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जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश की महिलाओं को बताया शराबी: इस दावे में कितनी सच्चाई, क्या कहते हैं आंकड़े?

स्पेशल डेस्क, अमर उजाला Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Tue, 26 Aug 2025 08:28 PM IST
सार
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से मध्य प्रदेश की महिलाओं को लेकर ये बयान असल में किस संदर्भ में दिया गया था? इसे लेकर कैसे राज्य में सियासत शुरू हो गई? सरकारी आंकड़े पटवारी के बयान को कितना सही या गलत बताते हैं? मध्य प्रदेश में बीते वर्षों में पुरुषों और महिलाओं में शराब उपभोग के आंकड़े क्या रहे हैं? आइये जानते हैं...
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Madhya Pradesh Congress President Jitu Patwari Controversy Women Alcohol Consumption claim NFHS-5 and NFHS-4
भारत और मध्य प्रदेश में महिलाओं के शराब सेवन के आंकड़े। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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मध्य प्रदेश कांग्रेस में इस वक्त सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हाल ही में पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर जाने के मुद्दे पर परोक्ष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधा था। प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस पूरे मामले को दो करीबियों के बीच का मुद्दा बताकर दबाने की कोशिश भी की, हालांकि अब पटवारी के ही एक बयान पर बवाल शुरू हो गया है। 


दरअसल, पटवारी ने कहा है कि देशभर में मध्य प्रदेश की महिलाएं सबसे ज्यादा शराब पीती हैं। उनके बयान पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और महिला नेताओं ने इसे महिलाओं का अपमान बताया है। 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से मध्य प्रदेश की महिलाओं को लेकर ये बयान असल में किस संदर्भ में दिया गया था? इसे लेकर कैसे राज्य में सियासत शुरू हो गई? सरकारी आंकड़े पटवारी के बयान को कितना सही या गलत बताते हैं? मध्य प्रदेश में बीते वर्षों में पुरुषों और महिलाओं में शराब सेवन के आंकड़े क्या रहे हैं? आइये जानते हैं...


 

पहले जानें- जीतू पटवारी का पूरा बयान
जीतू पटवारी मंगलवार को भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मध्य प्रदेश में भाजपा की नीतियों पर निशाना साध रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, "जिस जगह को एक समय समृद्धि की धरती कहा जाता था, वह अब नशे में डूब चुकी है। पटवारी राज्य की भाजपा सरकार पर नशा, बेरोजगारी और कुपोषण पर हमला कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश को तमगा मिला है कि प्रदेश की महिलाएं देश में सबसे ज्यादा शराब पीती हैं। समृद्ध मध्य प्रदेश का सपना दिखाने वाली भाजपा ने यह हालत कर दिए है, जितना ड्रग का कारोबार यहां होता है उतना दूसरे किसी राज्य में नहीं होता। मुख्यमंत्री ने यह प्रयास नहीं किए कि इससे निजात कैसे दिलाएं।" 

पटवारी ने कहा, "हमारी बहनें, बेटियां नशा करने लगी हैं, लाडली बहना के नाम पर वोट तो ले लिए और मध्य प्रदेश में बहना ही सबसे ज्यादा नशा करती हैं। इस पर विचार करना चाहिए। अगर आपका बेटा बेरोजगार है और घर में नशे में आता है तो मैं 100 फीसदी कह सकता हूं कि इसके लिए भाजपा, शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव जिम्मेदार हैं।" 

भाजपा ने कैसे किया पलटवार?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश की लाडली बहनों को शराबी बताकर उनका घोर अपमान किया है। जनता इस अपमान का हिसाब लेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति को ‘शराबी’ कहकर अपमानित किया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पटवारी का बयान न केवल मध्य प्रदेश की महिलाओं का अपमान है, बल्कि कांग्रेस की महिला विरोधी कुत्सित मानसिकता का एक अशोभनीय उदाहरण है।

मध्य प्रदेश: जीतू पटवारी बोले- MP की महिलाएं पीती हैं सबसे ज्यादा शराब, CM यादव ने कहा, यह बहनों का अपमान

अब जानें- क्या कहते हैं शराब उपभोग के आंकड़े?
केंद्र सरकार की तरफ से हर पांच साल के अंतराल पर कराए जाने वाले राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) में शराब उपभोग के आंकड़े दिए जाते हैं। इसमें भारत में शराब उपभोग के आंकड़ों का सार दिया जाता है। रिपोर्ट में आयु वर्ग के अलावा लिंग के आधार पर भी शराब पीने वाली जनसंख्या का ब्योरा मौजूद है। चलिए जानते हैं इस सर्वे में मध्य प्रदेश और बाकी राज्यों में शराब उपभोग और महिलाओं के शराब पीने के अनुमानित आंकड़े क्या हैं...
 

क्या कहती है एनएफएचएस-5 सर्वे रिपोर्ट?
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की सबसे ताजा रिपोर्ट एनएफएचएस-5 है। ये 2019-21 के बीच हुए सर्वेक्षण का ब्योरा मुहैया कराती है, उसके मुताबिक भारत में 15 साल से ज्यादा उम्र के 19 फीसदी पुरुष और महज 1.2 फीसदी महिलाएं ही शराब का उपभोग करती हैं। जिन राज्यों में महिलाएं सबसे ज्यादा शराब पीती हैं, उनमें अरुणाचल प्रदेश पहले स्थान पर है। इसके बाद सिक्किम का स्थान है।
 



एक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि जो महिलाएं शराब पीती हैं, उनमें 17 प्रतिशत लगभग हर दिन इसका सेवन करती हैं, जबकि 37 फीसदी इसे हर हफ्ते इसका सेवन करती हैं।

मध्य प्रदेश के आंकड़े क्या?
  • एनएफएचएस-5 के आंकड़ों से साफ है कि मध्य प्रदेश में महिलाओं के शराब सेवन का आंकड़ा करीब एक फीसदी पर है। यानी सर्वे के मुताबिक, 100 महिलाओं में से औसतन सिर्फ एक महिला ही शराब का सेवन करती है। जबकि भारत के लिए यह आंकड़ा 1.3 फीसदी है। 
  • यानी महिलाओं के शराब उपभोग के मामले में मध्य प्रदेश का औसत देश के औसत से कम है। राज्यों से तुलना की जाए तो महिलाओं के शराब उपभोग के मामले में मध्य प्रदेश 14वें स्थान पर आता है। यहां शहरी क्षेत्र में 0.5 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र में 1.2 फीसदी महिलाएं शराब का सेवन करती हैं।
  • 15-49 आयु वर्ग में मध्य प्रदेश में शराब का सेवन करने वाली महिलाओं की संख्या महज 0.4 फीसदी है, वहीं पुरुषों की संख्या 20 प्रतिशत है। यानी इस आयु वर्ग में जहां 1000 में से चार महिलाएं शराब का सेवन करती है, वहीं हर 100 में से पांच पुरुष शराब का सेवन करते हैं।

तो मध्य प्रदेश में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी या घटी?
एनएफएचएस-4 के आंकड़ों को देखा जाए तो सामने आता है कि केंद्र की तरफ से पहले इस संबंध में 15-49 आयु वर्ग का ही डाटा इकट्ठा किया गया था। भारत में 2015-16 में महिलाओं में शराब सेवन का औसत आंकड़ा 1.2 प्रतिशत पर था। वहीं पुरुषों का आंकड़ा 29.2 फीसदी का था। यानी तकरीबन पांच साल के अंतराल में (2015-16 से 2019-21 के बीच) महिलाओं का शराब पीने का आंकड़ा 0.7 फीसदी पर आ गया। उधर, पुरुषों के शराब सेवन का आंकड़ा सात फीसदी तक घट गया। 

उधर मध्य प्रदेश की बात करें तो एनएफएचएस-4 में महिलाओं के शराब सेवन का आंकड़ा 1.6 फीसदी था। यानी एक हजार में से 16 महिलाएं शराब पीती थीं। शहरी क्षेत्र में 0.6 प्रतिशत महिलाएं शराब उपभोग की बात मानती थीं, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में यह आंकड़ा 2.1 प्रतिशत दर्ज हुआ। 

एनएफएचएस-4 के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 15-49 आयु वर्ग की जो महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, उनमें से 16.9 प्रतिशत लगभग रोज इसका उपभोग करती थीं। वहीं, 41.2 प्रतिशत हफ्ते में एक बार और 42 प्रतिशत कई हफ्तों के अंतराल में शराब पीती थीं। 

यानी कुल मिलाकर 2015-16 के मुकाबले 2019-21 में मध्य प्रदेश में महिलाओं में शराब सेवन के आंकड़े में बड़ी कमी दर्ज की गई।
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