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Maharashtra: महिला डॉक्टर ने हथेली पर सुसाइड नोट लिख की आत्महत्या; दो पुलिसकर्मियों पर लगाया दुष्कर्म का आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Fri, 24 Oct 2025 03:40 PM IST
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सार
महाराष्ट्र के सतारा में सरकारी अस्पताल की एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। उसने अपनी हथेली पर सुसाइड नोट लिखकर दो पुलिसकर्मियों पर दुष्कर्म और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोनों आरोपियों को तत्काल निलंबित करने और सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या, दो पुलिसकर्मियों पर लगाया दुषकर्म का आरोप
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। फलटन तहसील के सरकारी अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। डॉक्टर ने अपनी हथेली में सुसाइड नोट लिख दो पुलिसकर्मियों पर दुष्कर्म और मानसिक उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला सामने आते ही पूरे राज्य में सनसनी फैल गई।
पुलिस के अनुसार, महिला डॉक्टर का शव गुरुवार देर रात फलटन स्थित एक होटल के कमरे में फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला। होटल स्टाफ की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की। मृतका मूल रूप से बीड जिले की रहने वाली थी और पिछले कुछ महीनों से फलटन के सरकारी अस्पताल में कार्यरत थी।
सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप
महिला डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि सतारा पुलिस के दो कर्मियों ने उसे पिछले पांच महीनों से शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उसने अपने हाथ पर लिखे सुसाइड नोट में बताया कि उपनिरीक्षक गोपाल बडाने ने कई बार उसका दुष्कर्म किया, जबकि पुलिसकर्मी प्रशांत बंकर लगातार मानसिक उत्पीड़न करता रहा। पुलिस ने दोनों के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और सुसाइड नोट में दर्ज आरोपों की जांच की जा रही है।
ये भी पढ़ें- 'भारत जल्दबाजी में या बंदूक की नोक पर व्यापार समझौते नहीं करता', बर्लिन में पीयूष गोयल की दो टूक
मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप और कार्रवाई के आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत सतारा के पुलिस अधीक्षक से बात की और दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों के तत्काल निलंबन का आदेश दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि फडणवीस ने गृह विभाग के प्रमुख के तौर पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं ताकि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए।
ये भी पढ़ें- पीएम मोदी ने बोले- राजद-कांग्रेस ने बिहार के भविष्य को अधर में लटकाया, इनसे सावधान रहें
महिला आयोग भी हुआ सक्रिय
घटना पर महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि आयोग ने सतारा पुलिस को कड़े निर्देश जारी किए हैं और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। चाकणकर ने कहा कि इस अमानवीय घटना में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा। महिला की मौत को न्याय मिलेगा।
वहीं, मामले में महिला डॉक्टर के चचेरे भाई ने कहा कि मेरी बहन पर गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के लिए पुलिस और राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा था। उसने इसकी शिकायत करने की कोशिश की थी। मेरी बहन को न्याय मिलना चाहिए। आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
आरोपियों को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए- शिवसेना यूबीटी
शिवसेना (यूबीटी) नेता आनंद दुबे ने मामले पर कहा कि यह दिल दहला देने वाली घटना है। क्या हम 'जंगल राज' की ओर बढ़ रहे हैं? हम देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध करते हैं कि वे अपने मंत्रियों से कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के बारे में पूछताछ करें। साथ ही सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। आरोपियों को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए। पूरे राज्य में अपराध हो रहे हैं।
पंकजा मुंडे बोलीं- न्याय मिलेगा
महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए। न्याय मिलना चाहिए। अगर एक शिक्षित डॉक्टर, जिसने इतने सारे लोगों की जान बचाई है, उसे इस स्थिति से गुजरना पड़े, तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे गृह मंत्री और मुख्यमंत्री इस मामले का संज्ञान लेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि न्याय मिले।
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पुलिस के अनुसार, महिला डॉक्टर का शव गुरुवार देर रात फलटन स्थित एक होटल के कमरे में फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला। होटल स्टाफ की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की। मृतका मूल रूप से बीड जिले की रहने वाली थी और पिछले कुछ महीनों से फलटन के सरकारी अस्पताल में कार्यरत थी।
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सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप
महिला डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि सतारा पुलिस के दो कर्मियों ने उसे पिछले पांच महीनों से शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उसने अपने हाथ पर लिखे सुसाइड नोट में बताया कि उपनिरीक्षक गोपाल बडाने ने कई बार उसका दुष्कर्म किया, जबकि पुलिसकर्मी प्रशांत बंकर लगातार मानसिक उत्पीड़न करता रहा। पुलिस ने दोनों के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और सुसाइड नोट में दर्ज आरोपों की जांच की जा रही है।
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मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप और कार्रवाई के आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत सतारा के पुलिस अधीक्षक से बात की और दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों के तत्काल निलंबन का आदेश दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि फडणवीस ने गृह विभाग के प्रमुख के तौर पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं ताकि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए।
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महिला आयोग भी हुआ सक्रिय
घटना पर महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि आयोग ने सतारा पुलिस को कड़े निर्देश जारी किए हैं और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। चाकणकर ने कहा कि इस अमानवीय घटना में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा। महिला की मौत को न्याय मिलेगा।
वहीं, मामले में महिला डॉक्टर के चचेरे भाई ने कहा कि मेरी बहन पर गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के लिए पुलिस और राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा था। उसने इसकी शिकायत करने की कोशिश की थी। मेरी बहन को न्याय मिलना चाहिए। आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
आरोपियों को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए- शिवसेना यूबीटी
शिवसेना (यूबीटी) नेता आनंद दुबे ने मामले पर कहा कि यह दिल दहला देने वाली घटना है। क्या हम 'जंगल राज' की ओर बढ़ रहे हैं? हम देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध करते हैं कि वे अपने मंत्रियों से कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के बारे में पूछताछ करें। साथ ही सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। आरोपियों को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए। पूरे राज्य में अपराध हो रहे हैं।
पंकजा मुंडे बोलीं- न्याय मिलेगा
महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए। न्याय मिलना चाहिए। अगर एक शिक्षित डॉक्टर, जिसने इतने सारे लोगों की जान बचाई है, उसे इस स्थिति से गुजरना पड़े, तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे गृह मंत्री और मुख्यमंत्री इस मामले का संज्ञान लेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि न्याय मिले।
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