा ने भारतीय राजनयिक को स्वदेश लौटने के लिए कहा, तो उसके कुछ ही घंटे बाद भारत ने भी कनाडा के राजनयिक के साथ वही किया। कनाडा के राजनयिक को सख्त लहजे में पांच दिन के भीतर देश छोड़ने के लिए कह दिया। भारत के इस कदम से कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को झटका लगा। उन्होंने अपने बयान पर दोबारा से सफाई देने का प्रयास किया। जस्टिन ट्रूडो को खालिस्तान आतंकियों के बारे में विस्तार से बता चुके पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह कहते हैं, 2018 में जब ट्रूडो पंजाब आए थे, तो उन्हें कनाडा में पनप रही खालिस्तान की जड़ों को लेकर सचेत किया गया था। इसके बाद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजा, कनाडा में खालिस्तान की जड़ें तेजी से जमती हुई नजर आईं। जानकारों का कहना है कि जस्टिन ट्रूडो, पाकिस्तान की नापाक चाल में फंस गए हैं। अब वे खालिस्तानी आतंक से 'सियासी' फायदा लेने के चक्कर में हैं। इसके लिए उन्होंने दोनों देशों के राजनयिक संबंधों को भी दांव पर लगा दिया है।
कनाडा ने भारत विरोधी गतिविधियों को नहीं रोका
पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार हो सकती है। हालांकि निज्जर, एनआईए के टॉप मोस्ट आतंकियों की सूची में शामिल था। जस्टिन ट्रूडो के इस बयान के बाद खालिस्तानी निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका की जांच के मद्देनजर कनाडा ने भारत के शीर्ष राजनयिक को निष्कासित कर दिया। इसके बाद भारत ने भी सख्त रुख अख्तियार करते हुए कनाडा के राजयनिक को देश छोड़ने के लिए कह दिया। ट्रूडो ने भारत की संलिप्तता की बात कही। इस बयान के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए भारत में कनाडा के राजनयिक को बर्खास्त कर दिया। कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे ने कहा, पीएम जस्टिन ट्रूडो को सभी तथ्यों के साथ सफाई देनी चाहिए थी। निज्जर, एनआईए के टॉप मोस्ट आतंकियों की सूची में शामिल था। इसके बावजूद कनाडा की सरकार ने अपनी जमीन पर भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम नहीं उठाया।
वोट बैंक की राजनीति के जाल में फंसे ट्रूडो
पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख और भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की पश्चिमी कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में हत्या हुई थी। दो अज्ञात हमलावरों ने 18 जून को एक गुरुद्वारे के बाहर निज्जर को गोली मारी थी। खालिस्तानी आतंकी पर एनआईए ने 10 लाख रुपये का इनाम रखा था। वह हत्या आपसी विवाद का नतीजा थी। अमरिंदर सिंह ने कहा, दुर्भाग्य से कनाडा के पीएम ट्रूडो, वोट बैंक के सियासी जाल में फंस गए हैं। उन्होंने भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों को दांव पर लगा दिया है। किसी देश के प्रधानमंत्री के लिए अपनी संसद में बिना पुख्ता सबूत के कोई बयान देना, बेहद गैर-जिम्मेदाराना माना जाता है। ट्रूडो ने वोट बैंक की राजनीति के चलते दो देशों के बीच संबंधों को खराब करने का प्रयास किया है। ट्रूडो सरकार ने कनाडा में भारत विरोधी ताकतों को खुली छूट दे रखी है। भारतीय मिशनों पर हमला किया जा रहा है।
पाकिस्तान के इशारे पर एजेंडे को सफल नहीं होने देंगे
अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा (एआईएटीएफ) के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने बुधवार को कनाडाई सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, अगर कोई भी देश, भारत को तोड़ने या विभाजित करने की कोशिश करेगा, तो उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। बिट्टा ने कनाडा की सरकार पर आरोप लगाया कि वह वोटों के लिए खालिस्तानियों को संरक्षण दे रही है। उन्होंने पाकिस्तान के इशारे पर चलाए जा रहे किसी भी एजेंडे को सफल नहीं होने देने की बात कही। देश और विदेश में जहां पर भी सिख समुदाय निवास करता है, उसे एक साथ खड़ा होना होगा। इसमें गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों को भी अपना सहयोग देना चाहिए। पड़ोसी मुल्क के इशारे पर देश को बांटने की नापाक चालों को करारा जवाब देना जरूरी है। हडसन इंस्टीट्यूट थिंक टैंक में अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट में विशेषज्ञ माइकल रुबिन ने कहा, ट्रूडो ने संसद में जो बात कही है, वह शर्मनाक और निंदनीय है।
भारत ने आरोपों को किया पूरी तरह खारिज
भारत के विदेश मंत्रालय ने कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि कनाडा के प्रधानमंत्री ने संसद में जो कुछ भी कहा, उसे हम खारिज करते हैं। कनाडा की विदेश मंत्री के बयान को भी हम नकारते हैं। भारत सरकार पहले भी निज्जर की हत्या के आरोपों को खारिज करती रही है। पिछले दिनों 'जी20' शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो दिल्ली पहुंचे थे। पीएम मोदी ने जस्टिन ट्रूडो के समक्ष कनाडा में सिख अलगाववादी गतिविधियों और भारतीय राजनयिकों पर हमलों का मुद्दा उठाया था। उसके बाद जस्टिन ट्रूडो के स्वदेश लौटते ही वहां की वाणिज्य मंत्री मैरी एनजी के प्रवक्ता ने भारत से द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत रोकने की बात कह दी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, कनाडा में किसी भी तरह की हिंसा में भारत सरकार के शामिल होने का आरोप, हास्यास्पद और राजनीति से प्रेरित है। ऐसे बेबुनियाद आरोप, खालिस्तानी आतंकवादी और अतिवादियों से ध्यान भटकाने के लिए हैं।