कोरेगांव हिंसा के बाद दलित संगठनों ने किया आज महाराष्ट्र बंद का आह्वान,धारा 144 लागू


#BhimaKoregaonViolence Section 144 imposed in Maharashtra's Thane till 4th January midnight
विज्ञापन— ANI (@ANI) January 3, 2018विज्ञापन
वहीं डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के पोते और एक्टिविस्ट प्रकाश आंबेडकर सहित आठ संगठनों ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने न्यायिक जांच के जो आदेश दिए गए हैं वो उन्हें मंजूर नहीं हैं।
हिंसक घटनाओं को देखते हुए औरंगाबाद में धारा-144 लागू कर दी गई है। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। नासिक में दलित संगठनों ने सड़कें जाम कीं और मुंबई में रेल रोको आंदोलन किया।
औरंगाबाद और अहमदनगर के लिए बस सेवा निरस्त कर दी गई जबकि कई लोकल ट्रेनों की सर्विस भी प्रभावित हुई। वैसे पुलिस ने इस हंगामें से निपटने की पूरी चाक चौबंद व्यवस्था की है लेकिन शाम होते-होते पूरे मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया और इस जातीय हंगामें को नया रूप दिया कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्वीट ने। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि भारत के लिए आरएसएस और भाजपा के फासीवादी सोच है कि वो भारतीय समाज में दलितों को उठने नहीं देना चाहते हैं। महाराष्ट्र दंगे के बहाने उन्होंने ऊना मामला, रोहित वेमुला और भीम कोरेगांव को याद किया और उनके प्रतिरोध को दलितों की आवाज तक बताया है।
वहीं भीम राव अंबेडकर के पोते और एक्टिविस्ट प्रकाश अंबेडकर ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वाहन किया है।
A central pillar of the RSS/BJP’s fascist vision for India is that Dalits should remain at the bottom of Indian society. Una, Rohith Vemula and now Bhima-Koregaon are potent symbols of the resistance.
— Office of RG (@OfficeOfRG) January 2, 2018
बता दें कि पुणे में सोमवार को उस समय हिंसा भड़की भीम कोरेगांव में लोग शौर्य दिवस मना रहे थे। तभी दलितों और मराठा संगठन के लोगों के बीच हिंसा भड़क गई। हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई और कई के घायल होने की खबर है। हिंसा के बाद मुंबई में जगह जगह प्रदर्शन हुए वहीं 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। मुंबई के चेंबूर सहित सभी प्रमुख स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
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200 साल पहले 1818 में पेशवा को अंग्रेजों ने दलितों के साथ मिलकर हराया था। 1 जनवरी को भीमा कोरेगांव युद्ध के 200 साल पूरे होने पर लाखों की संख्या में दलित शौर्य दिवस मनाने इकट्ठा हुए थे।
Request will be made to SC for judicial inquiry in Koregaon violence matter and CID inquiry will also be conducted on the death of the youth. 10 lakh compensation for victim's kin: Maharashtra CM Devendra Fadnavis pic.twitter.com/UdtDuYcQwN
— ANI (@ANI) January 2, 2018
पुलिस के मुताबिक, दलित समुदाय के पांच लाख से ज्यादा लोग शौर्य दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए थे। भीम कोरेगांव के जय स्तंभ पर मुख्य कार्यक्रम शांतिपूर्वक चल रहा था, हालांकि पड़ोस के गांवों में हिंसा भड़क गई। कार्यक्रम का आयोजन हर साल किया जाता था, हालांकि इस बार हिंसा भड़क गई।
Maharashtra: Violence between two groups during an event to mark 200 years of the Bhima Koregaon battle near Pune yesterday, vehicles set on fire pic.twitter.com/5RpITAK4qB
— ANI (@ANI) January 2, 2018
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हिंसा की न्यायिक जांच भी होगी। मुख्यमंत्री ने मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए के मुआवजे का भी ऐलान किया है।
भीम राव अंबेडकर और कांशीराम भी जाते थे भीमा कोरेगांव

उन्होंने कहा कि यह घटना रोकी जा सकती थी क्योंकि यह पहली बार नहीं है कि जब दलित लोग वहां जा रहे थे इसके लिए महाराष्ट्र सरकार जिम्मेदार है। जब सरकार को पहले से पता था तो उन्होंने व्यवस्था के उचित प्रबंध क्यों नहीं किए।
Complaint against Jignesh Mevani & Umar Khalid received at Pune's Deccan Police Station, complainant alleges they made provocative statements that led to tension b/w two communities. (File Pics) pic.twitter.com/qaZOej3iX1
— ANI (@ANI) January 2, 2018
वहीं दूसरी ओर इस मामले में दलित नेता जग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के खिलाफ पुणे के एक थाने में शिकायत दर्ज की गई है। उनके खिलाफ शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने इस मामले में जो बयानबाजी की है उससे दो समुदायों को भड़काने का काम किया है।